एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत, डीए तीन प्रतिशत बढ़ा

केंद्र सरकार ने करीब 47.14 लाख कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत दी है। उनका महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ा दिया है। जानिए हर महीने कितना फायदा होगा।

केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई से राहत

केंद्र सरकार ने इस साल अपने एक करोड़ से ज्यादा कर्माचरियों और पेंशनभोगियों को तोहफा दिया है।  सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाकर उसे मूल वेतन का 28 प्रतिशत से 31 प्रतिशत कर दिया। बढ़ा हुआ भत्ता 31 जुलाई 2021 से लागू होगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।

 

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जुलाई 2021 से मूल वेतन के मौजूदा 28 प्रतिशत के बदले तीन प्रतिशत ज्यादा यानी 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। उसके मुताबिक, ‘मूल वेतन’ का अर्थ है 7वें वेतन आयोग के अनुसार प्राप्त वेतन। इसमें कोई अन्य विशेष वेतन या भत्ता शामिल नहीं है।

 

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फायदा रक्षा सेवाओं से वेतन पाने वाले असैन्य कर्मचारियों को भी मिलेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मंजूरी दी थी। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 47.14 लाख कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी।

 

आपको बता दूं कि इस साल इससे पहले जुलाई में महंगाई भत्ते की दर 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दी गई थी। अब मौजूदा महंगाई भत्ते की दर तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 31 प्रतिशत हो गई है। सरकार ने कहा है कि इस फैसले से सरकारी खजाने पर  कुल ₹ 9,488.70 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

 

>सरकार के इस फैसले से हर महीने कितना फायदा होगा: 

 

मान लीजिए आप केंद्रीय कर्मचारी या केंद्रीय पेंशनभोगी हैं और हर महीने आपको मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी के तौर पर 18 हजार मिलता है। ऐसे में नया महंगाई भत्ता, जो कि 31 प्रतिशत है, उसके हिसाब से आपको हर महीने 5580 डीए मिलेगा। अभी तक 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था जो कि हर महीने 5040 बैठता है यानी नया महंगाई भत्ता लागू होने से आपको हर महीने 540 (5580-5040) का फायदा होगा। अगर एक साल यानी 12 महीने के हिसाब से इसकी गणना करें तो यह 6480 बैठता है। यानी कह सकते हैं कि जिनका मूल वेतन 18 हजार है उनको केंद्र सरकार द्नारा तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने से हर साल 6480 का फायदा होगा।

 

इस हिसाब से आप अपने मूल वेतन के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना करके अपना फायदा पता कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपका मूल वेतन हर महीने 35,400 है तो आपको हर महीने अब (31 प्रतिशत के हिसाब से) महंगाई भत्ते के तौर पर 10,974 मिलेंगे, जो कि अभी तक (28 प्रतिशत के हिसाब से) 9,912 मिल रहा था यानी आपको हर महीने 1062 (10,974-9,912), जबकि हर साल 12,744   का फायदा होगा।   

          

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी क्यों की गई?

 

दरअसल, श्रम मंत्रालय ने हाल ही में जून, जुलाई और अगस्त के लिए ऑल इंडिया कंज्युमर प्राइस इंडेक्स का आंकड़े जारी किया था। अगस्त में इंडेक्स 123 अंक तक जा पहुंचा था। इसी इंडेक्स के आधार पर सरकार कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तय करती है। अगस्त के इंडेक्स से ही यह पता चल गया था कि सरकार आगे महंगाई भत्ता और बढ़ा सकती है।   

 

आपको बता दूं कि सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 29 जून 2016 को स्वीकार किया था और 1 जनवरी, 2016 से लागू भी किया जा चुका है। 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, एंट्री लेवल के सरकारी कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को 7,000 से बढ़ाकर 18,000 कर दिया गया है। जहां तक बात क्लास-वन ऑफिसर की है तो अब मिनिमम 56,100 सैलरी पर उनकी नियुक्ति होगी। अगर ओवरऑल देखें तो सातवें वेतन आयोग से वेतन, भत्ते और पेंशन में 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है।

केंद्र सरकार ने इस साल अपने एक करोड़ से ज्यादा कर्माचरियों और पेंशनभोगियों को तोहफा दिया है।  सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाकर उसे मूल वेतन का 28 प्रतिशत से 31 प्रतिशत कर दिया। बढ़ा हुआ भत्ता 31 जुलाई 2021 से लागू होगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।

 

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जुलाई 2021 से मूल वेतन के मौजूदा 28 प्रतिशत के बदले तीन प्रतिशत ज्यादा यानी 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। उसके मुताबिक, ‘मूल वेतन’ का अर्थ है 7वें वेतन आयोग के अनुसार प्राप्त वेतन। इसमें कोई अन्य विशेष वेतन या भत्ता शामिल नहीं है।

 

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फायदा रक्षा सेवाओं से वेतन पाने वाले असैन्य कर्मचारियों को भी मिलेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मंजूरी दी थी। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 47.14 लाख कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी।

 

आपको बता दूं कि इस साल इससे पहले जुलाई में महंगाई भत्ते की दर 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दी गई थी। अब मौजूदा महंगाई भत्ते की दर तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 31 प्रतिशत हो गई है। सरकार ने कहा है कि इस फैसले से सरकारी खजाने पर  कुल ₹ 9,488.70 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

 

>सरकार के इस फैसले से हर महीने कितना फायदा होगा: 

 

मान लीजिए आप केंद्रीय कर्मचारी या केंद्रीय पेंशनभोगी हैं और हर महीने आपको मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी के तौर पर 18 हजार मिलता है। ऐसे में नया महंगाई भत्ता, जो कि 31 प्रतिशत है, उसके हिसाब से आपको हर महीने 5580 डीए मिलेगा। अभी तक 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था जो कि हर महीने 5040 बैठता है यानी नया महंगाई भत्ता लागू होने से आपको हर महीने 540 (5580-5040) का फायदा होगा। अगर एक साल यानी 12 महीने के हिसाब से इसकी गणना करें तो यह 6480 बैठता है। यानी कह सकते हैं कि जिनका मूल वेतन 18 हजार है उनको केंद्र सरकार द्नारा तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने से हर साल 6480 का फायदा होगा।

 

इस हिसाब से आप अपने मूल वेतन के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना करके अपना फायदा पता कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपका मूल वेतन हर महीने 35,400 है तो आपको हर महीने अब (31 प्रतिशत के हिसाब से) महंगाई भत्ते के तौर पर 10,974 मिलेंगे, जो कि अभी तक (28 प्रतिशत के हिसाब से) 9,912 मिल रहा था यानी आपको हर महीने 1062 (10,974-9,912), जबकि हर साल 12,744   का फायदा होगा।   

          

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी क्यों की गई?

 

दरअसल, श्रम मंत्रालय ने हाल ही में जून, जुलाई और अगस्त के लिए ऑल इंडिया कंज्युमर प्राइस इंडेक्स का आंकड़े जारी किया था। अगस्त में इंडेक्स 123 अंक तक जा पहुंचा था। इसी इंडेक्स के आधार पर सरकार कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तय करती है। अगस्त के इंडेक्स से ही यह पता चल गया था कि सरकार आगे महंगाई भत्ता और बढ़ा सकती है।   

 

आपको बता दूं कि सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 29 जून 2016 को स्वीकार किया था और 1 जनवरी, 2016 से लागू भी किया जा चुका है। 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, एंट्री लेवल के सरकारी कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को 7,000 से बढ़ाकर 18,000 कर दिया गया है। जहां तक बात क्लास-वन ऑफिसर की है तो अब मिनिमम 56,100 सैलरी पर उनकी नियुक्ति होगी। अगर ओवरऑल देखें तो सातवें वेतन आयोग से वेतन, भत्ते और पेंशन में 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है।

संवादपत्र

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