- Date : 27/07/2023
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Income Tax के नोटिस को नज़रअंदाज़ करने से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अनिवार्य जांच और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

Income Tax notice: आयकर विभाग उन करदाताओं की जांच तेज करने के लिए तैयार है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस की उपेक्षा कर रहे हैं। नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जिनमें ऐसे मामलों को शामिल करने के लिए जांच के दायरे को व्यापक बनाया गया है जहाँ जहां करदाता विभाग के संचार का जवाब देने में विफल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, यदि किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी या नियामक प्राधिकरण द्वारा टैक्स चोरी के बारे में विशिष्ट जानकारी प्रदान की जाती है तो जांच शुरू करने का प्रावधान बनाया गया है।
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धारा 143 (2) के तहत मिलेगा टैक्सपेयर्स को नोटिस
इस तरह मुद्दों के समाधान के लिए विभाग आयकर अधिनियम की धारा 143 (2) के तहत करदाताओं को नोटिस भेजेगा। आय में विसंगतियों को उजागर करने वाले ये नोटिस 30 जून तक भेजे जाएंगे। इसके बाद करदाताओं को अपने मामले का समर्थन करने के लिए प्रासंगिक दस्तावेज प्रदान करना होगा। यदि अधिनियम की धारा 142 (1) के तहत नोटिस का कोई जवाब नहीं मिलता है, तो ऐसे मामलों मे आगे की कार्रवाई हेतु एनएएफएसी यानि नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर को भेजने का प्रावधान तय किया गया है।
विभाग उन मामलों की एक व्यापक सूची भी संकलित करेगा जिनमें करदाता सक्षम अधिकारियों द्वारा छूट रद्द करने या वापस लेने के बावजूद कर छूट या कटौती का दावा करते हैं।
क्या कहती है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट गाइडलाइन
आयकर विभाग की धारा 142 (1) के तहत, टैक्स अधिकारियों को टैक्स रिटर्न दाखिल करने में अस्पष्टता या गड़बड़ देखाई देने के बाद नोटिस जारी करने का अधिकार है। ऐसे मामलों में जहां रिटर्न सही तरीके से दाखिल नहीं किया गया है, वहाँ करदाताओं से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक जानकारी प्रदान करने का अनुरोध किया जाता है।
नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (NaFAC) की महत्वपूर्ण भूमिका
नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (एनएएफएसी) की क्षमताओं का लाभ उठाकर आयकर विभाग का लक्ष्य आयकरदाताओं को नोटिस देने के लिए अपनी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है। इस केंद्रीकृत मंच का उपयोग करके, विभाग पूरी जांच प्रक्रिया के दौरान करदाताओं के साथ लगातार और कुशल संचार सुनिश्चित करना चाहता है।
NaFAC की भागीदारी के साथ आयकर अधिनियम की धारा 143 (2) के तहत नोटिस जारी करना, कर जांच के लिए एक आधुनिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। इन पहलों के माध्यम से, विभाग करदाताओं से उनकी आय और कर देनदारियों का सटीक आकलन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जानकारी और दस्तावेज एकत्र करने का प्रयास करता है।
टैक्सपेयर्स के लिए नई गाइडलाइन
आयकर विभाग कर नियमों को लागू करने और आयकरदाताओं के बीच गैर-जवाबदेही को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। तकनीकी प्रगति का लाभ उठाकर और स्पष्ट दिशा-निर्देश स्थापित करके इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का उद्देश्य एक निष्पक्ष और पारदर्शी कर वातावरण को बढ़ावा देना है जहां करदाता अपने दायित्वों को तुरंत और सही तरीके से पूरा कर सकें।
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