- Date : 07/02/2021
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केंद्रीय और गैर-केंद्रीय सरकारी कर्मचारी ,यात्रा किये बिना ही,बीमा सहित कुछ विशिष्ट खर्चों पर एल.टी.सी. का लाभ प्राप्त कर सकते हैं |

वित्तीय मंत्रालय ने घोषणा की है कि 12 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच खरीदी गई नयी बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम अवकाश यात्रा रियायत के तहत कवर किया जाएगा | यह केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए कैश वाउचर योजना के तहत उपलब्ध कराया गया था | अब गैर-केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए भी,सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने पर 36,000 रुपये तक के अधिकतम किराया, एल.टी.सी. किराये के रूप में मान्य होगा | यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी मौजूदा पॉलिसी में किया गया प्रीमियम भुगतान ,इस लाभ का पात्र नहीं होगा |
मंत्रालय ने पहले कहा था कि इस प्रतिपूर्ति का लाभ उठाने के लिए मूल प्रीमियम भुगतान रसीद का जमा करना अनिवार्य है | हालांकि, अब इसने स्पष्ट किया है कि प्रीमियम भुगतान की स्व-सत्यापित कॉपियां भी इस लाभ को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त होगी और उन मूल भुगतान रसीदों को पेश करने की आवश्यकता नहीं है|
वित्तीय मंत्री ने पिछले महीने बताया कि यह योजना अर्थव्यवस्था में मांग को पुनः जागृत करने के लिए सरकार की एक पहल है | इस एल.टी.सी. योजना से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी उनके 'यात्रा के मान्य किराये' के एवज में अवकाश का नगदीकरण (को भुनाया) कर सकते हैं | महामारी के कारण, यात्रा पर न जा पाने के कारण , वे वस्तु एवं सेवाओं पर 3 गुणा खर्च करने का विकल्प चुन सकते हैं,बशर्ते कि वे कम से कम 12% का कर आकर्षित करें |
ये भुगतान चेक,डिमांड ड्राफ्ट या डिजिटल माध्यम से किया जा सकता है | इस लेनदेन के वाउचर और बिलों को 31 मार्च 2021 तक जमा किया जाना होगा | यात्रा के स्वीकृत किराये के एवज में प्रतिपूर्ति और अवकाश नगदीकरण ,इन सब चीज़ों के जमा होने के बाद ही किया जाएगा |
कर्मचारियों द्वारा एल.टी.सी. का लाभ कैसे प्राप्त किया जाता है?
एक कर्मचारी अपने और अपने परिवार के यात्रा खर्चों के लिए प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं | एल.टी.सी. के अंतर्गत केवल यात्रा के खर्च वहन किये जाते हैं; और कोई भी आकस्मिक खर्चें इसमें शामिल नहीं है| यह भारत क्षेत्र के अंदर कहीं भी यात्रा करने पर दी जाती है और हर 4 वर्ष के ब्लॉक में 2 बार इसका लाभ उठाया जा सकता है | वर्तमान में एल.टी.सी. उद्देश्य के लिए 4 साल का ब्लॉक 2018-2021 है |
क्या स्वीकृत यात्रा के लिए होने वाले खर्च को परिवार के सदस्यों के नाम पर किया जा सकता है?
यदि खर्चे का बिल कर्मचारी के परिवार के सदस्य के नाम पर हो तो वह प्रतिपूर्ति के लिए स्वीकृत किया जा सकता है | परन्तु वह पति/पत्नी और परिवार के सदस्य एल.टी.सी. किराये के पात्र होने चाहिए | इसलिए, एल.टी.सी. रिकॉर्ड पर घोषित किये गए परिवार के किसी सदस्य के नाम पर किये गए खर्चे ,प्रतिपूर्ति के पात्र होते हैं |
क्या होता है यदि खर्चे, स्वीकृत एल.टी.सी. किराये के तिगुने से भी कम होते हैं ?
कर्मचारी को स्वीकृत यात्रा किराये से तीन गुना वस्तु एवं सेवाओं पर खर्च करने होते हैं जिससे कम से कम 12% जी.एस.टी. आकर्षित हो | यदि कर्मचारी इस राशि से कम खर्च करता है,तो प्रतिपूर्ति प्रो-राटा आधार पर की जाती है |
क्या कर्मचारी इ.एम.आई. पर किये गए भुगतान का दावा कर सकता है ?
यदि खर्चे एक निश्चित अवधि के अंदर किये जाते हैं और 12% या उससे अधिक की जी.एस.टी. आकर्षित करते हैं, तो उस अवधि में किये गए इ.एम.आई. भुगतान भी इस दावे के पात्र हो सकते हैं | कर्मचारी को एक इनवॉइस जमा करना होगा जिसके एवज में ये इ.एम.आई. भुगतान किये गए हैं |
वित्तीय मंत्रालय ने घोषणा की है कि 12 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच खरीदी गई नयी बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम अवकाश यात्रा रियायत के तहत कवर किया जाएगा | यह केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए कैश वाउचर योजना के तहत उपलब्ध कराया गया था | अब गैर-केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए भी,सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने पर 36,000 रुपये तक के अधिकतम किराया, एल.टी.सी. किराये के रूप में मान्य होगा | यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी मौजूदा पॉलिसी में किया गया प्रीमियम भुगतान ,इस लाभ का पात्र नहीं होगा |
मंत्रालय ने पहले कहा था कि इस प्रतिपूर्ति का लाभ उठाने के लिए मूल प्रीमियम भुगतान रसीद का जमा करना अनिवार्य है | हालांकि, अब इसने स्पष्ट किया है कि प्रीमियम भुगतान की स्व-सत्यापित कॉपियां भी इस लाभ को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त होगी और उन मूल भुगतान रसीदों को पेश करने की आवश्यकता नहीं है|
वित्तीय मंत्री ने पिछले महीने बताया कि यह योजना अर्थव्यवस्था में मांग को पुनः जागृत करने के लिए सरकार की एक पहल है | इस एल.टी.सी. योजना से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी उनके 'यात्रा के मान्य किराये' के एवज में अवकाश का नगदीकरण (को भुनाया) कर सकते हैं | महामारी के कारण, यात्रा पर न जा पाने के कारण , वे वस्तु एवं सेवाओं पर 3 गुणा खर्च करने का विकल्प चुन सकते हैं,बशर्ते कि वे कम से कम 12% का कर आकर्षित करें |
ये भुगतान चेक,डिमांड ड्राफ्ट या डिजिटल माध्यम से किया जा सकता है | इस लेनदेन के वाउचर और बिलों को 31 मार्च 2021 तक जमा किया जाना होगा | यात्रा के स्वीकृत किराये के एवज में प्रतिपूर्ति और अवकाश नगदीकरण ,इन सब चीज़ों के जमा होने के बाद ही किया जाएगा |
कर्मचारियों द्वारा एल.टी.सी. का लाभ कैसे प्राप्त किया जाता है?
एक कर्मचारी अपने और अपने परिवार के यात्रा खर्चों के लिए प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं | एल.टी.सी. के अंतर्गत केवल यात्रा के खर्च वहन किये जाते हैं; और कोई भी आकस्मिक खर्चें इसमें शामिल नहीं है| यह भारत क्षेत्र के अंदर कहीं भी यात्रा करने पर दी जाती है और हर 4 वर्ष के ब्लॉक में 2 बार इसका लाभ उठाया जा सकता है | वर्तमान में एल.टी.सी. उद्देश्य के लिए 4 साल का ब्लॉक 2018-2021 है |
क्या स्वीकृत यात्रा के लिए होने वाले खर्च को परिवार के सदस्यों के नाम पर किया जा सकता है?
यदि खर्चे का बिल कर्मचारी के परिवार के सदस्य के नाम पर हो तो वह प्रतिपूर्ति के लिए स्वीकृत किया जा सकता है | परन्तु वह पति/पत्नी और परिवार के सदस्य एल.टी.सी. किराये के पात्र होने चाहिए | इसलिए, एल.टी.सी. रिकॉर्ड पर घोषित किये गए परिवार के किसी सदस्य के नाम पर किये गए खर्चे ,प्रतिपूर्ति के पात्र होते हैं |
क्या होता है यदि खर्चे, स्वीकृत एल.टी.सी. किराये के तिगुने से भी कम होते हैं ?
कर्मचारी को स्वीकृत यात्रा किराये से तीन गुना वस्तु एवं सेवाओं पर खर्च करने होते हैं जिससे कम से कम 12% जी.एस.टी. आकर्षित हो | यदि कर्मचारी इस राशि से कम खर्च करता है,तो प्रतिपूर्ति प्रो-राटा आधार पर की जाती है |
क्या कर्मचारी इ.एम.आई. पर किये गए भुगतान का दावा कर सकता है ?
यदि खर्चे एक निश्चित अवधि के अंदर किये जाते हैं और 12% या उससे अधिक की जी.एस.टी. आकर्षित करते हैं, तो उस अवधि में किये गए इ.एम.आई. भुगतान भी इस दावे के पात्र हो सकते हैं | कर्मचारी को एक इनवॉइस जमा करना होगा जिसके एवज में ये इ.एम.आई. भुगतान किये गए हैं |