Did you know your menstrual information is not private anymore? Here's why

मासिक धर्म ट्रैकर एप्लिकेशन ने लाखों महिलाओं से संबंधित निजी, संवेदनशील डेटा फेसबुक के साथ साझा किए हैं। यह जानकारी लक्षित विज्ञापन के लिए उपयोग की जाएगी।

क्या आप जानते हैं कि आपकी मासिक धर्म की जानकारी अब निजी नहीं है? यहाँ पर जानिये की क्यों

सोशल मीडिया हमारे जीवन में सर्वव्यापी हो गया है। लोग जो कुछ भी करते हैं वह ऑनलाइन पोस्ट किया जा रहा है। आप एक उड़ान ले रहे है? फेसबुक पर चेक-इन करें। छुट्टी पर जा रहे हैं ? पूरे इंस्टाग्राम पर तस्वीरें डाल दे । हालांकि यह सब स्वेच्छा से साझा किया गया है, कुछ जानकारी होती हैं जिसे निजी रखा जाना चाहिए। इसमें लाखों महिलाओं का मासिक धर्म चक्र डेटा शामिल है !

दुर्भाग्य से, मासिक धर्म ट्रैकर ऐप ने फेसबुक के साथ लाखों महिलाओं से संबंधित इस निजी, संवेदनशील डेटा को साझा किया है।

'नो बॉडीज बिज़नेस बट माइन: हाउ मेन्स्ट्रुएशन एप्स आर शेयरिंग योर डेटा’ शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अध्ययन किए गए 36 ऐप में से 61% तुरंत ही यूजर द्वारा ऐप को खोलते ही फेसबुक को डेटा साझा कर देते हैं। यह इस बात पर ध्यान दिए बिना होता है कि उपयोगकर्ता के पास फेसबुक खाता है या फेसबुक में लॉग इन है या नहीं। डरावना! है की नहीं ? खैर, यह बदतर होता जा रहा है।

कुछ ऐप्स ने अविश्वसनीय पैमाने में विस्तृत रूप से सबसे संवेदनशील जानकारी साझा की है। प्राइवेसी इंटरनेशनल के अध्ययन में पाए गए दो ऐसे ऐप हैं, भारत स्थित माया और साइप्रस स्थित एम.आई.ए. । यदि आप इन ऐप्स के उपयोगकर्ता हैं, तो सभी संभावना में, फेसबुक आपके ओवुलेशन चक्र के बारे में जानता है, और यह भी की कब आपने आखिरी बार यौन क्रिया किया था। ये दोनों ऐप समुद्र में सिर्फ एक बूंद सामान हैं। कई और भी इसी तरह - तीसरे पक्ष के साथ निजी डेटा साझा कर रहे हैं ।

इस जानकारी में फेसबुक की दिलचस्पी क्यों है?

फेसबुक का इंटेलिजेंट प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का फायदा उठाकर जानकारी साझा करता है। यह जानकारी तब लक्षित विज्ञापन वाले उपयोगकर्ताओं पर बमबारी करने के लिए उपयोग की जाती है। चूंकि उपयोगकर्ता निजी जानकारी जैसे कि स्वास्थ्य, यौन जीवन, मनोदशा आदि को खुले तौर पर साझा नहीं करते हैं, इन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग संवेदनशील डेटा की कटाई के लिए किया जाता है ,जो आपके पीरियड्स को ट्रैक करने में मदद करने वाले हैं। इस जानकारी के साथ, फेसबुक जानता है कि कब कोई उपयोगकर्ता कमजोर, खुश या चिंतित होता है और फिर इसका उपयोग रणनीतिक, व्यक्तिगत विज्ञापन के साथ उन्हें लक्षित करने के लिए करता है।

ज्यादातर ऐप में फेसबुक एस.डी.के. इंटीग्रेटेड है। इसका मतलब है कि एक बार जब आप उनकी गोपनीयता नीति से सहमत हो जाते हैं, तो सोशल प्लेटफ़ॉर्म स्वचालित रूप से आपकी सभी जानकारी प्राप्त कर लेता है। यह गोपनीयता का एक बड़ा उल्लंघन माना जा सकता है, खासकर जब चिकित्सा और स्वास्थ्य डेटा की बात आती है।

आप अपनी जानकारी को कैसे निजी रख सकते हैं?

आपके द्वारा डाउनलोड किए जाने वाले ऐप्स से सावधान रहें। बेतरतीब ढंग से एप्लिकेशन इंस्टॉल न करें। यद्यपि यह थकाने वाली प्रक्रिया हो सकती है, पर गोपनीयता नीति को ध्यान से पढ़ें। देखें कि क्या वे स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हैं कि वे आपकी जानकारी को तीसरे पक्ष को बताएंगे । यदि वह ऐसा कहता है तो , एप्लिकेशन इंस्टॉल न करें।

कुछ ऐप भी चेतावनियों का उपयोग करते हैं। वे कह सकते हैं कि वे विज्ञापनदाताओं के लिए व्यक्तिगत डेटा का खुलासा नहीं करते हैं, लेकिन गोपनीयता नीति कहती है, "उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा का उपयोग हमारे विज्ञापनदाताओं द्वारा उस लक्षित दर्शकों को अपना विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए किया जा सकता है।" इसका अनिवार्य रूप से अर्थ है कि आपका डेटा सही लक्षित दर्शकों को निर्धारित करने के लिए फेसबुक जैसे विज्ञापनदाताओं के साथ साझा किया जाएगा। यदि आप अत्यधिक व्यक्तिगत डेटा साझा करने में सहज नहीं हैं, तो उन ऐप्स से दूर रहना सबसे अच्छा है जो आपसे ये सब मांगते हैं।

भारत में गोपनीयता कानून इतने कड़े नहीं हैं जितने कि यूरोप में हालिया जी.डी.पी.आर. हैं। यूरोपीय संघ के विपरीत, भारत में डेटा सुरक्षा कानून नहीं है जो व्यक्तियों की सुरक्षा कर सके। भारतीय संविधान में निजता का मौलिक अधिकार अभी तक प्रदान नहीं किया गया है। हालांकि, इससे सम्बंधित बातचीत शुरू हो गई है और उम्मीद जताई गई है कि नागरिकों के व्यक्तिगत हितों को जी.डी.पी.आर. जैसे एक अलग संहिताबद्ध कानून द्वारा संरक्षित किया जाएगा। तब तक, बहुत सारा दायित्व उपयोगकर्ताओं पर है की वो अपने डेटा को निजी रखे।

कुछ ऐसे कानूनों की जाँच करें जिन्होंने भारतीय महिलाओं के लिए कार्यप्रणाली को बदल दिया, यह समझने के लिए कि आप अपने अधिकारों की रक्षा कैसे कर सकते हैं।

संवादपत्र

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