Government approved Microfinance schemes in India

क्या आप खुद का छोटा-मोटा कारोबार शुरू करना चाहते हैं, लेकिन पैसों की कमी है, तो इन सरकारी स्कीम का फायदा उठाएं।

छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने में सरकार करेगी आपकी मदद, जानें स्कीम

अगर आप भी सैलून, ब्यूटी पार्लर, जिम, टेलरिंग या दवाई या मरम्मत की दुकानें या फिर ड्राई क्लीनिंग और फोटोकॉपी की दुकानें जैसे कोई छोटा-मोटा खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं, लेकिन पैसों की दिक्कत है तो सरकार समर्थित माइक्रो लोन स्कीम के बारे में जरूर जान लें। ट्रैक्टर, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, ट्रॉली, माल परिवहन वाहनों, तिपहिया, ई-रिक्शा, आदि जैसे कॉमर्शियल वाहनों को खरीदने, कृषि और कृषि से जुड़ी गतिविधियों, पॉल्ट्री, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, पशुधन-पालन, डेयरी आदि व्यवसायों से संबंधित गतिविधियों को शुरू करने या उसे और बढ़ाने में माइक्रो लोन आपकी मदद करेगा। सरकार NBFC, MFI, बैंक, छोटे बैंक, गैर-मुनाफा संस्थाएं, बैंकों द्वारा नामित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) आदि के जरिये लोन देती है। 
गरीब और असहाय लोगों को उनकी इनकम और जीवन स्तर बढ़ाने में सक्षम बनाना इन स्कीम का मकसद है। माइक्रो लोन में आर्थिक या सामाजिक रूप से कमजोर लोगों को अपना कामकाज शुरू करने के लिए कम पैसों का कर्ज दिया जाता है। ज्यादातर कम आय वर्ग वाले ही इस प्रकार के लोन लेते हैं। आमतौर पर इसमें बिना किसी चीज को गिरवी रखे कम समय के लिए कम राशि का लोन दिया जाता है।

1- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): 
MUDRA यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी योजना के तहत व्यक्ति, एसएमई और एमएसएमई को लोन दिया जाता है। इसमें तीन तरह की लोन योजनाएं हैं।  
शिशु लोन: इसके अंतर्गत अधिक से अधिक ₹50,000 का लोन दिया जात है। इसे 5 साल में चुकाना होता है। हर साल 12% तक ब्याज देना होता है। नया कारोबार करने वाले को ये लोन दिया जाता है। 
किशोर लोन: पहले से जो कारोबार कर रहे हैं, उनको लेन दिया जाता है। आप ₹50,000 से ₹5 लाख तक लोन ले सकते हैं। लोन पर कितना ब्याज देना है, ये लोन देने वाली संस्था तय करती है। 
तरुण लोन: जिनका काम-धंधा स्थापित है और अगर वो अपना कारोबार और बढ़ाना चाहते हैं, तो उनको ये लोन दिया जाता है। आप ₹5 लाख से ₹10 लाख के बीच लोन ले सकते हैं। 
अपना कारोबार शुरू करने वाला देश का कोई भी नागरिक इस योजना के तहत आवेदन कर सकता है। सभी सरकारी बैंक, चुनिंदा प्राइवेट बैंक, ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन ले सकते हैं। 

2- किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC):
इस योजना के तहत किसान कम ब्याज पर आसानी से कर्ज ले सकता है। इसको कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, मुर्गीपालन, डेयरी का काम करने वालों की पैसों की जरूरत को पूरी करने के लिए शुरू किया गया था। इसमें पात्र लाभार्थी हर साल कम से कम 2% और औसतन 4% ब्याज चुकाकर ₹50,000 से ₹300000 तक का कर्ज ले सकता है। किसान क्रेडिट कार्ड की वजह से किसान अपनी फसल का बीमा भी करवा सकता है। इसके तहत केसीसी कार्डधारक को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर भी मिलता है। 

3-राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (NBCFDC) की माइक्रो फाइनेंस स्कीम: 
इसके तहत चैनल पार्टनर्स के माध्यम से पिछड़े वर्ग के गरीब लोगों को कर्ज दिया जाता है। इसमें पात्र व्यक्तियों को कृषि और संबद्ध गतिविधियां, लघु व्यवसाय, कारीगर और पारंपरिक व्यवसाय, परिवहन क्षेत्र और सेवा क्षेत्र, तकनीकी और व्यावसायिक ट्रेड या पाठ्यक्रम के लिए लोन मिलता है। जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹ 3 लाख से कम हो, चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र से, उन्हीं को इस स्कीम के तहत लोन मिलता है। इसके लिए सक्षम सरकार द्वारा जारी आय का प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी है। 
इसके तहत आने वाली लोन स्कीम है-सामान्य ऋण योजना, नई स्वर्णिमा योजना (महिलाओं के लिए), शिक्षा ऋण योजना (छात्रों के लिए), सूक्ष्म वित्त योजना (स्वयं सहायता समूहों-SHG के लिए), महिला समृद्धि योजना (महिला लाभार्थियों को ऋण सुविधा प्रदान करने वाले स्वयं सहायता समूहों-SHG के लिए) और  लघु ऋण। 
एनबीसीएफडीसी राज्य सरकारों,संघ राज्य क्षेत्रों और बैंकों द्वारा नामित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से भी लोन देता है। 

4-नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएचएफडीसी) की स्कीम: 
विकलांग व्यक्तियों के लाभार्थ आर्थिक विकास क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के मकसद से इसका गठन भारत सरकार ने किया था। इसके अंतर्गत उन विकलांग व्यक्तियों को ऋण प्रदान किया जाता है जो खुद के कारोबार के लिए व्यवसायिक या तकनीकी शिक्षा पाना चाहते हैं। इसमें चैनल पार्टनर्स के माध्यम से पात्र लाभार्थी को लोन दिया जाता है। 

5-नेशनल शेड्यूल्ड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसएफडीसी) की स्कीम:
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनको आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवनस्तर को बढ़ाने के मकसद से इसकी स्थापना की गई थी। इसके तहत अलग अलग गतिविधियों के लिए अलग अलग लोन स्कीम हैं जैसे कि मियादी ऋण (टीएल), लघु ऋण वित्त (एमसीएफ)योजना, महिला समृद्धि योजना (एमएसवाई), महिला किसान योजना (एमकेवाई), शिल्पी समृद्धि योजना (एसएसवाई), लघु व्यवसाय योजना (एलवीवाई) और नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना (एनएएसवाई)।  
 

संवादपत्र

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