- Date : 12/02/2021
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क्रेडिट कार्ड एक ऐसी सुविधा है जो पैसे की कमी होने या पैसे नहीं होने पर भी खर्च करने की छूट देती है। बैंक या वित्तीय संस्थान इसे जारी करते हैं। यह कई प्रकार के भुगतान और खरीदारी के काम आता है। क्रेडिट कार्ड रहने पर आप पहले पैसे खर्च करते हैं और फिर इसके बिल का भुगतान करते हैं। इसमें आपको खर्च करने के लिए पैसे पहले से मंजूर सीमा यानी प्री अप्रूव्ड सीमा तक उधार के रूप में मिलते हैं।

क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड की ही तरह होता है। लेकिन यह बैंक खाते से जुड़ा नहीं होता है। क्रेडिट कार्ड जारी करते समय बैंक हमें एक निश्चित रकम तक खर्च करने की सीमा देता है। इसके तहत उतनी रकम हमारे क्रेडिट कार्ड में क्रेडिट या जमा होती है। बैंक आपको वह सीमा आपकी आय या सिबिल के क्रेडिट स्कोर के अनुसार देता है। उस सीमा के अंदर ही हमे क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना होता है, फिर चाहे वो खरीदारी के लिए हो या भुगतान के लिए।
हमें दी गयी क्रेडिट कार्ड सीमा तक अपनी जरूरत के अनुसार पहले खर्च करना होता है और बाद में क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना होता है। क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान हर महीने निर्धारित समय पर करना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर इस पर लागू ब्याज बढ़ता जाता है। क्रेडिट सीमा खत्म हो जाने पर उतनी ही सीमा अगले महीने उपयोग करने के लिए वापस मिल जाती है। क्रेडिट कार्ड जारी करते समय इसे जारी करने वाला बैंक एक दस्तावेज देता है जिस पर बिलिंग तिथि दी गयी होती है। इस तिथि से ही क्रेडिट बिल चालु हो जाता है और उस तिथि के अनुसार ही भुगतान करना पड़ता है। आप बिल का भुगतान कुल राशि या न्यूनतम राशि के रूप में कर सकते हैं। न्यूनतम राशि का भुगतान करने पर बैंक देर से किए गए भुगतान शुल्क नहीं लगाता है, लेकिन वह बची हुई राशि पर ब्याज जरूर वसूलता है । इसलिए जहां तक संभव हो क्रेडिट कार्ड के बिल की कुल राशि का भुगतान ही करना चाहिए।
सिबिल संस्था द्वारा दिया जाने वाला क्रेडिट स्कोर आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा को निर्धारित करता है। क्रेडिट स्कोर की रेंज 300 से 700 के बीच कुछ भी हो सकती है। यह आपको आपके बिल के भुगतान के अनुसार मिलती है। अगर आप भुगतान सही समय पर और पूरा पूरा कर देते हैं तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा, लेकिन बिल का भुगतान देरी से करने पर क्रेडिट स्कोर कम होगा। 50% से ज्यादा क्रेडिट सीमा का उपयोग करने पर भी क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है।
बकाया भुगतान में देरी हुए दिन (डेज़ पास्ट ड्यू) का जिक्र क्रेडिट रिपोर्ट में होता है जो यह दर्शाता है कि आपने बिल भरने की तय तिथि के कितने दिन बाद उसका भुगतान किया। इससे आपका क्रेडिट स्कोर कम होता है। क्रेडिट कार्ड से आपको आसानी से और जल्दी बैंक से ऋण मिल सकता है। बैंक आपको ऋण देने के पहले संस्था से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट मंगाता है। क्रेडिट रिपोर्ट में जो क्रेडिट डाटा इतिहास (जिसमे भुगतान रिकॉर्ड, क्रेडिट पैटर्न, ऋण की जानकारी आदि ) होता है, उससे और प्रोप्राइटरी फार्मूला का उपयोग करके क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट किया जाता है। क्रेडिट स्कोर ज्यादा हुआ तो यह समझा जाता है कि आप ऋण चुकाने में सक्षम हैं और ऋण आपको आसानी से मिल जाता है। कम क्रेडिट स्कोर से ऋण मिलना मुश्किल होता है।
क्रेडिट कार्ड के अनेक लाभ भी हैं- जैसे, कम समय के लिए अगर ऋण लेना है तो यह एक बेहतर माध्यम है। इस ऋण पर ब्याज दरें भी कम होती हैं। कार्ड से खरीदारी करने पर आपको कैशबैक और रिवॉर्ड पॉइंट मिलता है। क्रेडिट कार्ड ई.एम.आई. की भी सुविधा देता है और ई.एम.आई. की राशि आपके क्रेडिट कार्ड से अपने आप ही कट जाती है। क्रेडिट कार्ड से आप डेबिट कार्ड की तरह ही नगद राशि भी ए.टी.एम. से निकाल सकते हैं, लेकिन नगद राशि निकालने पर आपको पेनल्टी लग जाती है। इसलिए क्रेडिट कार्ड को पैसे निकालने के लिए कम ही उपयोग में लाना चाहिए।
बैंक कई तरह के क्रेडिट कार्ड जारी करता है। ग्राहक अपनी जरूरत और उपयोग के हिसाब से क्रेडिट कार्ड चुनता है। मास्टर कार्ड, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस, डाइनर्स क्लब,रुपे कार्ड जैसे पेमेंट नेटवर्क से मिलकर बैंक या वित्तीय संस्थान क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं। क्रेडिट कार्ड अलग-अलग प्रकार के उपलब्ध होते हैं- जैसे फ्यूल क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड, ट्रेवल क्रेडिट कार्ड, रिवॉर्ड क्रेडिट कार्ड, बिज़नेस क्रेडिट कार्ड, शॉपिंग क्रेडिट कार्ड, सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड।
क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय कुछ दस्तावेज की जरूरत होती है जैसे -
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पत्र, पासपोर्ट, पैनकार्ड आदि) |
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- जिन व्यक्तियों को वेतन मिलती है, उनको कुछ महीने का खाता विवरण के साथ अपनी वेतन पर्ची जमा करनी होती है ।
- कारोबारियों को नए आई.टी. रिटर्न की जानकारी और लगातार व्यापार चलने का प्रमाण देना पड़ सकता है।
निष्कर्ष- क्रेडिट कार्ड को हमेशा जिम्मेदारी और बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए। यह सुविधाजनक तो है, लेकिन इसे अपनी क्षमता के अनुसार ही इस्तेमाल करना चाहिए। क्रेडिट कार्ड को ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीकों से उपयोग में ला सकते हैं। समय के साथ ग्राहक अपनी क्रेडिट कार्ड की सीमा भी बढ़वा सकता है। इसलिए अपने क्रेडिट कार्ड को संभाल कर केवल जरूरत के लिए ही उपयोग करें।