- Date : 24/08/2021
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कुछ विशिष्ट प्रकार के उच्च मूल्य वाले लेन-देन करते समय आपको सतर्क रहना चाहिए क्योंकि, इस प्रकार के लेन-देन पर आयकर विभाग नज़र रखता है।

कर चोरी पर अंकुश लगाने और अधिक मूल्य के नकद लेन-देन को रोकने के लिए, आयकर विभाग और वित्तीय संस्थानों, म्यूचुअल फंड होम्स, डीलर प्लेटफॉर्म आदि जैसे कई फंडिंग प्लेटफॉर्म ने आम जनता के लिए अपने दिशानिर्देशों को और सख्त किया है।
सरकार ने नकद लेन-देन की अधिकतम सीमा निर्धारित करते हुए, आयकर अधिनियम में विभिन्न संशोधन किए हैं। ये सीमाएँ किसी व्यक्ति की आय को उसके निवेश और खर्च से जोड़ने के लिए निर्धारित की गई हैं। यदि कोई करदाता इन सीमाओं को पार करता है, तो वित्तीय संस्थान या व्यावसायिक संस्था को इस प्रकार के लेन-देन की सूचना सरकार को देनी होती है, जिसकी वजह से ऐसे व्यक्तियों को आयकर नोटिस जारी किया जा सकता है।
यहां पर कुछ उच्च-मूल्य वाले नकद लेन-देन की सूची दी गई है, जिनकी वजह से आपको आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है।
1. सावधि जमा (FD) में नकद जमा
हालाँकि, सावधि जमा खाते में नकद जमा किया जा सकता है, परन्तु यदि कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करता है, तो बैंकों को इस लेन-देन की सूचना आयकर अधिकारियों को देनी चाहिए। ये नए नियम डाकघर खातों पर भी लागू होते हैं।
2. बैंक खाते में नकद जमा
किसी व्यक्ति के लिए बचत खाते में नकद जमा की सीमा 1 लाख रुपये है। यदि कोई बचत खाताधारक अपने बचत खाते में इस राशि से अधिक राशि जमा करता है, तो आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है। इसी तरह, किसी व्यक्ति के सभी चालू खातों में कुल मिलाकर 50 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा या निकासी की सूचना आयकर विभाग को दी जानी चाहिए। इन सीमाओं का उल्लंघन करने पर भी आपको आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है।
3. क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान
अब आपके मासिक क्रेडिट कार्ड बिल के नकद भुगतान की निर्धारित सीमा से अधिक भुगतान करने पर आयकर नोटिस आ सकता है। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 1 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान करते हैं, तो आपकी क्रेडिट कार्ड कंपनी इस लेन-देन की सूचना सरकार को देगी। इसलिए, अगर आप लेन-देन करने के लिए अक्सर अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आपको अपने क्रेडिट कार्ड बिल का नकद भुगतान करते समय सावधान रहना चाहिए।
4. संपत्ति संबंधी लेन-देन
कोई भी संपत्ति नकद में खरीद या बेच सकता है, लेकिन ऐसा लेन-देन 30 लाख रुपये से अधिक का नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो कंपनी के रजिस्ट्रार मामले की सूचना आयकर विभाग को देंगे।
5. शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड खरीदना
अगर कोई व्यक्ति नकदी का उपयोग करके डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से स्टॉक मार्केट में निवेश करता है, तो ब्रोकर इस प्रकार के निवेश की जानकारी बैलेंस शीट में देगा। म्यूचुअल फंड, स्टॉक, बॉन्ड या डिबेंचर में निवेश करने वाले लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन निवेश विकल्पों में नकद का हिस्सा 10 लाख रुपये से अधिक ना हो। इस सीमा को पार करने पर आयकर विभाग आपके पिछले आयकर रिटर्न (ITR) की जाँच कर सकता है।
6. विदेशी मुद्रा खरीदना
अगर आप अक्सर विदेश यात्रा करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि यात्री चेक, विदेशी मुद्रा कार्ड, डेबिट कार्ड, या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कुल 10 लाख रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की खरीद की सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी और इसकी वजह से संभवतः आपके पास आयकर नोटिस आएगा।
अंत में
जब नकद लेन-देन की बात आती है, तो आयकर विभाग ने विगत कुछ वर्षों में नकद लेन-देन से जुड़े नियमों को और सख्त बनाया है। मामूली उल्लंघन की स्थिति में भी विभाग अब आयकर नोटिस भेज सकता है। इसलिए, किसी भी कानूनी परेशानी से बचने के लिए नकद लेन-देन की अधिकतम सीमा की जानकारी रखें।