- Date : 17/02/2021
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महिलाएं आज अपनी योग्यता के आधार पर आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन का निर्माण कर रही हैं. लेकिन आप यह कैसे पक्का करेंगी कि एक महिला के रूप में आप फाइनेंशियली सिक्योर हैं? यहाँ इसके लिए पाँच तरीके बताए गए हैं.

दुनिया भर में, आज महिलाएं खुद पैसे कमाकर अपने परिवारों का ध्यान रख रही हैं. वे अब कई प्रोफेशन में सफलता हासिल कर रही हैं. चाहे वो तनख्वाह पाने वाली महिला हो या कोई बिज़नेस चलाने वाली उद्यमी, वे सभी सक्षम महिलाओं के रूप में अपना परचम लहरा रही हैं. महिलाएं अब सिर्फ़ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने तक सीमित नहीं हैं बल्कि वे पैसे कमाने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं.
लेकिन क्या वो अपनी फाइनेंशियल सिक्यूरिटी पर भी ध्यान दे रही हैं?
आज एक आज़ाद महिला के रूप में, फाइनेंशियल तौर पर समझदार होना ज़रूरी है ताकि आप महंगाई से भी लड़ सकें. आप आर्थिक तौर पर आज़ादी तभी पा सकती हैं जब आप अपने सभी खर्चों को संभालना सीखें. लेकिन क्या आप भविष्य में होने खर्चों को पूरा करने के लिए आर्थिक रूप से तैयार हैं? क्या आप अचानक आने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए आर्थिक रूप से फाइनेंशियल तौर पर कवर्ड हैं?
आपको भविष्य में आने वाली और अचानक होने वाली घटनाओं के लिए पैसों का अलग से इंतज़ाम करने पर ध्यान देना चाहिए. उदाहरण के लिए, आपको अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई या शादी के लिए पहले से योजना बनाने के उद्देश्य से, काफ़ी पहले से पैसे जोड़ने की ज़रूरत पड़ेगी. अचानक होने वाले खर्चों के लिए आपको आर्थिक रूप से सक्षम होना चाहिए.
यहां आपकी भविष्य की फाइनेंशियल सिक्यूरिटी को बढ़ाने में मदद करने के लिए कुछ तरीके बताए जा रहे हैं.
1. अपनी फाइनेंशियल नॉलेज बढ़ाएं
आर्थिक आज़ादी की दिशा में पहला कदम फाइनेंशियल नॉलेज बढ़ाना है. सिर्फ़ कुछ पैसे अलग निकालकर रख देने से काम नहीं चलेगा; आपको बैंक खातों से पैसा निकालने की बजाय सही जगह में निवेश करना चाहिए. निवेश करके आप समय के साथ महंगाई बढ़ने पर भी अपने पैसे पर रिटर्न पा सकते है.
इसलिए, निवेश के जो भी विकल्प मौजूद हैं उनके बारे में जानना ज़रूरी है ताकि आप सही फ़ैसला ले सकें. इसके अलावा, कई निवेश योजनाएं महिलाओं को विशेष लाभ देने के उद्देश्य से बनाई जाती हैं. आपको फ़ायदे और नुकसान को समझना चाहिए और ऐसी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.
आप ऑनलाइन इससे जुड़े बाकी आर्टिकल पढ़कर अपने पैसे को मैनेज करने के बारे में जानकारी पा सकती हैं. आप किसी फाइनेंस के जानकार से सलाह लेने पर भी विचार कर सकती हैं.
2. समझदारी से निवेश करें और इसमें बने रहें
समझदारी से निवेश करने और इसमें बने रहने से आपको एक समय के बाद जो पैसा मिलता है वो आपकी भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काफ़ी होता है. आप अपने वित्तीय लक्ष्य के अनुसार थोड़े-थोड़े समय पर कुछ पैसा निवेश में लगा सकती हैं. उदाहरण के लिए, आप अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजना चाहती हैं तो आप हर महीने निवेश कर सकती हैं. इससे आपको आखिरी समय पर पैसे जुटाने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ती.
आप चाहें तो म्यूचुअल फंड में एक सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के लिए भी रजिस्टर कर सकती हैं. इसके दोहरे लाभ हैं. एसआईपी के ज़रिए आप समय-समय पर छोटी रकम से भी निवेश कर सकती हैं. समय के साथ, यह आपको जीवन के बड़े लक्ष्यों के लिए फंड्स तैयार करने में मदद करता है.
और तो और, म्यूचुअल फंड की देखरेख प्रशिक्षित फंड मैनेजरों द्वारा की जाती है. यहाँ कई निवेशकों से मिले फंड्स पूल को ऐसे लोग मैनेज करते हैं जिन्हें मार्किट की अच्छी समझ और अनुभव है. इसके बाद, वे अलग-अलग शेयरों और बॉन्ड में निवेश करते हैं. इस तरह, आप अपने निवेश को कई तरह के एसेट क्लास में बाँट सकती हैं, भले ही आपको शेयर बाजार का कम अनुभव हो.
इसके अलावा, अगर आपके वित्तीय लक्ष्य अलग-अलग हैं तो आप एक से ज़्यादा एसआईपी भी रख सकती हैं. अगर देखा जाए तो, एक सही दृष्टिकोण समय के साथ फाइनेंशियल सिक्यूरिटी को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है.
3. इंश्योरेंस कवरेज का लाभ
एक इंश्योरेंस कवरेज लेना, मुश्किल समय के दौरान आपके पैसे की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है. दुर्घटनाएं, क्षति और अस्पताल के बिल आपकी बचत पर गहरा असर डाल सकते हैं. इसलिए यह ज़रूरी है कि अपनी प्रॉपर्टी और लाइफ़ को इंश्योरेंस की मदद से कवर किया जाए. इंश्योरेंस को मोटे तौर पर जनरल इंश्योरेंस और लाइफ़ इंश्योरेंस में बाँटा जाता है. जनरल इंश्योरेंस में मोटर, हेल्थ, होम और ट्रेवल से जुड़े इंश्योरेंस शामिल हैं. इस इंश्योरेंस से आप अपनी मेहनत की कमाई से ख़रीदी गई चीज़ों को बचा सकती हैं.
- मोटर इंश्योरेंस से वाहन को होने वाली क्षति और थर्ड-पार्टी के प्रति आपकी देनदारी से सुरक्षा मिलती है
- हेल्थ इंश्योरेंस में मेडिकल खर्चों का ध्यान रखा जाता है
- आप होम इंश्योरेंस के ज़रिए अपने घर और उसके सामान की सुरक्षा का प्रबंध कर सकती हैं
- ट्रेवल इंश्योरेंस आपको आरामदायक और खुशियों भरी छुट्टी लेने में मदद करता है. इसमें सामान के नुकसान और मेडिकल इमरजेंसी जैसी घटनाएं शामिल हैं.
- दूसरी ओर, लाइफ़ इंश्योरेंस किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में आपके परिवार को फाइनेंशियल कवरेज देता है. यह आपके न होने पर भी आपके प्रियजनों की पैसे से जुड़ी ज़रूरतों का ध्यान रखने में मदद कर सकता है. इसलिए, आपको अपने पोर्टफोलियो में एक इंश्योरेंस प्लान ज़रूर जोड़ना चाहिए, खासकर तब जब आप अपने परिवार के लिए कमाती हैं, ताकि आप ऐसी किसी अनहोनी के लिए तैयार रहें जो आपकी जेब पर असर डालती हो.
4. अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग चीज़ें रखें
एक पुरानी कहावत है कि 'अपने सभी अंडे एक टोकरी में कभी न रखें'. हो सकता है कि आपने ये कई बार सुना हो, लेकिन यह बात आपके काम की है. और यह आपके निवेश पोर्टफोलियो पर भी लागू होता है. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन बनाने में आपकी मदद करता है.
डाइवर्सिफाई करने का मतलब है कि आप एक जगह पर पैसे लगाने के जोखिम से बचने के लिए अलग-अलग जगहों पर निवेश करें. इसको सही तरह से समझना हो तो ऐसे समझें. अगर आप अपना सारा पैसा एक तरह के एसेट में लगाते हैं, तो एसेट का परफॉरमेंस ख़राब होने पर यह आपके पोर्टफोलियो को बर्बाद कर सकता है. यह ज़रूरी है कि किसी एक इन्वेस्टमेंट का परफॉरमेंस आपके सारे पोर्टफोलियो पर गहरा असर न डाले.
इसके विपरीत, अगर आप अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करती हैं, तो किसी एक एसेट से होने वाला नुकसान दूसरे एसेट के फ़ायदे से बैलेंस किया जा सकेगा. तो डाइवर्सिफाई करने से आपके पोर्टफोलियो की वोलाटिलिटी को कम करने में मदद मिल सकती है, ताकि आपके पैसों पर कोई खराब असर न पड़े.
5. रिटायरमेंट के लिए प्लान करना
रिटायरमेंट को आपकी आर्थिक आज़ादी में कभी आड़े नहीं आना चाहिए. आप नहीं चाहेंगी कि एक आज़ाद महिला के रूप में, आपको अपने जीवन के किसी भी फेज़ में अपने खर्चों के लिए किसी पर भी निर्भर रहना पड़े. अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को अपनी वर्तमान देनदारियों और मौजूदा वित्तीय लक्ष्यों से अलग रखें. अपनी नियमित कमाई बंद होने पर भी अपने खर्चों को कवर करने के लिए एक रिटायरमेंट फंड बनाना शुरू करें, ताकि आपको अपने लाइफस्टाइल से समझौता न करना पड़े.
हालांकि, यह ध्यान रहे कि रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने में समय लगता है. इसलिए, रिटायरमेंट प्लानिंग जल्दी शुरू करना अपनी बचत को जोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है. अपने खर्चों को प्राथमिकता दें लेकिन बजट बनाकर चलें. इससे आपको ज़्यादा निवेश करने में मदद मिलेगी क्योंकि आपके पास निवेश के लिए ज़्यादा पैसे मौजूद होंगे. और इस तरह आप यह पक्का कर सकेंगी कि आपका रिटायरमेंट सुकून भरा और सुरक्षित है.
और आखिर में
हरेक महिला को फाइनेंशियल सिक्यूरिटी के लिए प्लान करना चाहिए. एक आज़ाद महिला होने से आपका आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है. इस तरह आप अपनी शर्तों पर अपनी ज़िंदगी जी पाती हैं. इसके अलावा, आपको आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए और जीवन भर इस आज़ादी का आनंद लेने के लिए खुद को तैयारकरना चाहिए. फाइनेंशियल नॉलेज पाकर और समय पर निवेश करके आपको इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकती है.
और याद रखें, समय-समय अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करती रहें ताकि आपके निवेश आपके वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से बने रहें.
दुनिया भर में, आज महिलाएं खुद पैसे कमाकर अपने परिवारों का ध्यान रख रही हैं. वे अब कई प्रोफेशन में सफलता हासिल कर रही हैं. चाहे वो तनख्वाह पाने वाली महिला हो या कोई बिज़नेस चलाने वाली उद्यमी, वे सभी सक्षम महिलाओं के रूप में अपना परचम लहरा रही हैं. महिलाएं अब सिर्फ़ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने तक सीमित नहीं हैं बल्कि वे पैसे कमाने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं.
लेकिन क्या वो अपनी फाइनेंशियल सिक्यूरिटी पर भी ध्यान दे रही हैं?
आज एक आज़ाद महिला के रूप में, फाइनेंशियल तौर पर समझदार होना ज़रूरी है ताकि आप महंगाई से भी लड़ सकें. आप आर्थिक तौर पर आज़ादी तभी पा सकती हैं जब आप अपने सभी खर्चों को संभालना सीखें. लेकिन क्या आप भविष्य में होने खर्चों को पूरा करने के लिए आर्थिक रूप से तैयार हैं? क्या आप अचानक आने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए आर्थिक रूप से फाइनेंशियल तौर पर कवर्ड हैं?
आपको भविष्य में आने वाली और अचानक होने वाली घटनाओं के लिए पैसों का अलग से इंतज़ाम करने पर ध्यान देना चाहिए. उदाहरण के लिए, आपको अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई या शादी के लिए पहले से योजना बनाने के उद्देश्य से, काफ़ी पहले से पैसे जोड़ने की ज़रूरत पड़ेगी. अचानक होने वाले खर्चों के लिए आपको आर्थिक रूप से सक्षम होना चाहिए.
यहां आपकी भविष्य की फाइनेंशियल सिक्यूरिटी को बढ़ाने में मदद करने के लिए कुछ तरीके बताए जा रहे हैं.
1. अपनी फाइनेंशियल नॉलेज बढ़ाएं
आर्थिक आज़ादी की दिशा में पहला कदम फाइनेंशियल नॉलेज बढ़ाना है. सिर्फ़ कुछ पैसे अलग निकालकर रख देने से काम नहीं चलेगा; आपको बैंक खातों से पैसा निकालने की बजाय सही जगह में निवेश करना चाहिए. निवेश करके आप समय के साथ महंगाई बढ़ने पर भी अपने पैसे पर रिटर्न पा सकते है.
इसलिए, निवेश के जो भी विकल्प मौजूद हैं उनके बारे में जानना ज़रूरी है ताकि आप सही फ़ैसला ले सकें. इसके अलावा, कई निवेश योजनाएं महिलाओं को विशेष लाभ देने के उद्देश्य से बनाई जाती हैं. आपको फ़ायदे और नुकसान को समझना चाहिए और ऐसी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.
आप ऑनलाइन इससे जुड़े बाकी आर्टिकल पढ़कर अपने पैसे को मैनेज करने के बारे में जानकारी पा सकती हैं. आप किसी फाइनेंस के जानकार से सलाह लेने पर भी विचार कर सकती हैं.
2. समझदारी से निवेश करें और इसमें बने रहें
समझदारी से निवेश करने और इसमें बने रहने से आपको एक समय के बाद जो पैसा मिलता है वो आपकी भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काफ़ी होता है. आप अपने वित्तीय लक्ष्य के अनुसार थोड़े-थोड़े समय पर कुछ पैसा निवेश में लगा सकती हैं. उदाहरण के लिए, आप अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजना चाहती हैं तो आप हर महीने निवेश कर सकती हैं. इससे आपको आखिरी समय पर पैसे जुटाने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ती.
आप चाहें तो म्यूचुअल फंड में एक सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के लिए भी रजिस्टर कर सकती हैं. इसके दोहरे लाभ हैं. एसआईपी के ज़रिए आप समय-समय पर छोटी रकम से भी निवेश कर सकती हैं. समय के साथ, यह आपको जीवन के बड़े लक्ष्यों के लिए फंड्स तैयार करने में मदद करता है.
और तो और, म्यूचुअल फंड की देखरेख प्रशिक्षित फंड मैनेजरों द्वारा की जाती है. यहाँ कई निवेशकों से मिले फंड्स पूल को ऐसे लोग मैनेज करते हैं जिन्हें मार्किट की अच्छी समझ और अनुभव है. इसके बाद, वे अलग-अलग शेयरों और बॉन्ड में निवेश करते हैं. इस तरह, आप अपने निवेश को कई तरह के एसेट क्लास में बाँट सकती हैं, भले ही आपको शेयर बाजार का कम अनुभव हो.
इसके अलावा, अगर आपके वित्तीय लक्ष्य अलग-अलग हैं तो आप एक से ज़्यादा एसआईपी भी रख सकती हैं. अगर देखा जाए तो, एक सही दृष्टिकोण समय के साथ फाइनेंशियल सिक्यूरिटी को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है.
3. इंश्योरेंस कवरेज का लाभ
एक इंश्योरेंस कवरेज लेना, मुश्किल समय के दौरान आपके पैसे की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है. दुर्घटनाएं, क्षति और अस्पताल के बिल आपकी बचत पर गहरा असर डाल सकते हैं. इसलिए यह ज़रूरी है कि अपनी प्रॉपर्टी और लाइफ़ को इंश्योरेंस की मदद से कवर किया जाए. इंश्योरेंस को मोटे तौर पर जनरल इंश्योरेंस और लाइफ़ इंश्योरेंस में बाँटा जाता है. जनरल इंश्योरेंस में मोटर, हेल्थ, होम और ट्रेवल से जुड़े इंश्योरेंस शामिल हैं. इस इंश्योरेंस से आप अपनी मेहनत की कमाई से ख़रीदी गई चीज़ों को बचा सकती हैं.
- मोटर इंश्योरेंस से वाहन को होने वाली क्षति और थर्ड-पार्टी के प्रति आपकी देनदारी से सुरक्षा मिलती है
- हेल्थ इंश्योरेंस में मेडिकल खर्चों का ध्यान रखा जाता है
- आप होम इंश्योरेंस के ज़रिए अपने घर और उसके सामान की सुरक्षा का प्रबंध कर सकती हैं
- ट्रेवल इंश्योरेंस आपको आरामदायक और खुशियों भरी छुट्टी लेने में मदद करता है. इसमें सामान के नुकसान और मेडिकल इमरजेंसी जैसी घटनाएं शामिल हैं.
- दूसरी ओर, लाइफ़ इंश्योरेंस किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में आपके परिवार को फाइनेंशियल कवरेज देता है. यह आपके न होने पर भी आपके प्रियजनों की पैसे से जुड़ी ज़रूरतों का ध्यान रखने में मदद कर सकता है. इसलिए, आपको अपने पोर्टफोलियो में एक इंश्योरेंस प्लान ज़रूर जोड़ना चाहिए, खासकर तब जब आप अपने परिवार के लिए कमाती हैं, ताकि आप ऐसी किसी अनहोनी के लिए तैयार रहें जो आपकी जेब पर असर डालती हो.
4. अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग चीज़ें रखें
एक पुरानी कहावत है कि 'अपने सभी अंडे एक टोकरी में कभी न रखें'. हो सकता है कि आपने ये कई बार सुना हो, लेकिन यह बात आपके काम की है. और यह आपके निवेश पोर्टफोलियो पर भी लागू होता है. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन बनाने में आपकी मदद करता है.
डाइवर्सिफाई करने का मतलब है कि आप एक जगह पर पैसे लगाने के जोखिम से बचने के लिए अलग-अलग जगहों पर निवेश करें. इसको सही तरह से समझना हो तो ऐसे समझें. अगर आप अपना सारा पैसा एक तरह के एसेट में लगाते हैं, तो एसेट का परफॉरमेंस ख़राब होने पर यह आपके पोर्टफोलियो को बर्बाद कर सकता है. यह ज़रूरी है कि किसी एक इन्वेस्टमेंट का परफॉरमेंस आपके सारे पोर्टफोलियो पर गहरा असर न डाले.
इसके विपरीत, अगर आप अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करती हैं, तो किसी एक एसेट से होने वाला नुकसान दूसरे एसेट के फ़ायदे से बैलेंस किया जा सकेगा. तो डाइवर्सिफाई करने से आपके पोर्टफोलियो की वोलाटिलिटी को कम करने में मदद मिल सकती है, ताकि आपके पैसों पर कोई खराब असर न पड़े.
5. रिटायरमेंट के लिए प्लान करना
रिटायरमेंट को आपकी आर्थिक आज़ादी में कभी आड़े नहीं आना चाहिए. आप नहीं चाहेंगी कि एक आज़ाद महिला के रूप में, आपको अपने जीवन के किसी भी फेज़ में अपने खर्चों के लिए किसी पर भी निर्भर रहना पड़े. अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को अपनी वर्तमान देनदारियों और मौजूदा वित्तीय लक्ष्यों से अलग रखें. अपनी नियमित कमाई बंद होने पर भी अपने खर्चों को कवर करने के लिए एक रिटायरमेंट फंड बनाना शुरू करें, ताकि आपको अपने लाइफस्टाइल से समझौता न करना पड़े.
हालांकि, यह ध्यान रहे कि रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने में समय लगता है. इसलिए, रिटायरमेंट प्लानिंग जल्दी शुरू करना अपनी बचत को जोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है. अपने खर्चों को प्राथमिकता दें लेकिन बजट बनाकर चलें. इससे आपको ज़्यादा निवेश करने में मदद मिलेगी क्योंकि आपके पास निवेश के लिए ज़्यादा पैसे मौजूद होंगे. और इस तरह आप यह पक्का कर सकेंगी कि आपका रिटायरमेंट सुकून भरा और सुरक्षित है.
और आखिर में
हरेक महिला को फाइनेंशियल सिक्यूरिटी के लिए प्लान करना चाहिए. एक आज़ाद महिला होने से आपका आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है. इस तरह आप अपनी शर्तों पर अपनी ज़िंदगी जी पाती हैं. इसके अलावा, आपको आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए और जीवन भर इस आज़ादी का आनंद लेने के लिए खुद को तैयारकरना चाहिए. फाइनेंशियल नॉलेज पाकर और समय पर निवेश करके आपको इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकती है.
और याद रखें, समय-समय अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करती रहें ताकि आपके निवेश आपके वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से बने रहें.