- Date : 05/06/2020
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क्या आर्थिक मामलों से जुड़े शब्द आपको उलझन में डाल देते हैं? यहां मौजूद हैं आपके आर्थिक ज्ञान को बढ़ाने के कुछ आसान तरीके।

भारतीय नारी के इस आत्मविश्वास से भरे और आसमान छूती महत्वाकांक्षाओं वाले मॉडर्न अवतार की हर जगह वाह-वाही है। लेकिन बात जब वित्तीय दुनिया और उससे जुड़ी प्लानिंग की आती है तो न जाने क्यों, इनका खुद पर भरोसा कुछ डगमगाने लगता है।
वित्तीय प्लानिंग और पैसे के प्रबंधन की समझ के लिए, वित्तीय जानकारी का होना बेहद ज़रूरी है। कई महिलाएं अपने घरेलू बजट और खर्चों को तो बहुत अच्छे से संभालती हैं लेकिन बीमा, निवेश आदि जैसे बड़े वित्तीय फैसले उन्हें परेशान करते हैं। इसके पीछे महिलाएं समय की कमी को भी एक वजह बताती हैं क्योंकि पुरुषों के मुकाबले घर और परिवार की ज़्यादातर ज़िम्मेदारियां उनके कंधों पर होती हैं।
अगर आप भी उन महिलाओं में से एक हैं तो चिंता न करें। माना कि आपको वित्तीय दुनिया को समझना काफी मुश्किल लगता है लेकिन आप आसानी से खुद को जागरुक और अपडेट बनए रख सकती हैं। यहां मौजूद हैं कुछ तरीके जिन्हें करके आप अपना फाइनेंस ज्ञान बढ़ा सकती हैं:
1. खबरें पढ़ें या देखें
जर्नल ऑफ सोशलोनॉमिक्स में छपे एक रिसर्च आर्टिकल, ‘भारत में ऑनलाइन अखबार पढ़ने वालों की आदतें 2015’ के मुताबिक, महिलाएं मनोरंजन, विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और फीचर से जुड़ी जानकारी पढ़ना पसंद करती हैं। जबकि पुरुष राजनीति और बिज़नेस की खबरों को पढ़ते हैं।
जर्नल ऑफ सोशलोनॉमिक्स में छपे एक रिसर्च आर्टिकल, ‘भारत में ऑनलाइन अखबार पढ़ने वालों की आदतें 2015’ के मुताबिक, महिलाएं मनोरंजन, विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और फीचर से जुड़ी जानकारी पढ़ना पसंद करती हैं। जबकि पुरुष राजनीति और बिज़नेस की खबरों को पढ़ते हैं।
भारत में ऐसे कई चैनल और अखबार हैं जो विशेष रूप से वित्त और व्यापार की खबरें ही छापते या दिखाते हैं:
अखबार
- द इकोनॉमिक टाइम्स
- फाइनेंशियल एक्सप्रेस
- लाइवमिंट
- बिजनेस लाइन
- चैनल
- ईटी नाऊ
- एनडीटीवी प्रॉफिट
- सीएनबीसी टीवी18
अन्य चैनलों और अखबारों में भी व्यापार और बाज़ार से जुड़ी खबरों के लिए एक अलग सेक्शन/बुलेटिन होता है।
रोज़ सुबह खबरों को पढ़ने के लिए कुछ मिनट निकालिए। आप ऑफिस जाते हुए या बस स्टॉप पर इंतज़ार करते समय भी यह काम कर सकती हैं। अगर आपके पास पूरी न्यूज़ रिपोर्ट पढ़ने/देखने का समय नहीं है तो बस उन खबरों की हेडलाइंस को देख लीजिए जो आपको दिलचस्प लग रही हों। आप पूरी रिपोर्ट बाद में आराम से पढ़ सकती हैं। इन अखबारों और चैनलों में से कई के अपने एप हैं जिन्हें आप डाउनलोड कर सकती हैं। एप पर जब भी कुछ नया आता है तो आपको नोटिफिकेशन मिल जाता है।
यह ज़रूरी है कि आप खबरें पढ़ें/देखें क्योंकि इससे आपको ये जानकारी मिलती है कि फाइनेंस और बिजनेस जगत, आपकी ज़िंदगी पर क्या असर डालते हैं - बतौर एक नागरिक, एक कर्मचारी और एक निवेशक। तो वित्तीय रूप से जागरुक बनने की ओर एक पहला और महत्वपूर्ण कदम है, रोज़ अपने अखबार में बिज़नेस सेक्शन को पढ़कर थोड़ी सी जानकारी लेना।
2. फाइनेंशियल वेबसाइट्स देखें
हर जगह और हर किसी के लिए, रोज़ इंटरनेट सर्च करना अब सांस लेने जैसा नियमित और आम हो गया है। आपके बैंक खातों, टैक्स, बचत, बीमा योजनाओं से लेकर लोन तक - आपकी ज़िंदगी में फाइनेंस की बहुत बड़ी भूमिका है। इसे देखते हुए जितनी संख्या में वेबसाइट और ब्लॉग वित्तीय खबरें और सलाह देने के लिए बनाए गए हैं, उतने शायद ही किसी और चीज़ के लिए बनाए गए हों ।
हर जगह और हर किसी के लिए, रोज़ इंटरनेट सर्च करना अब सांस लेने जैसा नियमित और आम हो गया है। आपके बैंक खातों, टैक्स, बचत, बीमा योजनाओं से लेकर लोन तक - आपकी ज़िंदगी में फाइनेंस की बहुत बड़ी भूमिका है। इसे देखते हुए जितनी संख्या में वेबसाइट और ब्लॉग वित्तीय खबरें और सलाह देने के लिए बनाए गए हैं, उतने शायद ही किसी और चीज़ के लिए बनाए गए हों ।
बैंकिंग, निजी पूंजी प्रबंधन, संपत्ति प्रबंधन, बीमा उत्पादों, पेंशन योजनाओं, निजी वित्तीय प्लानिंग, स्टॉक मार्केट के लिए टिप्स जैसी सभी सेवाओं के लिए सबसे अच्छी जगह हैं फाइनेंशियल वेबसाइट्स। आप इनसे जुड़े सारे सवालों के जावब ढूंढने के लिए गूगल सर्च और किसी फाइनेंशियल वेबसाइट की मदद ले सकते हैं।
अधिकांश वेबसाइट्स बड़े मीडिया घरानों की हैं और उन्हीं के द्वारा प्रबंधित और संचालित की जाती हैं। लेकिन कुछ वेबसाइट्स ऐसी भी हैं जिन्हें बस आपको जानकारी देने के उद्देश्य से चलाया जाता है। उदाहरण के लिए, Tomorrowmakers.com में हम, महिलाओं को टैक्स बचाने के तरीके समझाने से लेकर जीवन के विभिन्न चरणों में निवेश के विकल्प बताने तक, पैसों से जुड़े सभी प्रकार के सवालों और समस्याओं का निष्पक्ष जवाब देते हैं।
3. परिवार और दोस्तों की मदद लें
हम सबके पास वो एक दोस्त ज़रूर होता है जो घंटों मार्केट को ट्रैक करने में गुज़ारता है। वो एक अंकल होते हैं जो महंगाई की बात करते नहीं थकते और वो एक पड़ोसी भी होता है जो निवेश की सलाह मुफ्त में देता है। व्यापार और वित्त जगत के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए, इन लोगों से बात करने से अच्छा तरीका दूसरा नहीं है।
हम सबके पास वो एक दोस्त ज़रूर होता है जो घंटों मार्केट को ट्रैक करने में गुज़ारता है। वो एक अंकल होते हैं जो महंगाई की बात करते नहीं थकते और वो एक पड़ोसी भी होता है जो निवेश की सलाह मुफ्त में देता है। व्यापार और वित्त जगत के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए, इन लोगों से बात करने से अच्छा तरीका दूसरा नहीं है।
जब कोई आपको कुछ बताता है तो आप उसे बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। उस पर अगर ये वो इंसान है जिस पर आप भरोसा करते हैं और जिसे आपकी वित्तीय स्थिती की जानकारी है, तो वह आपकी अच्छे से मदद कर सकता/सकती है। तो अब अपनी गपशप में से थोड़ा समय निकालकर, उसे लोगों से फाइनेंस के बारे में बात करने के लिए इस्तेमाल करें।
4. वित्तीय सलाहकारों से बात करें
वित्तीय सलाहकार अपनी छोटी और लंबी अवधि की वित्तीय योजनाएं और ज़रूरतें समझने में आपकी मदद करते हैं। वे आपको निवेश और बचत, रिटायरमेंट के लिए बचत, पेंशन, टैक्स, बीमा और लोन आदि पर ज़रूरी सलाह दे सकते हैं।
वित्तीय सलाहकार अपनी छोटी और लंबी अवधि की वित्तीय योजनाएं और ज़रूरतें समझने में आपकी मदद करते हैं। वे आपको निवेश और बचत, रिटायरमेंट के लिए बचत, पेंशन, टैक्स, बीमा और लोन आदि पर ज़रूरी सलाह दे सकते हैं।
एक वित्तीय सलाहकार के पास जाने से पहले, उसके बैकग्राउंड, अनुभव और ग्राहकों की संतुष्टि आदि की जानकारी ज़रूर हासिल करें। आप इस काम के लिए फाउंडेशन ऑफ इंडिपेन्डेंट फाइनेंशियल एडवाइज़र्स (एफआईएफए) से किसी को चुन सकती हैं। इससे आपको यह पता रहेगा कि आपका वित्तीय सलाहकार सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा निर्धारित नियमों के अधीन काम करता है।
निष्कर्ष:
अब आपके पास कुछ मूल जानकारी मौजूद है। अब अपने वित्तीय ज्ञान को बढ़ाने के लिए वैसे ही ध्यान केंद्रित करें जैसे आप अपने निजी और पेशेवर जीवन के दूसरे पहलुओं में करती हैं। यहां सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है हमेशा कुछ पढ़ते रहना और समझ न आने पर सवाल करना। क्योंकि रॉकेट साइंस जितना मुश्किल नहीं है फाइनेंस।