- Date : 28/06/2023
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भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों की परफॉर्मेंस को लेकर रिपोर्ट में कहा है कि बैंकों का एनपीए बहुत कम है और अर्थव्यवस्था सही दिशा में जा रही है।

RBI on Bank: बैंको के लिहाज से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने एक अच्छी खबर दी है। आरबीआई के मुताबिक बैंकों की क्वॉलिटी में सुधार हो रहा है। आरबीआई के मुताबिक पिछले एक दशक में एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट सबसे कम एक प्रतिशत है। आरबीआई की द्विवार्षिक वित्तीय रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों का पूंजी अनुपात ऐतिहासिक ऊंचाई पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक मुद्रास्फीति को कम करने, चालू खाते के घाटे को कम करने, विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली के साथ-साथ भारतीय बैंक भारत की आर्थिक वृद्धि में मदद कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है बैंकों और कॉरपोरेट्स की हेल्दी बैलेंस शीट नए क्रेडिट और इनवेस्टमेंट साइकिल को जन्म दे रही है और भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को बढ़ा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2023 को कमर्शियल बैंकों का ग्रास एनपीए अनुपात 3.9 प्रतिशत था, जबकि एक साल पहले यह 5.9 प्रतिशत था। नेट एनपीए रेशियो जो एक साल पहले 1.7 फीसदी था वो इस साल 1 फीसदी है।
क्या होता है एनपीए?
एनपीए का मतलब होता है नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी वो लोन जो डूब गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा लोन जिसे बैंक ने दिया था लेकिन उसके वापस मिलने की संभावना बिलकुल नहीं है। इस तरह के लोन को एनपीए में डाल दिया जाता है। एनपीए से बैंकों की हालत खराब होती है क्योंकि ये घाटे को बढ़ाते हैं। रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बैंकों ने एनपीए पर काफी हद तक काबू पा लिया है।