- Date : 28/07/2023
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म्युचुअल फंड एसआईपी में रुपी कॉस्ट एवरेजिंग बाजार के समय को कम करती है और समय के साथ प्रति यूनिट औसत लागत को घटाती है।

Rupee Cost Averaging: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करना उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जो इक्विटी मार्केट में सीधे जोखिम लेने से हिचकिचाते हैं। पूंजी बाजार आकर्षक रिटर्न प्रदान करता है और Mutual Fund अपने विविध प्रकृति के कारण एक सुरक्षित विकल्प प्रदान करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करना इन दिनों अविश्वसनीय रूप से सुविधाजनक हो गया है क्योंकि अब आपको एकमुश्त राशि की आवश्यकता नहीं होती।
किसी बैंक की आवर्ती जमा की तरह एसआईपी के जरिए आप हर महीने म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यहाँ अच्छी बात यह है कि आपको रिटर्न बाजार के प्रदर्शन के आधार पर मिलता है। विशेषज्ञ छोटी बचत के साथ नियमित निवेश के लिए और विशेष रूप से लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए एसआईपी की सलाह देते हैं, जहां कम्पाउन्डिंग की शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहीं पर रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का प्रभाव सामने आता है।
SIP में रुपी कॉस्ट एवरेजिंग क्या है?
SIP या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, म्युचुअल फंड योजनाओं में नियमित निवेश का साधन है जो साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक योगदान जैसे लचीले विकल्पों की पेशकश करता है। आप ₹500 से भी शुरुआत कर सकते हैं, और कुछ फंड तो ₹100 के न्यूनतम निवेश की भी सुविधा देते हैं।
बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए एसआईपी के जरिये निवेश करना बेहतर जोखिम प्रबंधन रणनीति है। इसके अलावा आपके पास भविष्य में अपनी एसआईपी राशि बढ़ाने का विकल्प भी मौजूद होता है। ऐसा करके आप अपने वित्तीय लक्ष्य को जल्दी हासिल हासिल कर सकते हैं।
एसआईपी लंबी अवधि में धन कमाने का एक विश्वसनीय तरीका है। SIP का एक उल्लेखनीय लाभ इसकी रुपी कॉस्ट एवरेजिंग पर निर्भरता है, जो कि बाजार अनिश्चितताओं को कम करता है और कंपाउंडिंग के लाभों को सुनिश्चित करता है।
रुपी कॉस्ट एवरेजिंग की अवधारणा के तहत बाजार के उतार-चढ़ाव की परवाह किए बिना नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है। यह रणनीति सुनिश्चित करती है कि बाजार के नीचे होने पर अधिक इकाइयां खरीदी जाएं और जब बाजार ऊपर हो तो कम इकाइयां खरीदी जाएं। ऐसा करने से प्रति यूनिट औसत लागत लंबी अवधि में घट जाती है।
एसआईपी इस सिद्धांत पर काम करता है कि यदि आपके निवेश को बाजार में गिरावट के दौरान एक विस्तारित अवधि के लिए रखा जाता है तो यह आपके निवेश को सुरक्षित करता है। रुपी कॉस्ट एवरेजिंग के कारण आपको बेहतर रिटर्न मिलता है।
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रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के हालिया आंकड़े एसआईपी खातों में उल्लेखनीय उछाल का संकेत देते हैं। अगस्त 2022 में SIP खातों की संख्या ₹12,693.45 करोड़ के कुल निवेश के साथ 5.71 करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। एसआईपी के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) भी ₹6.39 लाख करोड़ के अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ चुका है। इसके अलावा 21.13 लाख नए एसआईपी खाते पंजीकृत किए गए। इसमें निरंतर वृद्धि हो रही है। उल्लेखनीय बात है कि रीटेल निवेशकों की भागीदारी कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट के 50% से अधिक है।
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