- Date : 07/06/2023
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इक्विटी निवेश को बढ़ाने की योजना बनाई है। ईपीएफओ की स्टैचुअरी बॉडी ने घोषणा की है कि वह एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में अपने इक्विटी या उससे मिलते जुलते निवेश विकल्पों पर पैसा लगाने जा रहा है।

EPFO Equity Investment: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इक्विटी निवेश को बढ़ाने की योजना बनाई है। ईपीएफओ की स्टैचुअरी बॉडी ने घोषणा की है कि वह एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में अपने इक्विटी या उससे मिलते जुलते निवेश विकल्पों पर पैसा लगाने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मार्च में ईपीएफओ की स्टैचुअरी बोर्ड ने इक्विटी निवेश में वृद्धि को लेकर पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मौजूदा नियमों के अनुसार ईपीएफओ सालाना इंक्रीमेंटल डिपॉजिट का 5% से 15% तक ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में निवेश कर सकता है। बाकी का पैसा उसे डेब्थ फंड में लगाना होता है। बताया जा रहा है कि जनवरी 2023 तक कर्मचारी भविष्य निधि कोष में इक्विटी निवेश का अनुपात दस फीसदी था जिसे अब 15 फीसदी से ज्यादा करने की योजना है।
ईपीएफओ के इक्विटी निवेश पर नजर डालें तो 2015-16 में 5 फीसदी, 2016-17 में 10 फीसदी और 2017-18 में 15 फीसदी था। इसके अलावा 31 मार्च, 2022 तक ईटीएफ में रिटायरमेंट बॉडी में कुल निवेश 9.24% था।
खबर लिखे जाने तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईपीएफओ को इक्विटी निवेश बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय की अनुमति नहीं मिली है। ईपीएफओ को ईटीएफ फंड से कहीं भी पैसा लगाने से पहले रेगुलेटरी बोर्ड की अनुमति लेनी होती है।
ईपीएफओ के इक्विटी में निवेश के फायदे और नुकसान दोनों हैं। ईपीएफओ फंड का इक्विटी में निवेश बढ़ने से मुनाफा तो बढ़ सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी बड़ा है। विशेषज्ञों डेट फंड में निवेश की तुलना में इक्विटी में निवेश को हमेशा जोखिम भरा मानते हैं।