- Date : 25/11/2022
- Read: 2 mins
सरकार द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की अधिकतम वेतन सीमा में संशोधन किया जा सकता है।

Govt may increase the Basic salary ceiling in EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना है। इस योजना के अंतर्गत अभी साढ़े छह करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलता है। इन कर्मचारियों के साथ ही अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक बहुत खास खबर है। मोदी सरकार द्वारा ईपीएफओ की अधिकतम वेतन की सीमा में संशोधन किया जा सकता है।
रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रपट के अनुसार मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम में अधिकतम वेतन की सीमा को ₹15,000 प्रतिमाह से बढ़ाकर ₹21,000 प्रतिमाह कर सकती है।
2014 में भी संशोधन
इसके पहले 2014 में संशोधन किया गया था जब अधिकतम वेतन की सीमा को ₹6,500 प्रतिमाह से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह तक किया गया था।
यह संशोधन उन कंपनियों पर लागू होता है जिनमें 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
सरकार की योजना
सूत्रों के हवाले से यह बताया जा रहा है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को पीएफ (PF) के साथ जोड़ना चाहती है। इकोनॉमिक टाइम्स ने जानकारी दी है कि वेज सीलिंग को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत प्रतिमाह ₹21,000 की अधिकतम सीमा तक बढ़ाया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस कदम से 75 लाख अतिरिक्त कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ सकते हैं। वर्तमान में लगभग 6 करोड़ 80 लाख कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़े हुए हैं।
इस संशोधन का उद्देश्य श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित की जाने वाली सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाली दोनों योजनाओं के बीच समानता लाना है । नई सीमा तय होने के बाद कंपनियों पर से कर्मचारियों के अनुपालन की जिम्मेदारी का बोझ भी कम होगा।
ईपीएफओ मौजूदा व्यवस्था
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार नियोक्ता या कंपनी प्रत्येक कर्मचारी के लिए 12% का योगदान देती है। अभी तक यह योगदान ₹15,000 की अधिकतम सीमा पर लागू है।
इसका मतलब यह हुआ कि संशोधन आने के बाद कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही अधिकतम वेतन सीमा ₹21,000 प्रतिमाह के लिए निश्चित दर से योगदान करेंगे।
कर्मचारियों के भविष्य की योजना के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हो सकता है।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?