पैसे से जुड़े 5 झूठ जो महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकते हैं

क्या आप भी इन नुकसान पहुंचाने वाली झूठी बातों पर भरोसा करती हैं जो आपको आपके सपनों को पूरा करने से रोकती हैं?

पैसे से जुड़े 5 झूठ जो महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकते हैं

सुबह के 6 बजे हैं और आपका अलार्म बजता है। आपको जॉगिंग करने जाना है। आप खुद से कहते हैं कि “पांच मिनट बाद चलते हैं और फिर सो जाते हैं”। आपको पता है कि यह झूठ है। आप उसके बाद 8 बजे सोकर उठते हैं, हड़बड़ी में सुबह का नाश्ता करते हैं, जल्दबाज़ी में तैयार होते हैं और ऑफिस के लिए निकल जाते हैं।

इस तरह के बहुत से झूठ हैं जो पूरे दिन आप खुद से बोलती हैं। कुछ से आपको नुकसान नहीं होता लेकिन कुछ आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब बात पैसे की आती है तो हम सच से कुछ ज़्यादा ही दूरी बना लेते हैं।

आइए पैसे से जुड़ी उन झूठी बातों के बारे में पता करते हैं जिन पर भरोसा करके अक्सर हम खुद को ही बेवकूफ बनाते हैं। 

1. मेरे पास समय नहीं है

पहली बार सुनने में यह सच नज़र आता है। यहां तक कि आप जितनी चीज़ों को करना चाहते हैं उन्हें पूरा करने के लिए 24 घंटे कम लगते हैं: दिन में आठ घंटे काम करना, योग की कक्षाएं, दांत के डाक्टर का अपॉइंटमेंट, घर के सामान की खरीदारी और खाना पकाना। जब तक आप सोने के लिए जाते हैं, फिर से सब शुरू करने का समय हो जाता है। हालांकि, अपने पैसे पर निगाह रखने के साथ खर्चों और बचत की जानकारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें बहुत समय भी नहीं लगता। एक बजट बनाएं और अपने पैसे की हर हफ्ते समीक्षा करें। अब मार्केट ट्रेकर, मनी व्यू, वॉली जैसे एप बाज़ार में हैं जहां आप अपने खर्चों का हिसाब रख सकते हैं और ये एप आपके बजट, खर्च और बचत के लक्ष्य के बारे में सलाह देते हैं। अगर आप भूल जाते हैं तो वह आपको खर्चे को जोड़ने की याद भी दिलाते हैं। हर हफ्ते इस काम में कुछ घंटे से ज्‍यादा का समय नहीं लगेगा। इसके साथ ही आप अपने पैसे और वित्तीय भविष्य के बारे में वित्तीय सलाहकार से सलाह भी ले सकते हैं। 

2. यह उबाऊ है

बहुत सी महिलाओं को लगता है कि संख्याओं, आंकड़ों और चार्ट्स का काम बहुत उबाऊ होता है। अगर इसके बिना उनका काम चल जाए तो वे इस काम को नहीं करना चाहती। लेकिन इसके कारण आप अपने पैसे का ध्यान रखना नहीं छोड़ सकते। ऑनलाइन बहुत से प्रोग्राम उपलब्ध हैं जो बिना कठिन गणनाओं या चार्ट्स के भी आपके लिए वित्तीय हिसाब लगा कर देते हैं। याद रखें कि भले ही ये संख्याएं उबाऊ हों लेकिन आपका रिटायरमेंट उबाऊ नहीं होना चाहिए। पैसे का सही प्रबंध करने से आप जीवन के आखिरी वर्षों में दुनिया घूमते हुए अपने सपनों के हिसाब से जीवन जी सकते हैं।

3. मुझे यह सब समझ नहीं आता!

बहुत सी महिलाएं पैसे के प्रबंधन का काम अपने जीवनसाथी को सौंप देती हैं, कहती हैं, “मेरे पति को पता है कि क्या करना है। वह इन मामलों को समझता है।” सच्चाई यह है कि पुरूषों के पास ऐसा कोई विशेष गुण नहीं होता जो वित्त के मामले में पुरूषों को महिलाओं से बेहतर बनाता हो। सच्चाई यह है कि अधिकतर पुरूष वित्त के मामले में उतने जानकार नहीं होते जितना कि दिखाई देते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको वित्तीय मामलों की ज़्यादा समझ नहीं है तो आप कभी भी उसे सीखना शुरू कर सकती हैं। किसी नई चीज़ को सीखने की शुरूआत उम्र के किसी भी दौर में की जा सकती है। 

4.पैसे की बात करने से वादविवाद होता है

किसी भी परिवार में पैसे की अहम भूमिका होती है। एक पत्नी (और मां) के रूप में यह आपका अधिकार है कि आप पति से पैसे के मसले पर बात करें। हां, हो सकता है कि परिवार के पैसे का प्रबंध कैसे करना है इसको लेकर आपके विचार अलग हों। लेकिन थोड़े बहुत वादविवाद के कारण आपको पैसे के विषय पर बात करना बंद नहीं करना चाहिए। बहुत से अध्ययनों से पता चला है कि घर के रोजमर्रा के बजट और रिटायरमेंट फंड को लेकर महिलाओं की चिंता अलग तरह की होती हैं। अपने विचार सामने रखकर आप अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित बना सकती हैं। पैसे को लेकर अपने पति के साथ नियमित रूप से खुली और ईमानदार चर्चा करें। इसे अनदेखा ना करें। 

5. निवेश बहुत जटिल और जोखिम भरा है

समय के साथ संपत्ति बढ़ाने के लिए पैसे का सही निवेश बहुत ज़रूरी है। पैसे का निवेश करने के बहुत से अलग-अलग साधन उपलब्ध हैं। निवेश के कुछ साधन दूसरों के मुकाबले ज़्यादा जोखिम भरे माने जाते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि निवेश के सभी साधन जोखिम भरे होते हैं। उदाहरण के लिए, कोई भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकता है। इसके अलावा निवेश के लिए डेट फंड, हाइब्रिड फंड और इक्विटी फंड जैसे विकल्प भी हैं जिनमें अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निवेश किया जा सकता है। बस आपको नियमित रूप से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के ज़रिए निवेश करना है। 

निष्कर्ष

आजकल नौकरी में तनख्वाहों को लेकर लिंगभेद की बात तो काफी की जा रही है लेकिन निवेश को लेकर चल रहे लिंगभेद की बाद नहीं की जाती। अगर आपको लगता है कि आपने खुद से पर्याप्त झूठ बोल लिया है तो आपके लिए यह बदलाव का सही समय है। पैसे को समझें और अलग तरह से निवेश करके अपने जीवन को बेहतर बनाएं! 

सुबह के 6 बजे हैं और आपका अलार्म बजता है। आपको जॉगिंग करने जाना है। आप खुद से कहते हैं कि “पांच मिनट बाद चलते हैं और फिर सो जाते हैं”। आपको पता है कि यह झूठ है। आप उसके बाद 8 बजे सोकर उठते हैं, हड़बड़ी में सुबह का नाश्ता करते हैं, जल्दबाज़ी में तैयार होते हैं और ऑफिस के लिए निकल जाते हैं।

इस तरह के बहुत से झूठ हैं जो पूरे दिन आप खुद से बोलती हैं। कुछ से आपको नुकसान नहीं होता लेकिन कुछ आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब बात पैसे की आती है तो हम सच से कुछ ज़्यादा ही दूरी बना लेते हैं।

आइए पैसे से जुड़ी उन झूठी बातों के बारे में पता करते हैं जिन पर भरोसा करके अक्सर हम खुद को ही बेवकूफ बनाते हैं। 

1. मेरे पास समय नहीं है

पहली बार सुनने में यह सच नज़र आता है। यहां तक कि आप जितनी चीज़ों को करना चाहते हैं उन्हें पूरा करने के लिए 24 घंटे कम लगते हैं: दिन में आठ घंटे काम करना, योग की कक्षाएं, दांत के डाक्टर का अपॉइंटमेंट, घर के सामान की खरीदारी और खाना पकाना। जब तक आप सोने के लिए जाते हैं, फिर से सब शुरू करने का समय हो जाता है। हालांकि, अपने पैसे पर निगाह रखने के साथ खर्चों और बचत की जानकारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें बहुत समय भी नहीं लगता। एक बजट बनाएं और अपने पैसे की हर हफ्ते समीक्षा करें। अब मार्केट ट्रेकर, मनी व्यू, वॉली जैसे एप बाज़ार में हैं जहां आप अपने खर्चों का हिसाब रख सकते हैं और ये एप आपके बजट, खर्च और बचत के लक्ष्य के बारे में सलाह देते हैं। अगर आप भूल जाते हैं तो वह आपको खर्चे को जोड़ने की याद भी दिलाते हैं। हर हफ्ते इस काम में कुछ घंटे से ज्‍यादा का समय नहीं लगेगा। इसके साथ ही आप अपने पैसे और वित्तीय भविष्य के बारे में वित्तीय सलाहकार से सलाह भी ले सकते हैं। 

2. यह उबाऊ है

बहुत सी महिलाओं को लगता है कि संख्याओं, आंकड़ों और चार्ट्स का काम बहुत उबाऊ होता है। अगर इसके बिना उनका काम चल जाए तो वे इस काम को नहीं करना चाहती। लेकिन इसके कारण आप अपने पैसे का ध्यान रखना नहीं छोड़ सकते। ऑनलाइन बहुत से प्रोग्राम उपलब्ध हैं जो बिना कठिन गणनाओं या चार्ट्स के भी आपके लिए वित्तीय हिसाब लगा कर देते हैं। याद रखें कि भले ही ये संख्याएं उबाऊ हों लेकिन आपका रिटायरमेंट उबाऊ नहीं होना चाहिए। पैसे का सही प्रबंध करने से आप जीवन के आखिरी वर्षों में दुनिया घूमते हुए अपने सपनों के हिसाब से जीवन जी सकते हैं।

3. मुझे यह सब समझ नहीं आता!

बहुत सी महिलाएं पैसे के प्रबंधन का काम अपने जीवनसाथी को सौंप देती हैं, कहती हैं, “मेरे पति को पता है कि क्या करना है। वह इन मामलों को समझता है।” सच्चाई यह है कि पुरूषों के पास ऐसा कोई विशेष गुण नहीं होता जो वित्त के मामले में पुरूषों को महिलाओं से बेहतर बनाता हो। सच्चाई यह है कि अधिकतर पुरूष वित्त के मामले में उतने जानकार नहीं होते जितना कि दिखाई देते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको वित्तीय मामलों की ज़्यादा समझ नहीं है तो आप कभी भी उसे सीखना शुरू कर सकती हैं। किसी नई चीज़ को सीखने की शुरूआत उम्र के किसी भी दौर में की जा सकती है। 

4.पैसे की बात करने से वादविवाद होता है

किसी भी परिवार में पैसे की अहम भूमिका होती है। एक पत्नी (और मां) के रूप में यह आपका अधिकार है कि आप पति से पैसे के मसले पर बात करें। हां, हो सकता है कि परिवार के पैसे का प्रबंध कैसे करना है इसको लेकर आपके विचार अलग हों। लेकिन थोड़े बहुत वादविवाद के कारण आपको पैसे के विषय पर बात करना बंद नहीं करना चाहिए। बहुत से अध्ययनों से पता चला है कि घर के रोजमर्रा के बजट और रिटायरमेंट फंड को लेकर महिलाओं की चिंता अलग तरह की होती हैं। अपने विचार सामने रखकर आप अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित बना सकती हैं। पैसे को लेकर अपने पति के साथ नियमित रूप से खुली और ईमानदार चर्चा करें। इसे अनदेखा ना करें। 

5. निवेश बहुत जटिल और जोखिम भरा है

समय के साथ संपत्ति बढ़ाने के लिए पैसे का सही निवेश बहुत ज़रूरी है। पैसे का निवेश करने के बहुत से अलग-अलग साधन उपलब्ध हैं। निवेश के कुछ साधन दूसरों के मुकाबले ज़्यादा जोखिम भरे माने जाते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि निवेश के सभी साधन जोखिम भरे होते हैं। उदाहरण के लिए, कोई भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकता है। इसके अलावा निवेश के लिए डेट फंड, हाइब्रिड फंड और इक्विटी फंड जैसे विकल्प भी हैं जिनमें अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निवेश किया जा सकता है। बस आपको नियमित रूप से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के ज़रिए निवेश करना है। 

निष्कर्ष

आजकल नौकरी में तनख्वाहों को लेकर लिंगभेद की बात तो काफी की जा रही है लेकिन निवेश को लेकर चल रहे लिंगभेद की बाद नहीं की जाती। अगर आपको लगता है कि आपने खुद से पर्याप्त झूठ बोल लिया है तो आपके लिए यह बदलाव का सही समय है। पैसे को समझें और अलग तरह से निवेश करके अपने जीवन को बेहतर बनाएं! 

संवादपत्र

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