- Date : 18/12/2022
- Read: 2 mins
यदि क्रेडिट कार्ड या ईएमआई के भुगतान में पेनल्टी लगती है तो ऑटो पे विकल्प से समस्या हल हो जाएगी।

Credit card tips: कई बार क्रेडिट कार्ड और मासिक किश्तों के भुगतान में नियत तिथि का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है। साथ ही अलग-अलग चीजों के भुगतान करने में भी दिक्कत आती है। ऐसे में देर हो जाने पर पेनल्टी या क्रेडिट स्कोर के प्रभावित होने का डर बना रहता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा न हो तो बैंक कम ब्याज पर लोन देने में कतराते हैं। इस तरह की तमाम परेशानियों से बचने के लिए कुछ सुझाव यहाँ दिए जा रहे हैं।
ऑटो पे फ़ीचर का करें उपयोग
यदि कई तरह के बिलों का भुगतान हो या अलग अलग चीजों का भुगतान करना हो तो नियत तिथि को याद रखना मुश्किल हो जाता है। ख़ासकर जब आप सारे बिल खुद जाकर चुकता करते हों। ऐसी स्थिति में ऑटो पे फीचर का उपयोग किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड के भुगतान और मासिक किश्तों (ईएमआई) के भुगतान के लिए ऑटो पे बहुत अच्छा तरीका साबित हो सकता है। bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया कि मासिक किश्तों और क्रेडिट कार्ड के भुगतान में ज़रा भी देर नहीं होनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड की अलग-अलग तिथियों और ईएमआई की तारीख को याद रखना यदि भूल जाते हैं तो भुगतान से चूक सकते हैं। ऐसी स्थिति में इन भुगतानों को ऑटो पे मोड पर रखना चाहिए।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
अलार्म सेट कर लेना चाहिए
यदि बैंक में पर्याप्त धनराशि नहीं होती या ज्यादा लेनदेन होता है और ऑटो पे या भुगतान करने की तिथि पास आ रही हो तो एक अलार्म या रिमाइंडर लगा लेना चाहिए। जिससे आप समय पर भुगतान के पैसों की व्यवस्था खाते में कर सकें। यह एक बहुत अच्छी आदत साबित होगी जिससे रीपेमेंट या विलंब से बचा जा सकेगा। ख़ासकर गृह लोन या अन्य लोन की किश्त भरने के लिए यह बहुत ही लाभदायी सिद्ध होगा। नियत तिथि का रिमाइंडर मोबाइल, स्मार्टवॉच या किसी अन्य ऐप पर भी लगाया जा सकता है।
पेमेंट ड्यू डेट पर रखें ध्यान
कर्ज लेने के बाद उसके भुगतान के लिए यह अन्य रीपेमेंट जैसे भुगतानों के लिए हम एक खास तिथि चुनते हैं। लेकिन आगे ऐसा हो सकता है कि इन तिथियों को बदलने की आवश्यकता पड़े तो पेमेंट ड्यू डेट को भी बदला जा सकता है। ख़ासकर महीने के उस समय की तारीख जब खाते में ज्यादा पैसे न होते हों। अपने करदाता से संपर्क करते हुए इन तारीखों को बदला जा सकता है जिससे पेमेंट में विलंब नहीं होगा।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?
Credit card tips: कई बार क्रेडिट कार्ड और मासिक किश्तों के भुगतान में नियत तिथि का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है। साथ ही अलग-अलग चीजों के भुगतान करने में भी दिक्कत आती है। ऐसे में देर हो जाने पर पेनल्टी या क्रेडिट स्कोर के प्रभावित होने का डर बना रहता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा न हो तो बैंक कम ब्याज पर लोन देने में कतराते हैं। इस तरह की तमाम परेशानियों से बचने के लिए कुछ सुझाव यहाँ दिए जा रहे हैं।
ऑटो पे फ़ीचर का करें उपयोग
यदि कई तरह के बिलों का भुगतान हो या अलग अलग चीजों का भुगतान करना हो तो नियत तिथि को याद रखना मुश्किल हो जाता है। ख़ासकर जब आप सारे बिल खुद जाकर चुकता करते हों। ऐसी स्थिति में ऑटो पे फीचर का उपयोग किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड के भुगतान और मासिक किश्तों (ईएमआई) के भुगतान के लिए ऑटो पे बहुत अच्छा तरीका साबित हो सकता है। bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया कि मासिक किश्तों और क्रेडिट कार्ड के भुगतान में ज़रा भी देर नहीं होनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड की अलग-अलग तिथियों और ईएमआई की तारीख को याद रखना यदि भूल जाते हैं तो भुगतान से चूक सकते हैं। ऐसी स्थिति में इन भुगतानों को ऑटो पे मोड पर रखना चाहिए।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
अलार्म सेट कर लेना चाहिए
यदि बैंक में पर्याप्त धनराशि नहीं होती या ज्यादा लेनदेन होता है और ऑटो पे या भुगतान करने की तिथि पास आ रही हो तो एक अलार्म या रिमाइंडर लगा लेना चाहिए। जिससे आप समय पर भुगतान के पैसों की व्यवस्था खाते में कर सकें। यह एक बहुत अच्छी आदत साबित होगी जिससे रीपेमेंट या विलंब से बचा जा सकेगा। ख़ासकर गृह लोन या अन्य लोन की किश्त भरने के लिए यह बहुत ही लाभदायी सिद्ध होगा। नियत तिथि का रिमाइंडर मोबाइल, स्मार्टवॉच या किसी अन्य ऐप पर भी लगाया जा सकता है।
पेमेंट ड्यू डेट पर रखें ध्यान
कर्ज लेने के बाद उसके भुगतान के लिए यह अन्य रीपेमेंट जैसे भुगतानों के लिए हम एक खास तिथि चुनते हैं। लेकिन आगे ऐसा हो सकता है कि इन तिथियों को बदलने की आवश्यकता पड़े तो पेमेंट ड्यू डेट को भी बदला जा सकता है। ख़ासकर महीने के उस समय की तारीख जब खाते में ज्यादा पैसे न होते हों। अपने करदाता से संपर्क करते हुए इन तारीखों को बदला जा सकता है जिससे पेमेंट में विलंब नहीं होगा।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?