- Date : 13/04/2021
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तेजी से आते वित्तीय वर्ष के अंत के साथ, कारदाता अपने सभी वित्तीय और कर-संबंधित कार्यों को 31 मार्च की समय सीमा से पहले पूरा करने के प्रयास में लगे हुए हैं।

एक बार फिर साल का यह वही समय है। वित्तीय वर्ष 2020-21 समाप्त होने वाला है, और इसलिए कुछ निश्चित वित्तीय कार्यों के लिए समय सीमा है। सरकारी उधार, ब्याज का विलंभित भुगतान, विलंब शुल्क, जुर्माने इत्यादि के कारण आपकी आय पर जरूरत से ज्यादा बोझ पड़ता है और आपकी जेब में एक छेद हो जाता है। लेकिन इन सभी से बचा जा सकता है यदि आप अपना आयकर समय पर फाइल करने और भुगतान करने के प्रति सचेत रहते हैं।
यदि आपने ऐसा नहीं किया है, तो कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको 31 मार्च से पहले अवश्य कर लेनी चाहिए।
पैन को आधार से लिंक करना
आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए उनके पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। कारदाता अपने आधार और पैन को लिंक किए बिना आयकर रिटर्न फाइल नहीं कर सकते। इन दोनों की लिंकिंग की समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है, इसलिए इसे जल्द से जल्द पूरा कर लें। यदि आप पैन को आधार से लिंक करना भूल जाते हैं, तो आपका पैन 1 अप्रैल 2021 से निष्क्रिय हो जाएगा। इसके अलावा, आयकर विभाग आपसे 10,000 रुपए जुर्माना ले सकता है।
इससे जुड़ी बातें: अपने आधार को पैन से लिंक करने के बारे में आपको क्या-क्या जानना चाहिए?
एडवांस टैक्स फाइल करना
एडवांस टैक्स वह आयकर है जिसका भुगतान अग्रिम रूप से किया जाता है न कि वर्ष के अंत में एकमुश्त करना होता है। आयकर नियम के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति की कर देयता प्रति वर्ष 10,000 रुपए से अधिक है (वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर जिनकी पेशेवर आमदनी नहीं होती है), तो उस व्यक्ति को चार किस्तों में एडवांस टैक्स का भुगतान करना होता है। एडवांस टैक्स भुगतान करने की तारीखें याद रखें जो 15 जुलाई, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मर्च को या इससे पहले है।
इससे जुड़ी बातें: एडवांस टैक्स के बारे में समझना: क्या आप देनदार हैं?
विलंबित या संशोधित आयकर रिटर्न फाइल करना
विलंबित टैक्स रिटर्न को आयकर अधिनियम की धारा 139(4) में वर्णित रिटर्न फाइल करने की विस्तारित समय सीमा के बाद फाइल किया जाता है। संशोधित आयकर रिपोर्ट्स फाइल किए जाते हैं यदि कारदाताओं को अपना शुरुआती टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसमें कोई गलती मिलती है। देर से फाइल किए गए रिटर्न को भी संशोधित किया जा सकता है। मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के मामले में, 31 मार्च 2021 को या इससे पहले संशोधित रिटर्न फाइल किया जा सकता है।
यदि आप किसी विशेष वर्ष का रिटर्न दो से अधिक वर्षों तक फाइल नहीं किया है, तो आयकर विभाग आपको सूचित करेगा। यदि आपको इनमें से कोई नोटिस मिल जाता है, तो समय सीमा से पहले जल्द से जल्द इसकी समीक्षा करना और अपना आयकर रिटर्न करना शुरू कर दें। आपनी आईटीआर समय सीमा छूट गई? यहां आगे के चरण दिए गए हैं।
टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स को बढ़ाना
आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, कोई व्यक्ति या एचयूएफ करदाता 1.5 लाख रुपए तक की छूट का दावा कर सकता है यदि वह वर्ष के अंत से पहले विशेष उत्पादों में निवेश करता है या खर्च करता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए, ऐसे निवेश 31 मार्च 2021 से पहले किए जाते हैं। यदि आपकी यह तिथि छूट जाती है तो आप इस टैक्स सेविंग लाभ नहीं मिलेगा। यदि यह समय सीमा निकल जाती है, तो आप वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए संशोधित या विलंबित आईटीआर फाइल नहीं कर सकते। विलंबित आईटीआर को 31 मार्च 2021 को या इससे पहले 10,000 रुपए के विलंबित फाइलिंग शुल्क के साथ सब्मिट किया जाएगा।
इससे जुड़ी बातें: आपके सीटीसी के टैक्स-सेविंग कॉम्पोनेंट्स
50,000 रुपए से अधिक के किराए पर टीडीएस का भुगतान
यदि आप अपने घर के लिए 50,000 रुपए या इससे अधिक मासिक किराया दे रहे हैं, तो आपको स्रोत पर टैक्स कटौती करनी होती है। यह है टीडीएस, और आयकर नियमों के मुताबिक, यह दर भुगतान किए गए किराए का 5% होती है। यदि टीडीएस की कटौती नहीं की जाती है और 31 मार्च से पहले भुगतान नहीं किया जाता है, तो आपको ब्याज और जुर्माना देना होगा।
विवाद से विश्वास
लंबित आयकर कानूनी झगड़े को कम करने, सरकार के लिए समय पर राजस्व उत्पन्न करने और करदाताओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से, आयकर विभाग ने 17 मार्च 2020 को प्रत्यक्ष कर 'विवाद से विश्वास’ अधिनियम, 2020 का कानून बनाया है। विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत घोषणापत्र जमा करने की समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नोटिफिकेशन के अनुसार, योजना के अंतर्गत अतिरिक्त ब्याज के बिना कर के भुगतान की तिथि 30 अप्रैल 2021 है और उसके कोई बदलाव नहीं है। मार्च 2021 तक अपने खरीदे हुए बीमा पर एलटीसी लाभ पाएं।
एक बार फिर साल का यह वही समय है। वित्तीय वर्ष 2020-21 समाप्त होने वाला है, और इसलिए कुछ निश्चित वित्तीय कार्यों के लिए समय सीमा है। सरकारी उधार, ब्याज का विलंभित भुगतान, विलंब शुल्क, जुर्माने इत्यादि के कारण आपकी आय पर जरूरत से ज्यादा बोझ पड़ता है और आपकी जेब में एक छेद हो जाता है। लेकिन इन सभी से बचा जा सकता है यदि आप अपना आयकर समय पर फाइल करने और भुगतान करने के प्रति सचेत रहते हैं।
यदि आपने ऐसा नहीं किया है, तो कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको 31 मार्च से पहले अवश्य कर लेनी चाहिए।
पैन को आधार से लिंक करना
आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए उनके पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। कारदाता अपने आधार और पैन को लिंक किए बिना आयकर रिटर्न फाइल नहीं कर सकते। इन दोनों की लिंकिंग की समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है, इसलिए इसे जल्द से जल्द पूरा कर लें। यदि आप पैन को आधार से लिंक करना भूल जाते हैं, तो आपका पैन 1 अप्रैल 2021 से निष्क्रिय हो जाएगा। इसके अलावा, आयकर विभाग आपसे 10,000 रुपए जुर्माना ले सकता है।
इससे जुड़ी बातें: अपने आधार को पैन से लिंक करने के बारे में आपको क्या-क्या जानना चाहिए?
एडवांस टैक्स फाइल करना
एडवांस टैक्स वह आयकर है जिसका भुगतान अग्रिम रूप से किया जाता है न कि वर्ष के अंत में एकमुश्त करना होता है। आयकर नियम के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति की कर देयता प्रति वर्ष 10,000 रुपए से अधिक है (वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर जिनकी पेशेवर आमदनी नहीं होती है), तो उस व्यक्ति को चार किस्तों में एडवांस टैक्स का भुगतान करना होता है। एडवांस टैक्स भुगतान करने की तारीखें याद रखें जो 15 जुलाई, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मर्च को या इससे पहले है।
इससे जुड़ी बातें: एडवांस टैक्स के बारे में समझना: क्या आप देनदार हैं?
विलंबित या संशोधित आयकर रिटर्न फाइल करना
विलंबित टैक्स रिटर्न को आयकर अधिनियम की धारा 139(4) में वर्णित रिटर्न फाइल करने की विस्तारित समय सीमा के बाद फाइल किया जाता है। संशोधित आयकर रिपोर्ट्स फाइल किए जाते हैं यदि कारदाताओं को अपना शुरुआती टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसमें कोई गलती मिलती है। देर से फाइल किए गए रिटर्न को भी संशोधित किया जा सकता है। मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के मामले में, 31 मार्च 2021 को या इससे पहले संशोधित रिटर्न फाइल किया जा सकता है।
यदि आप किसी विशेष वर्ष का रिटर्न दो से अधिक वर्षों तक फाइल नहीं किया है, तो आयकर विभाग आपको सूचित करेगा। यदि आपको इनमें से कोई नोटिस मिल जाता है, तो समय सीमा से पहले जल्द से जल्द इसकी समीक्षा करना और अपना आयकर रिटर्न करना शुरू कर दें। आपनी आईटीआर समय सीमा छूट गई? यहां आगे के चरण दिए गए हैं।
टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स को बढ़ाना
आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, कोई व्यक्ति या एचयूएफ करदाता 1.5 लाख रुपए तक की छूट का दावा कर सकता है यदि वह वर्ष के अंत से पहले विशेष उत्पादों में निवेश करता है या खर्च करता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए, ऐसे निवेश 31 मार्च 2021 से पहले किए जाते हैं। यदि आपकी यह तिथि छूट जाती है तो आप इस टैक्स सेविंग लाभ नहीं मिलेगा। यदि यह समय सीमा निकल जाती है, तो आप वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए संशोधित या विलंबित आईटीआर फाइल नहीं कर सकते। विलंबित आईटीआर को 31 मार्च 2021 को या इससे पहले 10,000 रुपए के विलंबित फाइलिंग शुल्क के साथ सब्मिट किया जाएगा।
इससे जुड़ी बातें: आपके सीटीसी के टैक्स-सेविंग कॉम्पोनेंट्स
50,000 रुपए से अधिक के किराए पर टीडीएस का भुगतान
यदि आप अपने घर के लिए 50,000 रुपए या इससे अधिक मासिक किराया दे रहे हैं, तो आपको स्रोत पर टैक्स कटौती करनी होती है। यह है टीडीएस, और आयकर नियमों के मुताबिक, यह दर भुगतान किए गए किराए का 5% होती है। यदि टीडीएस की कटौती नहीं की जाती है और 31 मार्च से पहले भुगतान नहीं किया जाता है, तो आपको ब्याज और जुर्माना देना होगा।
विवाद से विश्वास
लंबित आयकर कानूनी झगड़े को कम करने, सरकार के लिए समय पर राजस्व उत्पन्न करने और करदाताओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से, आयकर विभाग ने 17 मार्च 2020 को प्रत्यक्ष कर 'विवाद से विश्वास’ अधिनियम, 2020 का कानून बनाया है। विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत घोषणापत्र जमा करने की समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नोटिफिकेशन के अनुसार, योजना के अंतर्गत अतिरिक्त ब्याज के बिना कर के भुगतान की तिथि 30 अप्रैल 2021 है और उसके कोई बदलाव नहीं है। मार्च 2021 तक अपने खरीदे हुए बीमा पर एलटीसी लाभ पाएं।