- Date : 09/02/2023
- Read: 3 mins
सुरक्षा क्षेत्र के लिए बजट में कुछ आमूलचूल परिवर्तन नहीं, लेकिन बाजार कम आबंटन के कारण कुछ निराश दिखा।

Defence Stocks: हाल ही में प्रस्तुत किए गए बजट 2023-24 में सुरक्षाबलों के लिए कुछ खास आबंटन नहीं किए गए हैं। कुल मिलाकर बजट का रुख सुरक्षाबलों के लिए साधारण रहा। जिसके चलते बाजार में एक तरह से निराशा दिखाई दी।
FY23 (वित्त वर्ष 23) में ₹1,52,369 करोड़ आबंटित किए गए थे जिसके मुकाबले FY24 (वित्त वर्ष 24) के लिए उस में 6.7% की वृद्धि हुई और ₹1,62,600 करोड़ का आबंटन किया गया है। बाजार इसको लेकर कुछ ख़ास उत्साहित नहीं दिखा क्योंकि इस क्षेत्र में 10% या उससे अधिक की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी।
सुरक्षा क्षेत्रों की स्टॉक में गिरावट
बजट के बाद शिपबिल्डिंग जहाजरानी कंपनियों जैसे कि कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) और मज़गाँव डॉक इन कंपनियों में 4-7% की गिरावट देखी गई। कुछ यही हाल बना रहा पीएसयू (PSU) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics) का भी।
वायुसेना को सर्वाधिक आबंटन
बजट 2023-24 में सुरक्षाबलों के लिए किए गए आबंटन में सबसे अधिक हिस्सा रहा वायु सेना का जिसे कुल आबंटन का 35% मिला है। हालाँकि कुल 6.7% की बढ़ोतरी का केवल 2.8% वायुसेना के हिस्से में गया है।
थलसेना और नौसेना को FY23 की तुलना में अधिक आबंटन
थलसेना और नौसेना को पिछले वर्ष की तुलना में अधिक राशि आबंटित हुई है। थलसेना के लिए आबंटित राशि पिछले वर्ष से 16% अधिक रही और नौसेना के लिए यह राशि 11% अधिक रही। सुरक्षाबलों के दोनों घटकों के लिए क्रमशः ₹37,241 करोड़ और ₹52,840 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
आम तौर पर यह समझा जाता है कि लड़ाकू विमान सिर्फ वायु सेना खरीदती है। लेकिन बजट में किए गए आबंटन कुछ और ही कहानी कहता है। वायुसेना द्वारा विमान खरीदने में 17% की जो कमी दिख रही है उसकी भरपाई थलसेना और नौसेना को क्रमशः 18% और 166% अधिक आबंटन करके की गई है।
इसलिए यदि सुरक्षाबलों को विमान खरीदने के लिए आबंटित की गई कुल राशि को देखें तो पता चलता है कि उसमें पिछले साल के मुकाबले 5% की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि बजट में अनुमानित प्रावधान पत्थर की लकीर नहीं होता। जैसे कि वित्त वर्ष 23 के दौरान एयरो इंजन और विमानों की खरीदारी के लिए अनुमानित राशि से 29% अधिक खर्च किया गया था। इस लिहाज से हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स, डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज़ (Dynamatic Technologies) जैसे विमान और अन्य उपकरण बनाने वाली कंपनियों को दिक़्क़त नहीं आनी चाहिए, उनके लिए बजट फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।
नौसेना के जहाजी बेड़े के लिए आबंटित राशि वित्त वर्ष 24 की पिछले वर्ष की तुलना में 18% कम है। जहाजी बेड़े के लिए ₹24,200 करोड़ का प्रावधान किया गया है जो कि पिछले वर्ष ₹29,452 करोड़ का था हालाँकि उसे बाद में संशोधित करके ₹24,187 करोड़ कर दिया गया था।
अन्य उपकरणों के लिए 58% अधिक आबंटन
वित्त वर्ष 23 की तुलना में वित्त वर्ष 24 में अन्य उपकरणों की खरीदारी के लिए 58% अधिक राशि आबंटित की गई है। पिछले वर्ष ₹6000 करोड़ की राशि आबंटित की गई थी जो कि इस वर्ष बढ़कर ₹9500 करोड़ हो चुकी है। जानकारों के अनुसार नौसेना के जहाजी बेड़े के लिए कम आबंटन किसी खास चिंता का विषय नहीं है। इसमें आगे संशोधन की भी गुंजाइश बनी रहेगी।
जहाजरानी (shipbuilding) से जुड़ी कंपनियों के लिए चिंता का कारण इसलिए भी नहीं है क्योंकि अभी ही उनकी ऑर्डर बुक भरी हुई है। आने वाले समय में कंपनियों को ये ऑर्डर पूरे करने होंगे। इन स्थितियों को देखते हुए निकट से मध्यम अवधि तक कंपनियों के विकास में कोई समस्या नहीं दिखती।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?