- Date : 24/05/2018
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सभी बीमा पॉलिसियां सभी लोगों के लिए उपलब्ध (जोखिम आंकलन फैसलों के अधीन) होती हैं। बाज़ार में कोई विशेष पॉलिसी नहीं होती है। इसलिए यदि आपको बताया जा रहा है कि एक खास पॉलिसी सिर्फ आपको दी जा रही है तो इसे तुरंत सच मानने की ग़लती न करें।

लंबे समय से बीमा पॉलिसियों को गलत तरीके से और ग्राहकों को गुमराह करके बेचा जा रहा है। यह निवेशकों और बीमा कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती रही है, जिसकी वजह से लोग बीमा खरीदने में झिझकते हैं।
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रयास किए गए हैं। जैसे हाल ही में राज्यसभा द्वारा बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2015 को पारित किया गया है। यह बिल बीमा कंपनियों को उनके एजेंटों द्वारा बेची गई ग़लत और भ्रामक बीमा पॉलिसियों के लिए ज़िम्मेदार ठहराता है। इस कानून में विभिन्न प्रकार के उल्लंघन के लिए ****करोड़ से ****करोड़ रुपयों तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इनमें ग़लत जानकारी देकर या झूठ बोलकर पॉलिसी बेचने जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं।
हालांकि केविएट एमप्टोर (सिद्धांत जिसमें खरीद से पहले खरीदार अकेले ही माल की उपयुक्तता और गुणवत्ता की जांच के लिए ज़िम्मेदार होता था) का दौर अब जा चुका है और कंपनियों की जवाबदेही बढ़ी है। लेकिन फिर भी आपको धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ तरीके सीखना बेहतर होगा। यहां ऐसी 5 संदिग्ध दावों को बारे में बताया गाय है, जिन्हें सुनते ही आपको सतर्क हो जाएं। और फिर अच्छी तरह सोचकर और पूरी पड़ताल करने के बाद ही फैसला करें।
- “यह एक छोटी अवधि की जीवन बीमा योजना है।”
जीवन बीमा एक लंबी अवधि की प्रतिबद्धता है जिसके साथ लंबे समय के फायदे जुड़े होते हैं। अगर कोई आपसे कहता है कि यह एक छोटी अवधि की बीमा योजना है या जल्दी पैसा कमाने का तरीका है, तो आप समझ लें कि यह धोखा देने की कोशिश है।
- “बस इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर दें। मैं आपका फॉर्म बाद में भर दूंगा।”
बिना पढ़े ही फॉर्म पर हस्ताक्षर करके किसी बीमा सलाहकार को देना एक खाली चेक देने जैसा है। अगर सलाह देने वाला व्यक्ति आपको विवरण पढ़ने में होने वाली ‘परेशानी’ से बचाने के लिए लगातार आग्रह कर रहा है तो सावधान हो जाइए। बीमा फॉर्म को हमेशा खुद भरना बेहतर होता है क्योंकि इससे न केवल आप सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे बल्कि आपको यह भी पता होगा कि आप किस चीज़ के लिए हस्ताक्षर कर रहे हैं।
- “यह पॉलिसी खास है और सबके लिए उपलब्ध नहीं है।”
सभी बीमा पॉलिसियां सभी लोगों के लिए उपलब्ध (जोखिम आंकलन फैसलों के अधीन) होती हैं। बाज़ार में कोई विशेष पॉलिसी नहीं होती है। इसलिए यदि आपको बताया जा रहा है कि एक खास पॉलिसी सिर्फ आपको दी जा रही है तो इसे तुरंत सच मानने की ग़लती न करें। पहले यह पता करें कि आपने आखिर ऐसा किया क्या है जिससे आप इस विशेष पॉलिसी को प्राप्त करने के लायक हुए हैं। इसे तब तक स्वीकार न करें जब तक आपको 100% भरोसा न हो जाए।
- “मैंने आपके लिए हिसाब लगा लिया है।”
बीमा कंपनियों के पास एंडॉवमेंट या यूलिप पॉलिसी से मिलने वाले अपेक्षित रिटर्न को दर्शाने के लिए मानक चित्रण मौजूद होते हैं। अगर आपका एजेंट आपको हाथ से लिखा गया या लिफाफे के पीछे लिखा गया हिसाब दिखाता है तो उसे इस विवरण का आधिकारिक चित्रण दिखाने के लिए कहें। हालांकि हाथ से लिखा गया कागज अधिक निजी लग सकता है लेकिन ये ग़लत या भ्रामक भी हो सकता है और ये दोनों ही स्थितियां आपको समान रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- “नहीं, आपको कोई फोन कॉल नहीं आएगा।”
आम तौर पर जीवन बीमा कंपनियां पॉलिसीधारक को फोन ज़रूर करती हैं, ताकि वह पॉलिसी से जुड़ी शर्तें समझा सकें और साथ ही यह भी जान पाएं कि ग्राहक इस पॉलिसी को खरीदने से संतुष्ट है या नहीं। इसके साथ, फोन द्वारा वेरिफिकेशन करने के 1-2 चरण भी पूरे किए जाते हैं। अगर आपको इस सामान्य जांच प्रक्रिया से नहीं गुज़रना पड़ रहा तो संभव है कि आपके द्वारा खरीदी गई पॉलिसी पूरी तरह आधिकारिक या असली न हो।
पॉलिसी की गलत बिक्री आपके और आपके परिवार के आर्थिक भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। पॉलिसी खरीदने से पहले उसके बारे में पर्याप्त रिसर्च ज़रूर करें, चाहे ऑनलाइन जाकर रिसर्च करें या फिर किसी भरोसेमंद दोस्त या और रिश्तेदारों से चर्चा करें। पॉलिसी लेने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए ऑनलाइन बीमा पॉलिसी खरीदना भी ठीक रहेगा, लेकिन तब भी सारे दस्तावेज़ों को ध्यान से ज़रूर पढ़ें।
लंबे समय से बीमा पॉलिसियों को गलत तरीके से और ग्राहकों को गुमराह करके बेचा जा रहा है। यह निवेशकों और बीमा कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती रही है, जिसकी वजह से लोग बीमा खरीदने में झिझकते हैं।
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रयास किए गए हैं। जैसे हाल ही में राज्यसभा द्वारा बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2015 को पारित किया गया है। यह बिल बीमा कंपनियों को उनके एजेंटों द्वारा बेची गई ग़लत और भ्रामक बीमा पॉलिसियों के लिए ज़िम्मेदार ठहराता है। इस कानून में विभिन्न प्रकार के उल्लंघन के लिए ****करोड़ से ****करोड़ रुपयों तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इनमें ग़लत जानकारी देकर या झूठ बोलकर पॉलिसी बेचने जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं।
हालांकि केविएट एमप्टोर (सिद्धांत जिसमें खरीद से पहले खरीदार अकेले ही माल की उपयुक्तता और गुणवत्ता की जांच के लिए ज़िम्मेदार होता था) का दौर अब जा चुका है और कंपनियों की जवाबदेही बढ़ी है। लेकिन फिर भी आपको धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ तरीके सीखना बेहतर होगा। यहां ऐसी 5 संदिग्ध दावों को बारे में बताया गाय है, जिन्हें सुनते ही आपको सतर्क हो जाएं। और फिर अच्छी तरह सोचकर और पूरी पड़ताल करने के बाद ही फैसला करें।
- “यह एक छोटी अवधि की जीवन बीमा योजना है।”
जीवन बीमा एक लंबी अवधि की प्रतिबद्धता है जिसके साथ लंबे समय के फायदे जुड़े होते हैं। अगर कोई आपसे कहता है कि यह एक छोटी अवधि की बीमा योजना है या जल्दी पैसा कमाने का तरीका है, तो आप समझ लें कि यह धोखा देने की कोशिश है।
- “बस इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर दें। मैं आपका फॉर्म बाद में भर दूंगा।”
बिना पढ़े ही फॉर्म पर हस्ताक्षर करके किसी बीमा सलाहकार को देना एक खाली चेक देने जैसा है। अगर सलाह देने वाला व्यक्ति आपको विवरण पढ़ने में होने वाली ‘परेशानी’ से बचाने के लिए लगातार आग्रह कर रहा है तो सावधान हो जाइए। बीमा फॉर्म को हमेशा खुद भरना बेहतर होता है क्योंकि इससे न केवल आप सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे बल्कि आपको यह भी पता होगा कि आप किस चीज़ के लिए हस्ताक्षर कर रहे हैं।
- “यह पॉलिसी खास है और सबके लिए उपलब्ध नहीं है।”
सभी बीमा पॉलिसियां सभी लोगों के लिए उपलब्ध (जोखिम आंकलन फैसलों के अधीन) होती हैं। बाज़ार में कोई विशेष पॉलिसी नहीं होती है। इसलिए यदि आपको बताया जा रहा है कि एक खास पॉलिसी सिर्फ आपको दी जा रही है तो इसे तुरंत सच मानने की ग़लती न करें। पहले यह पता करें कि आपने आखिर ऐसा किया क्या है जिससे आप इस विशेष पॉलिसी को प्राप्त करने के लायक हुए हैं। इसे तब तक स्वीकार न करें जब तक आपको 100% भरोसा न हो जाए।
- “मैंने आपके लिए हिसाब लगा लिया है।”
बीमा कंपनियों के पास एंडॉवमेंट या यूलिप पॉलिसी से मिलने वाले अपेक्षित रिटर्न को दर्शाने के लिए मानक चित्रण मौजूद होते हैं। अगर आपका एजेंट आपको हाथ से लिखा गया या लिफाफे के पीछे लिखा गया हिसाब दिखाता है तो उसे इस विवरण का आधिकारिक चित्रण दिखाने के लिए कहें। हालांकि हाथ से लिखा गया कागज अधिक निजी लग सकता है लेकिन ये ग़लत या भ्रामक भी हो सकता है और ये दोनों ही स्थितियां आपको समान रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- “नहीं, आपको कोई फोन कॉल नहीं आएगा।”
आम तौर पर जीवन बीमा कंपनियां पॉलिसीधारक को फोन ज़रूर करती हैं, ताकि वह पॉलिसी से जुड़ी शर्तें समझा सकें और साथ ही यह भी जान पाएं कि ग्राहक इस पॉलिसी को खरीदने से संतुष्ट है या नहीं। इसके साथ, फोन द्वारा वेरिफिकेशन करने के 1-2 चरण भी पूरे किए जाते हैं। अगर आपको इस सामान्य जांच प्रक्रिया से नहीं गुज़रना पड़ रहा तो संभव है कि आपके द्वारा खरीदी गई पॉलिसी पूरी तरह आधिकारिक या असली न हो।
पॉलिसी की गलत बिक्री आपके और आपके परिवार के आर्थिक भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। पॉलिसी खरीदने से पहले उसके बारे में पर्याप्त रिसर्च ज़रूर करें, चाहे ऑनलाइन जाकर रिसर्च करें या फिर किसी भरोसेमंद दोस्त या और रिश्तेदारों से चर्चा करें। पॉलिसी लेने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए ऑनलाइन बीमा पॉलिसी खरीदना भी ठीक रहेगा, लेकिन तब भी सारे दस्तावेज़ों को ध्यान से ज़रूर पढ़ें।