How money is transferred under Direct Benefit Transfer?

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से किसी तरह की धोखाधड़ी होने की कोई गुंजाईश नहीं रहती।

Direct Benefit Transfer

Direct Benefit Transfer: प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) एक सरकारी योजना है। कोविड-19 महामारी के समय यह एक बहुत उपयोगी तरीका बनकर उभरा है, जिसके अंतर्गत अनगिनत लाभार्थियों को करोड़ों रुपयों का भुगतान किया गया। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का उपयोग कर अब तक बैंक खातों में 36,659 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) एक अत्यंत उपयोगी तरीका है।

तो आइए जानते हैं कि डीबीटी आखिर है क्या?

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के जरिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाले सब्सिडी लाभ के चेक जारी करने, नकद भुगतान या सेवाओं अथवा वस्तुओं परकी कीमत में छूट प्रदान करने की बजाय पैसे सीधे लाभार्थी के खाते में जमा किया जाता है। 

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के अंतर्गत पैसा हस्तांतरित करने का तरीका

जब केंद्र सरकार किसी योजना के अंतर्गत सीधे लाभार्थियों के खाते में पैसे हस्तांतरित करती है तो उसे ही 'डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर' प्रत्यक्ष लाभ अंतरण या कहा जाता है। इस योजना का सीधा लाभ योजना से जुड़े लाभार्थी को होता है और किसी तरह की धोखाधड़ी होने की कोई गुंजाईश नहीं रहती है। इस तरह लाभार्थी को सरकारी योजना का पूरा लाभ मिलता है। इस विधि का उपयोग करने से धोखाधड़ी को रोका जा सकता है, साथ ही दक्षता बढ़ती है।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय योजनाओं/केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अलावा राज्य सरकारों की योजनाओं के अंतर्गत सभी राशियों को सुदृढ़ डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकी वाली लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में डाला गया है। 

इनमें से केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय योजनाओं के अंतर्गत 27,442 करोड़ रुपये और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 9,717 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के जरिए 16.01 करोड़ लाभार्थियों के खाते में डाली गई है। मंत्रालय के अनुसार केंद्र प्रायोजित और केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या 11.42 करोड़ और राज्यों की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या 4.59 करोड़ थी। नकद अंतरण के जरिये भुगतान के लिये लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की डिजिटल भुगतान प्रैद्योगिकी पीएफएमएस का उपयोग काफी बढ़ा है। 

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प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए योजनाओं के अंतर्गत किए गए भुगतान

पीएम किसान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिये ‘स्कॉलरशिप’ योजना आदि केंद्रीय या केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिये डीबीटी के जरिए भुगतान किया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज के अंतर्गत किया जाने वाला नकद भुगतान भी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये किया जा रहा है। महिला जनधन खाताधारकों के खाते में 500-500 रुपये डाले जा रहे हैं। वित्तीय सेवा विभाग के अनुसार, कुल 19.86 करोड़ महिला खाताधारकों के खाते में 13 अप्रैल 2020 तक 9,930 करोड़ रुपये डाले गये थे।

मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 के समय बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों ने डीबीटी के जरिए लाभार्थियों के खाते में पैसे भेजे थे। राज्य सरकारों ने 24 मार्च से 17 अप्रैल के बीच पीएफएमएस का उपयोग कर 4.59 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 9,217.22 करोड़ रुपये का लाभ दिया है। 

वित्त मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 8,43,79,326 लाभार्थियों को कुल 17,733.53 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों को साल में कुल 6,000 रुपये, 2000 रुपये की तीन किस्तों में दिये जाते हैं।

इसके अलावा मनरेगा के अंतर्गत 1,55,68,86 लाभार्थियों को 5,406.09 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 10,98,128 लाभार्थियों को 280.80 करोड़ रुपये का और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 7,58,153 लाभार्थियों को 209.47 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

अप्रैल 2015 से वित्त मंत्रालय ने भुगतान, लेखा और रिपोर्टिंग के लिये पीएफएमएस का उपयोग अनिवार्य कर दिया था। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को आदेश दिया था कि जब तक ऐसे भुगतान के लिये इलेक्ट्रॉनिक भुगतान फाइल पीएफएमएस के जरिये प्राप्त न हो तब तक डीबीटी योजनाओं के अंतर्गत किसी भी भुगतान का प्रसंस्करण न किया जाए।

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