- Date : 10/09/2023
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आरबीआई का नया नियम फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर स्विच करने, ईएमआई बढ़ाने या ऋण अवधि बढ़ाने समेत ऋण भुगतान पर अधिक नियंत्रण देता है।

New RBI Circular: Switch from Floating Interest Rate to Fixed Interest Rate. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट और फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट के लिए नए नियम जारी किए हैं। इस नए आरबीआई सर्कुलर से लोन ब्याज दरें और ईएमआई प्रभावित होंगी। इंटरेस्ट रेट स्विचिंग के ये नियम उधारकर्ताओं को अपने ऋण का प्रबंधन करने में अधिक लचीलापन देंगे।
Highlights:
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उधारकर्ता अपने लोन के लिए फ्लोटिंग ब्याज दर से फिक्स्ड ब्याज दर पर स्विच कर सकते हैं।
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उधारकर्ता ईएमआई बढ़ा सकते हैं और ऋण अवधि भी बढ़ा सकते हैं।
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नए नियम उधारकर्ताओं को ऋण भुगतान पर अधिक नियंत्रण देंगे।
आरबीआई सर्कुलर में क्या हैं नए नियम?
अब आपके पास फ्लोटिंग ब्याज दर को फिक्स्ड ब्याज दर पर स्विच करने का विकल्प होगा। यदि ब्याज दरें बढ़ती हैं तो आप फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर स्विच कर सकते हैं। इससे आप रेपो रेट के कारण ब्याज दरों पर होने वाले प्रभाव से बच सकते हैं।
आप अपनी वित्तीय परिस्थितियों के अनुसार ईएमआई या ऋण अवधि बढ़ाने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इससे आप अधिक वित्तीय संतुलन हासिल कर पाएंगे।
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फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट और फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट में क्या अंतर है?
एक फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट का मतलब है कि आपकी ब्याज दर पूरी ऋण अवधि के लिए समान रहेगी, जबकि फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट ऋण का मतलब है कि आपकी ब्याज दर बाजार की स्थितियों के आधार पर ऊपर या नीचे जा सकती है।
आरबीआई के ये नियम कैसे लागू होंगे?
नए नियम बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों सहित सभी ऋण देने वाले संस्थानों द्वारा लागू किए जाएंगे। नए नियम सभी मौजूदा और नए ऋण खातों पर लागू होंगे। नए नियम लागू करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2023 है। नए नियमों को कैसे लागू किया जाएगा और इंटरेस्ट रेट स्विचिंग का विकल्प कैसे और कितनी बार मिलेगा, इसका सटीक विवरण अलग-अलग ऋणदाताओं पर निर्भर करेगा। आरबीआई ने इस संदर्भ में सभी संबंधित रेगुलेटेड एंटिटी (आरई) को एक निश्चित फ्रेमवर्क तैयार करने का निर्देश दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए नियमों के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
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फिक्स्ड ब्याज दर और फ्लोटिंग ब्याज दर की कार्यप्रणाली को समझना आवश्यक है।
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नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए ऋणदाता के कंज्यूमर ग्रीवांस से बात करें।
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इंटरेस्ट रेट स्विचिंग या ऋण अवधि बढ़ाने की लागत के बारे में जरूर जानें।
इंटरेस्ट रेट से जुड़े ये नियम क्यों महत्वपूर्ण हैं?
नए नियम आपको अपने वित्त पर अधिक नियंत्रण देंगे। आप ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से खुद को बचा पाएंगे और पसंदीदा इंटेरेस्ट रेट विकल्प चुन पाएंगे। साथ ही, आरबीआई ने प्रीपेमेंट और पूरा लोन चुकाने के संदर्भ में भी विकल्प तैयार करने के दिशानिर्देश दिए हैं।
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