बच्चों को वित्तीय रूप से ज़िम्मेदार बनाने के लिए एक मां की सलाह

एक अभिभावक के तौर पर बच्चे के प्रति आपकी बहुत सी ज़िम्मेदारियां होती हैं- आप से आशा की जाती है कि आप उन्हें सुरक्षित रखेंगे, शिक्षित करेंगे औरआत्मनिर्भर नागरिक बनाएंगे। लेकिन रूकिए। यहां एक चीज और है जो बहुत महत्वपूर्ण है, वह है उनमें पैसे के प्रति सही ज़िम्मेदारी पैदा करना। क्या आप अपने बच्चों को वित्तीय रूप से ज़िम्मेदार बना रहे हैं?

Raising financially responsible children

शिक्षा के बढ़ते खर्च से लेकर वित्तीय दुनिया की जटिलताओं तक ऐसे बहुत से कारण है जिसकी वजह से बच्चों को पैसे के बारे में ज़िम्मेदार बनाना जरूरी है। यहां कुछ आसान बातें बताई गई हैं जिन्हें आप बच्चों को सिखा सकते हैं। ये बातें उनको आगे आने वाले जीवन में आर्थिक रूप से सफल बनाने में मदद करेंगी। 

1.  जैसा देखेंगे वैसा करेंगे

शुरूआत करने का सबसे बेहतर तरीका है कि खुद को उदाहरण बनाकर पेश करें। बच्चे अपने अभिभावकों से ही सीखते हैं; वे उनके कार्यों और व्यवहार को अपनाते हैं। अक्सर वे छोटी-छोटी बातों को भी अपना लेते हैं। इसलिए ध्यान दें कि आप पैसे का प्रयोग कैसे करते हैं। जब आप नकद भुगतान की जगह  क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो बच्चे यह सोच सकते हैं कि आप असली पैसा खर्च नहीं कर रहे। उन्हें कार्ड से खरीदारी करने से जुड़ी पीछे की बातें बतायें और ‘प्लास्टिक मनी’ के बारे में समझाएं। 


2. पैसे के बारे में बात करने का महत्व


बहुत से लोग अपने बच्चों के साथ पैसे के बारे में चर्चा नहीं करते। यह गलत है। बहुत शुरूआत से ही बच्चों को पैसे के महत्व के बारे में समझाया जाना चाहिए। उनको बचत और निवेश के अलावा चीजों की कीमतों और बजट बनाने की जानकारी भी दी जानी चाहिए। इसलिए जब भी आप और आपका जीवनसाथी इस बारे में बात करें तो उसमें अपने बच्चों को भी शामिल करें। आपके किसी वित्तीय निर्णय को लेने के पीछे जुड़े तर्क के बारे में उन्हें बताएं जिससे वे भी उसी तरह से सोच सकेंगे। 

Raising financially responsible childrens


3. पैसे की अहमियत समझाना

बच्चों के मांगते ही तुरंत उनको पैसे देने की आदत पर रोक लगायें। अगर आप उन्हें जेबखर्च से अलग कुछ पैसा देना चाहते हैं तो उसके बदले में उनसे कुछ काम करने के लिए कहें। इस तरह उनको समझ आएगा कि पैसा कैसे कमाया जाता है और उन्हें वह मुफ्त की कमाई नहीं लगेगा। वे यह भी सीखेंगे कि मेहनत से कमाया पैसा किसी जरूरत के समय कैसे काम आता है। जिन युवाओं की उम्र कानून के हिसाब से काम करने लायक हो गई हो उन्हें कोई पार्ट टाइम जॉब जैसे ट्यूशन पढ़ाने, हिसाब-किताब संभालने , या इवेंट मैनेजमेंट आदि  करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। हां ध्यान रखें कि इस पार्ट टाइम जॉब से उनके स्कूल या होमवर्क पर असर ना पड़े। 

4. पैसा खर्च करने से ज्यादा जरूरी है उसकी बचत करना


बचत की जगह तुरंत खुशी देने वाली चीजें बच्चों को ज्यादा पसंद आती हैं। किसी गुल्लक में पैसे जमा करने की बजाए वे बहुत सी कैंडी या खिलौने खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। यह वजह है कि बच्चों में बहुत जल्दी बचत करने की आदत डाल देनी चाहिए जिससे बड़े होने पर भी वह आदत उनमें बनी रहेगी। पैसे की अहमियत को समझाने का यह सबसे बढ़िया तरीका है। उनको बहुत छोटी रकम से बचत शुरू करने को कहें जैसे कि वे अपने कमाये पैसे के दसवें हिस्से से बचत की शुरूआत कर सकते हैं। शुरू में वे विरोध करेंगे। लेकिन कुछ महीनों बाद उन्हें फायदा नजर आने लगेगा। समय-समय पर आप उनकी बचत और खर्च की जांच कर सकते हैं। 

5. खर्च की सीमा निर्धारित करें

एक अभिभावक के नाते आपको पता होगा कि महीने के आखिर में पैसे खत्म होने पर कैसा लगता है। हालांकि हमारे बच्चों को अभी इन सब के बारे में चिंता नहीं करनी है लेकिन उनको भविष्य के लिए तैयार करना जरूरी है। इससे आने वाले समय में उनको सहायता मिलेगी। तो उन्हें बजट बनाने का महत्व समझाएं और उन्हें अपने खर्च की सीमा तय करने दें। उनसे कहें कि वे अपनी आय या जेबखर्च के पैसों को अलग-अलग चीजों जैसे ‘स्कूल प्रोजेक्ट’, ‘दोस्तों के साथ घूमना’, ‘ कैंडीं’, ‘खिलौने’ इत्यादि के खर्च के हिसाब से बांटे। महीने के आखिर में उन्हें खर्च की समीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें सलाह दें कि अगली बार वे कैसे ज्यादा समझदारी से खर्च कर सकते हैं। 

6. योजना बनाते रहें जब तक कि सफल ना हो जाएं

एक मां के लिए बहुत जरूरी है कि अपने बच्चे में बहुत कम उम्र से ही पैसे की योजना बनाने की आदत को विकसित करें। यह सीख बहुत काम आएगी। इस तरह आप उन्हें पैसा बचाने की शिक्षा दे पायेंगे। आप उन्हें समझा सकते हैं कि यह पैसा उनके व्यस्क होने पर काम आ सकता है। शुरू में ही पैसे को योजना बनाकर इस्तेमाल करने का यह फायदा होगा कि वे आगे भी इसी को जारी रखेंगे। जब एक बार आपके बच्चे व्यस्क हो जाएंगें तो फाइनेंसियल प्लानिंग उनको बजट पर नियंत्रण रखने, लंबी अवधि की योजना बनाने, जरूरत के समय मदद करने और उनके सपनों को पूरा करने के काम आएगी। 

दूसरी ज़िम्मेदारियों की तरह, वित्तीय ज़िम्मेदारी और पैसे के प्रबंधन के बारे में भी शुरू से ही सिखाया जाना चाहिए। जल्दी शुरू करने से बच्चा व्यस्क होने पर आराम से वित्तीय ज़िम्मेदारियों को निभाने के साथ वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकेगा। 

शिक्षा के बढ़ते खर्च से लेकर वित्तीय दुनिया की जटिलताओं तक ऐसे बहुत से कारण है जिसकी वजह से बच्चों को पैसे के बारे में ज़िम्मेदार बनाना जरूरी है। यहां कुछ आसान बातें बताई गई हैं जिन्हें आप बच्चों को सिखा सकते हैं। ये बातें उनको आगे आने वाले जीवन में आर्थिक रूप से सफल बनाने में मदद करेंगी। 

1.  जैसा देखेंगे वैसा करेंगे

शुरूआत करने का सबसे बेहतर तरीका है कि खुद को उदाहरण बनाकर पेश करें। बच्चे अपने अभिभावकों से ही सीखते हैं; वे उनके कार्यों और व्यवहार को अपनाते हैं। अक्सर वे छोटी-छोटी बातों को भी अपना लेते हैं। इसलिए ध्यान दें कि आप पैसे का प्रयोग कैसे करते हैं। जब आप नकद भुगतान की जगह  क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो बच्चे यह सोच सकते हैं कि आप असली पैसा खर्च नहीं कर रहे। उन्हें कार्ड से खरीदारी करने से जुड़ी पीछे की बातें बतायें और ‘प्लास्टिक मनी’ के बारे में समझाएं। 


2. पैसे के बारे में बात करने का महत्व


बहुत से लोग अपने बच्चों के साथ पैसे के बारे में चर्चा नहीं करते। यह गलत है। बहुत शुरूआत से ही बच्चों को पैसे के महत्व के बारे में समझाया जाना चाहिए। उनको बचत और निवेश के अलावा चीजों की कीमतों और बजट बनाने की जानकारी भी दी जानी चाहिए। इसलिए जब भी आप और आपका जीवनसाथी इस बारे में बात करें तो उसमें अपने बच्चों को भी शामिल करें। आपके किसी वित्तीय निर्णय को लेने के पीछे जुड़े तर्क के बारे में उन्हें बताएं जिससे वे भी उसी तरह से सोच सकेंगे। 

Raising financially responsible childrens


3. पैसे की अहमियत समझाना

बच्चों के मांगते ही तुरंत उनको पैसे देने की आदत पर रोक लगायें। अगर आप उन्हें जेबखर्च से अलग कुछ पैसा देना चाहते हैं तो उसके बदले में उनसे कुछ काम करने के लिए कहें। इस तरह उनको समझ आएगा कि पैसा कैसे कमाया जाता है और उन्हें वह मुफ्त की कमाई नहीं लगेगा। वे यह भी सीखेंगे कि मेहनत से कमाया पैसा किसी जरूरत के समय कैसे काम आता है। जिन युवाओं की उम्र कानून के हिसाब से काम करने लायक हो गई हो उन्हें कोई पार्ट टाइम जॉब जैसे ट्यूशन पढ़ाने, हिसाब-किताब संभालने , या इवेंट मैनेजमेंट आदि  करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। हां ध्यान रखें कि इस पार्ट टाइम जॉब से उनके स्कूल या होमवर्क पर असर ना पड़े। 

4. पैसा खर्च करने से ज्यादा जरूरी है उसकी बचत करना


बचत की जगह तुरंत खुशी देने वाली चीजें बच्चों को ज्यादा पसंद आती हैं। किसी गुल्लक में पैसे जमा करने की बजाए वे बहुत सी कैंडी या खिलौने खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। यह वजह है कि बच्चों में बहुत जल्दी बचत करने की आदत डाल देनी चाहिए जिससे बड़े होने पर भी वह आदत उनमें बनी रहेगी। पैसे की अहमियत को समझाने का यह सबसे बढ़िया तरीका है। उनको बहुत छोटी रकम से बचत शुरू करने को कहें जैसे कि वे अपने कमाये पैसे के दसवें हिस्से से बचत की शुरूआत कर सकते हैं। शुरू में वे विरोध करेंगे। लेकिन कुछ महीनों बाद उन्हें फायदा नजर आने लगेगा। समय-समय पर आप उनकी बचत और खर्च की जांच कर सकते हैं। 

5. खर्च की सीमा निर्धारित करें

एक अभिभावक के नाते आपको पता होगा कि महीने के आखिर में पैसे खत्म होने पर कैसा लगता है। हालांकि हमारे बच्चों को अभी इन सब के बारे में चिंता नहीं करनी है लेकिन उनको भविष्य के लिए तैयार करना जरूरी है। इससे आने वाले समय में उनको सहायता मिलेगी। तो उन्हें बजट बनाने का महत्व समझाएं और उन्हें अपने खर्च की सीमा तय करने दें। उनसे कहें कि वे अपनी आय या जेबखर्च के पैसों को अलग-अलग चीजों जैसे ‘स्कूल प्रोजेक्ट’, ‘दोस्तों के साथ घूमना’, ‘ कैंडीं’, ‘खिलौने’ इत्यादि के खर्च के हिसाब से बांटे। महीने के आखिर में उन्हें खर्च की समीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें सलाह दें कि अगली बार वे कैसे ज्यादा समझदारी से खर्च कर सकते हैं। 

6. योजना बनाते रहें जब तक कि सफल ना हो जाएं

एक मां के लिए बहुत जरूरी है कि अपने बच्चे में बहुत कम उम्र से ही पैसे की योजना बनाने की आदत को विकसित करें। यह सीख बहुत काम आएगी। इस तरह आप उन्हें पैसा बचाने की शिक्षा दे पायेंगे। आप उन्हें समझा सकते हैं कि यह पैसा उनके व्यस्क होने पर काम आ सकता है। शुरू में ही पैसे को योजना बनाकर इस्तेमाल करने का यह फायदा होगा कि वे आगे भी इसी को जारी रखेंगे। जब एक बार आपके बच्चे व्यस्क हो जाएंगें तो फाइनेंसियल प्लानिंग उनको बजट पर नियंत्रण रखने, लंबी अवधि की योजना बनाने, जरूरत के समय मदद करने और उनके सपनों को पूरा करने के काम आएगी। 

दूसरी ज़िम्मेदारियों की तरह, वित्तीय ज़िम्मेदारी और पैसे के प्रबंधन के बारे में भी शुरू से ही सिखाया जाना चाहिए। जल्दी शुरू करने से बच्चा व्यस्क होने पर आराम से वित्तीय ज़िम्मेदारियों को निभाने के साथ वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकेगा। 

संवादपत्र

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