- Date : 12/10/2020
- Read: 2 mins
सीएमवीआर के तहत फास्टैग नहीं होना दंडात्मक अपराध बन सकता है। इसके अलावा ,इसके बिना चार पहिया वाहनों का चालान किया जाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जनवरी, 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव भेजा है। यह सिफारिश केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को अपनाने और इसे आगे बढ़ाने के जुझारू अभियान के बीच की गई है ताकि यातायात को कम किया जा सके और यात्रा के समय में कटौती की जा सके । नए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए एक वैध फास्टैग भी अनिवार्य हो सकता है।
प्रस्ताव क्या है?
2017 के बाद से पंजीकृत सभी नए वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। टैग की आपूर्ति या तो निर्माता या डीलरशिप द्वारा की जाती है। प्रस्ताव में अब 1 दिसंबर 2017 से पहले बेचे गए पुराने चार पहिया वाहनों के अनुपालन का विस्तार करने की बात कही गई है। बदलाव लाने के लिए सरकार को केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 में संशोधन करना होगा। यह बदलाव एम और एन श्रेणियों के उन वाहनों पर लागू होंगे जो क्रमश यात्रियों और माल की ढुलाई के लिए निर्मित होते हैं ।
"सभी मौजूदा चार पहिया वाहनों को फास्टैग की आवश्यकता होगी । यह सीएमवीआर के तहत दंडात्मक अपराध होगा। परिवहन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि इसके लिए किसी का चालान किया जा सकता है ।
और क्या प्रस्तावित है?
फॉर्म 51 (बीमा प्रमाण पत्र) में संशोधन के माध्यम से नए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए एक वैध फास्टैग भी अनिवार्य हो सकता है। इसका मतलब यह है कि कार मालिकों को फास्टैग की अनुपस्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से वंचित किया जा सकता है। बीमा की खरीद के समय फास्टैग आईडी का विवरण रिकॉर्ड किया जाएगा। यह प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2021 से लागू हो सकता है।
इससे पहले इस साल अगस्त में परिवहन मंत्रालय ने टोल शुल्क,जैसे कि 24 घंटे के भीतर वापसी यात्रा पर छूट का लाभ उठाने के लिए फास्टैग का होना अनिवार्य कर दिया था। 1 अक्टूबर, 2019 के बाद से राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र को नवीनीकृत करने के लिए फास्टैग का होना भी आवश्यक है।
परिवहन मंत्रालय ने हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव लेने के लिए 1 सितंबर, 2020 को एक मसौदा रिपोर्ट पेश की है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जनवरी, 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव भेजा है। यह सिफारिश केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को अपनाने और इसे आगे बढ़ाने के जुझारू अभियान के बीच की गई है ताकि यातायात को कम किया जा सके और यात्रा के समय में कटौती की जा सके । नए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए एक वैध फास्टैग भी अनिवार्य हो सकता है।
प्रस्ताव क्या है?
2017 के बाद से पंजीकृत सभी नए वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। टैग की आपूर्ति या तो निर्माता या डीलरशिप द्वारा की जाती है। प्रस्ताव में अब 1 दिसंबर 2017 से पहले बेचे गए पुराने चार पहिया वाहनों के अनुपालन का विस्तार करने की बात कही गई है। बदलाव लाने के लिए सरकार को केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 में संशोधन करना होगा। यह बदलाव एम और एन श्रेणियों के उन वाहनों पर लागू होंगे जो क्रमश यात्रियों और माल की ढुलाई के लिए निर्मित होते हैं ।
"सभी मौजूदा चार पहिया वाहनों को फास्टैग की आवश्यकता होगी । यह सीएमवीआर के तहत दंडात्मक अपराध होगा। परिवहन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि इसके लिए किसी का चालान किया जा सकता है ।
और क्या प्रस्तावित है?
फॉर्म 51 (बीमा प्रमाण पत्र) में संशोधन के माध्यम से नए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए एक वैध फास्टैग भी अनिवार्य हो सकता है। इसका मतलब यह है कि कार मालिकों को फास्टैग की अनुपस्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से वंचित किया जा सकता है। बीमा की खरीद के समय फास्टैग आईडी का विवरण रिकॉर्ड किया जाएगा। यह प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2021 से लागू हो सकता है।
इससे पहले इस साल अगस्त में परिवहन मंत्रालय ने टोल शुल्क,जैसे कि 24 घंटे के भीतर वापसी यात्रा पर छूट का लाभ उठाने के लिए फास्टैग का होना अनिवार्य कर दिया था। 1 अक्टूबर, 2019 के बाद से राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र को नवीनीकृत करने के लिए फास्टैग का होना भी आवश्यक है।
परिवहन मंत्रालय ने हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव लेने के लिए 1 सितंबर, 2020 को एक मसौदा रिपोर्ट पेश की है।