Child PPF account: क्या बच्चों के नाम पर ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोला जा सकता है?

क्या भविष्य की योजना बनाने के लिए बच्चों का लिए पीपीएफ खाता खोलना सही विकल्प है?

Online PPF Account for kids

Child PPF Account: बच्चों की उच्च शिक्षा हो या उनके नाम पर लंबी अवधि का निवेश हो पीपीएफ एक फ़ायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है। जानते हैं बच्चों के पीपीएफ की क्या विशेषताएँ हैं। 

पीपीएफ खाता खोलने का फॉर्म 

बच्चों के लिए पीपीएफ पोस्ट ऑफिस या डाकघर में आसानी से खुलवाया जा सकता है। इसके लिए फॉर्म डाकघर या ऑनलाइन वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है। पूरी जानकारी और विवरण भरने की बाद इसे डाकघर में जमा करके या ऑनलाइन अपलोड करके पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है। 

पीपीएफ खाता खोलने के बच्चे की सही उम्र 

इसके लिए वह उम्र की कोई भी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। पीपीएफ खाता खोलने के लिए बच्चे की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र आवश्यक होता है। इसके लिए आधार कार्ड दिया जा सकता है। यदि आधार कार्ड न हो तो जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य सरकारी कागजात जिसके द्वारा जन्मतिथि प्रमाणित की जा सके, उसे भी दिया जा सकता है।

बच्चों के पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता या कानूनी अभिभावक के पते और पहचान के प्रमाण पत्र आवश्यक हैं। साथ ही इनके केवाईसी दस्तावेज भी जमा कराने होते हैं। 

ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खुलवाने की सुविधा 

ऑनलाइन पोर्टल पर आसानी से यह खाता खोला जा सकता है। यह भी कानून केवाईसी दस्तावेज और विवरण के साथ फॉर्म अपलोड करना होगा।

किसी भी बैंक में जहाँ अभिभावक या माता-पिता का बचत खाता मौजूद है, बच्चों का पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम

बच्चों के पीपीएफ खाते के फायदे 

बच्चों के लिए मौजूद निवेश की योजनाओं में रिटर्न की समस्या बनी रहती है। इसे देखते हुए बच्चों भविष्य के लिए पीपीएफ एक बहुत अच्छी योजना जान पड़ती है। 

  • उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता 

पीपीएफ बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एक बहुत अच्छा फाइनेंशियल सपोर्ट या वित्तीय सहायता दे सकता है। 

यदि बच्चों के नाम पर प्रतिमाह ₹1000 जमा किए जाएँ तो 15 वर्ष में यह राशि ₹3,15,572 हो जाती है जिसमें से ₹1,35,570 तो केवल ब्याज होता है। यह राशि आवश्यकता के समय पर मददगार साबित होती है।

  • बचत, निवेश और प्लानिंग की आदत 

बढ़ते खर्चों के कारण कभी-कभी संभव नहीं हो पाता कि नियमित और नियोजित रूप से बचत की जाए, इसलिए यदि पीपीएफ खाता खोल लिया जाए तो अनिवार्य रूप से नियोजित और नियमित बचत संभव हो पाती है। जो आगे चलकर मानसिक शांति तो देती है, भविष्य की योजनाएँ साकार करने के लिए मदद मिलती है।

  • बालिग होने पर खाता संचालन के अधिकार 

बच्चे के बालिग होने पर यानी 18 वर्ष पूरे होने पर उस खाते का संचालन करने का अधिकार उस बच्चे को मिल जाता है। अब खाते में पैसे जमा करने के लिए वह हस्ताक्षर करने के लिए स्वतंत्र होगा हालाँकि पैसे निकालने के अधिकार अभिभावक के पास ही होते हैं। 

खाता संचालन के अधिकार ट्रांसफर करने बाबत अभिभावक को पोस्ट ऑफिस या बैंक को सूचित करना होता है। साथ ही 18 वर्ष पूर्ण होने पर बच्चे के केवायसी दस्तावेज जमा कराने होते हैं। 

  • कर रियायत 

पीपीएफ पर आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के अंतर्गत छूट मिलती है। ₹1.5 लाख जमा कराने पर अतिरिक्त रकम पर कोई ब्याज देय नहीं होता। 

बच्चों के लिए पीपीएफ खुलवाने पर रकम माता-पिता की कमाई का ही हिस्सा होती है इसलिए अधिनियम 80सी के अंतर्गत छूट मिलती है। पीपीएफ से पैसा निकालने पर उस पर कर देय नहीं होता। 

ध्यान रहे 5 साल के पहले यदि खाता बंद कर दिया जाए तो उस पर कर देय होगा। 

पीपीएफ अकाउंट की विशेषताएँ 

  • खाते के लिए न्यूनतम जमा राशि ₹500 की है। बैंक हो या पोस्ट ऑफिस ₹500 जमा करके पीपीएफ खाता खोला जा सकता है। इसके साथ एक वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किए जा सकते हैं।
  • बच्चों के लिए न्यूनतम आयु की सीमा निर्धारित नहीं की गई है 18 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए पीपीएफ खाता खोला जा सकता है। 
  • माता-पिता चाहें तो अलग-अलग रूप से खाते खुलवा सकते हैं। पर ध्यान रहे बच्चे के अभिभावक और बच्चे दोनों के सभी पीपीएफ अकाउंट खातों को मिलाकर वार्षिक अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किए जा सकते हैं।
  • पीपीएफ अकाउंट पर वर्तमान में 7.1% ब्याज मिल रहा है। पूरा ब्याज एकमुश्त रूप से वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाता है।
  • पीपीएफ खाते में साल में कितनी बार भी पैसे जमा किए जा सकते हैं। हर बार यह रकम ₹50 से कम नहीं होनी चाहिए और वार्षिक अधिकतम ₹1.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। 
  • बच्चों के लिए पीपीएफ खाता खुलवाने का अधिकार उसके माता-पिता और क़ानूनी अभिभावक के पास ही होता है। केवल एक पालक पीपीएफ खाते में अपना नाम अभिभावक के रूप में दर्ज कर सकता है।
  • पीपीएफ खाते में बच्चे के रिश्तेदार दादा-दादी आदि यदि पीपीएफ खाता खोलना चाहें तो उन्हें कानूनी रूप से बच्चे का अभिभावक बनना अनिवार्य है। माता-पिता की गैरहाजिरी में कानूनी अभिभावक को पीपीएफ खाता खुलवाने का अधिकार प्राप्त है।
  • पीपीएफ खातों के लिए अधिकतम समय सीमा 15 वर्ष की रखी गई है। 15 वर्ष के पहले केवल पढ़ाई के खर्च के लिए खाता बंद किया जा सकता है। इसके लिए प्रवेश पत्र आदि के प्रमाण देने पड़ते हैं।
  • पीपीएफ खाते पर 7 साल के बाद आंशिक निकासी की जा सकती है। साथ ही पीपीएफ खाते पर ऋण लेने की भी सुविधा उपलब्ध है। 
  • 15 साल की अवधि पूर्ण होने के बाद पीपीएफ खाते की अवधि 5-5 साल करके बढ़ाई जा सकती है। 
  • यदि बच्चे के इलाज के लिए रकम की जरूरत हो तो 5 वर्ष बाद भी पीपीएफ खाता बंद किया जा सकता है। 
  • पीपीएफ खाता एक बैंक खाते से दूसरे बैंक में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?

Child PPF Account: बच्चों की उच्च शिक्षा हो या उनके नाम पर लंबी अवधि का निवेश हो पीपीएफ एक फ़ायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है। जानते हैं बच्चों के पीपीएफ की क्या विशेषताएँ हैं। 

पीपीएफ खाता खोलने का फॉर्म 

बच्चों के लिए पीपीएफ पोस्ट ऑफिस या डाकघर में आसानी से खुलवाया जा सकता है। इसके लिए फॉर्म डाकघर या ऑनलाइन वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है। पूरी जानकारी और विवरण भरने की बाद इसे डाकघर में जमा करके या ऑनलाइन अपलोड करके पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है। 

पीपीएफ खाता खोलने के बच्चे की सही उम्र 

इसके लिए वह उम्र की कोई भी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। पीपीएफ खाता खोलने के लिए बच्चे की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र आवश्यक होता है। इसके लिए आधार कार्ड दिया जा सकता है। यदि आधार कार्ड न हो तो जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य सरकारी कागजात जिसके द्वारा जन्मतिथि प्रमाणित की जा सके, उसे भी दिया जा सकता है।

बच्चों के पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता या कानूनी अभिभावक के पते और पहचान के प्रमाण पत्र आवश्यक हैं। साथ ही इनके केवाईसी दस्तावेज भी जमा कराने होते हैं। 

ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खुलवाने की सुविधा 

ऑनलाइन पोर्टल पर आसानी से यह खाता खोला जा सकता है। यह भी कानून केवाईसी दस्तावेज और विवरण के साथ फॉर्म अपलोड करना होगा।

किसी भी बैंक में जहाँ अभिभावक या माता-पिता का बचत खाता मौजूद है, बच्चों का पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम

बच्चों के पीपीएफ खाते के फायदे 

बच्चों के लिए मौजूद निवेश की योजनाओं में रिटर्न की समस्या बनी रहती है। इसे देखते हुए बच्चों भविष्य के लिए पीपीएफ एक बहुत अच्छी योजना जान पड़ती है। 

  • उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता 

पीपीएफ बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एक बहुत अच्छा फाइनेंशियल सपोर्ट या वित्तीय सहायता दे सकता है। 

यदि बच्चों के नाम पर प्रतिमाह ₹1000 जमा किए जाएँ तो 15 वर्ष में यह राशि ₹3,15,572 हो जाती है जिसमें से ₹1,35,570 तो केवल ब्याज होता है। यह राशि आवश्यकता के समय पर मददगार साबित होती है।

  • बचत, निवेश और प्लानिंग की आदत 

बढ़ते खर्चों के कारण कभी-कभी संभव नहीं हो पाता कि नियमित और नियोजित रूप से बचत की जाए, इसलिए यदि पीपीएफ खाता खोल लिया जाए तो अनिवार्य रूप से नियोजित और नियमित बचत संभव हो पाती है। जो आगे चलकर मानसिक शांति तो देती है, भविष्य की योजनाएँ साकार करने के लिए मदद मिलती है।

  • बालिग होने पर खाता संचालन के अधिकार 

बच्चे के बालिग होने पर यानी 18 वर्ष पूरे होने पर उस खाते का संचालन करने का अधिकार उस बच्चे को मिल जाता है। अब खाते में पैसे जमा करने के लिए वह हस्ताक्षर करने के लिए स्वतंत्र होगा हालाँकि पैसे निकालने के अधिकार अभिभावक के पास ही होते हैं। 

खाता संचालन के अधिकार ट्रांसफर करने बाबत अभिभावक को पोस्ट ऑफिस या बैंक को सूचित करना होता है। साथ ही 18 वर्ष पूर्ण होने पर बच्चे के केवायसी दस्तावेज जमा कराने होते हैं। 

  • कर रियायत 

पीपीएफ पर आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के अंतर्गत छूट मिलती है। ₹1.5 लाख जमा कराने पर अतिरिक्त रकम पर कोई ब्याज देय नहीं होता। 

बच्चों के लिए पीपीएफ खुलवाने पर रकम माता-पिता की कमाई का ही हिस्सा होती है इसलिए अधिनियम 80सी के अंतर्गत छूट मिलती है। पीपीएफ से पैसा निकालने पर उस पर कर देय नहीं होता। 

ध्यान रहे 5 साल के पहले यदि खाता बंद कर दिया जाए तो उस पर कर देय होगा। 

पीपीएफ अकाउंट की विशेषताएँ 

  • खाते के लिए न्यूनतम जमा राशि ₹500 की है। बैंक हो या पोस्ट ऑफिस ₹500 जमा करके पीपीएफ खाता खोला जा सकता है। इसके साथ एक वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किए जा सकते हैं।
  • बच्चों के लिए न्यूनतम आयु की सीमा निर्धारित नहीं की गई है 18 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए पीपीएफ खाता खोला जा सकता है। 
  • माता-पिता चाहें तो अलग-अलग रूप से खाते खुलवा सकते हैं। पर ध्यान रहे बच्चे के अभिभावक और बच्चे दोनों के सभी पीपीएफ अकाउंट खातों को मिलाकर वार्षिक अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किए जा सकते हैं।
  • पीपीएफ अकाउंट पर वर्तमान में 7.1% ब्याज मिल रहा है। पूरा ब्याज एकमुश्त रूप से वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाता है।
  • पीपीएफ खाते में साल में कितनी बार भी पैसे जमा किए जा सकते हैं। हर बार यह रकम ₹50 से कम नहीं होनी चाहिए और वार्षिक अधिकतम ₹1.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। 
  • बच्चों के लिए पीपीएफ खाता खुलवाने का अधिकार उसके माता-पिता और क़ानूनी अभिभावक के पास ही होता है। केवल एक पालक पीपीएफ खाते में अपना नाम अभिभावक के रूप में दर्ज कर सकता है।
  • पीपीएफ खाते में बच्चे के रिश्तेदार दादा-दादी आदि यदि पीपीएफ खाता खोलना चाहें तो उन्हें कानूनी रूप से बच्चे का अभिभावक बनना अनिवार्य है। माता-पिता की गैरहाजिरी में कानूनी अभिभावक को पीपीएफ खाता खुलवाने का अधिकार प्राप्त है।
  • पीपीएफ खातों के लिए अधिकतम समय सीमा 15 वर्ष की रखी गई है। 15 वर्ष के पहले केवल पढ़ाई के खर्च के लिए खाता बंद किया जा सकता है। इसके लिए प्रवेश पत्र आदि के प्रमाण देने पड़ते हैं।
  • पीपीएफ खाते पर 7 साल के बाद आंशिक निकासी की जा सकती है। साथ ही पीपीएफ खाते पर ऋण लेने की भी सुविधा उपलब्ध है। 
  • 15 साल की अवधि पूर्ण होने के बाद पीपीएफ खाते की अवधि 5-5 साल करके बढ़ाई जा सकती है। 
  • यदि बच्चे के इलाज के लिए रकम की जरूरत हो तो 5 वर्ष बाद भी पीपीएफ खाता बंद किया जा सकता है। 
  • पीपीएफ खाता एक बैंक खाते से दूसरे बैंक में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है।

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संवादपत्र

Union Budget