Investments: अपने निवेश को 2023 में शॉक प्रूफ कैसे करें?

निवेश करने का कोई सही फॉर्मूला नहीं होता लेकिन बचत निवेश का रास्ता जरूर खोलती है।

Safe Investments

Investment tips to remember: अक्सर देखा गया है कि जब आय कम होती है तो हमारा ध्यान बचत पर ज्यादा होता है लेकिन आमदनी बढ़ने के साथ बचत भी बढ़े, ऐसा नहीं हो पाता। क्या ऐसा कोई फॉर्मूला है जो बचत बढ़ाते हुए आपको आर्थिक स्थिरता दे सकता है? 

यहाँ ऐसे पाँच तरीके बात रहे हैं जो आपकी बचत और निवेश में सहायता करेंगे:

1. लंबे और छोटे टारगेट की सूची बनाएँ।  

आर्थिक स्थिरता पाने के लिए जरूरी है कि पहले लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ। लक्ष्य आवश्यकता के अनुसार होने चाहिए और इन्हें प्राथमिकता के अनुसार बांटना चाहिए। उदाहरण के लिए, मकान बनाने जैसे बड़े खर्च के लक्ष्य अलग हों, और कार खरीदना जैसे कम अवधि में प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य अलग हों।  

लक्ष्यों के अलग-अलग चार्ट बनाकर कम अवधि के लिए योजनाएँ जैसी डेट(debt) फंड आदि और बड़े लक्ष्यों के लिए इक्विटी या लंबी अवधि के निवेश की योजनाएँ बनाई जा सकती हैं। 

2. निवेश करने का समय निश्चित करें। 

वैसे तो निवेश का कोई तय फॉर्मूला नहीं होता, मगर जितना जल्दी शुरू कर सकें, उतना ही अच्छा होगा। 

जितना जल्दी निवेश किया जाएगा, निवेश की राशि पर उतना अधिक फायदा होगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति ने 5 साल के लिए ₹20,000 प्रतिमाह के हिसाब से निवेश किया हो और उसे 15% ब्याज मिले तो वह ₹12 लाख का निवेश करता है। तब उसे ₹18 लाख मिल पाते हैं। 

वहीं यदि यह व्यक्ति 15% की दर से 20 साल के लिए यदि ₹5000 प्रति महीना दे तो उसका निवेश ₹12 लाख होता है लेकिन उस पर रिटर्न आदि मिलाकर ₹76 लाख मिलते हैं। 

इस प्रकार ₹12 लाख के निवेश पर समय का अलग-अलग प्रभाव पड़ा। 

यह भी पढ़ें७ वित्तीय नियम

3. अनुशासित निवेश करें।  

निवेश करते समय जितना नियमित, निरंतर, और अनुशासित निवेश होगा; उतना ही आपकी आर्थिक स्थिरता अच्छी होगी और फाइनेंशियल वेल बीइंग सही होगा। म्यूचूअल फ़ंड की बात करें तो अनुशासन बनाए रखने के लिए एकमुश्त निवेश की जगह एसआईपी का चुनाव किया जा सकता है। इसमें औसत लागत के अनुकूल का फायदा लिया जा सकता है। 

4. बचत को पहली प्राथमिकता बनाएँ।  

निवेश के लिए सबसे पहले बचत करना शुरू करें। आय बढ़ने के साथ बचत भी उसी अनुपात में बढ़ाने का प्रयास करें। इसलिए बचत को एक आदत के रूप में अपनाएँ और उसे प्राथमिकता जरूर दें। 

कारगर बचत के लिए कुछ उपाय है जैसे कि ऊँची लागत वाले ऋण आदि से बचें। 

किसी भी स्थिति में होम लोन या अन्य सभी लोन की किस्त को आय के 40% से अधिक न होने दें। 

ख़र्च होने के बाद बची हुई राशि से बचत न करें बल्कि बचत करने के बाद जो बचे उसमें खर्च चलाएँ।

5. अपने निवेश को शॉक प्रूफ बनाएँ।  

यदि आपने निवेश के सभी लक्ष्य प्राप्त कर लिए हैं और एक कॉर्पस बना लिया हो तो अब अपने निवेश और बचत को बाहरी आघात से जरूर बचाएँ। यानी अपने निवेश शॉक प्रूफ करें। ऐसी स्थिति में यदि ड्रॉडाउन से बचना चाहते हैं तो चार से छह महीने की कमाई जितना आपदा फंड बनाने पर ध्यान देना फ़ायदेमंद होगा।

यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?

Investment tips to remember: अक्सर देखा गया है कि जब आय कम होती है तो हमारा ध्यान बचत पर ज्यादा होता है लेकिन आमदनी बढ़ने के साथ बचत भी बढ़े, ऐसा नहीं हो पाता। क्या ऐसा कोई फॉर्मूला है जो बचत बढ़ाते हुए आपको आर्थिक स्थिरता दे सकता है? 

यहाँ ऐसे पाँच तरीके बात रहे हैं जो आपकी बचत और निवेश में सहायता करेंगे:

1. लंबे और छोटे टारगेट की सूची बनाएँ।  

आर्थिक स्थिरता पाने के लिए जरूरी है कि पहले लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ। लक्ष्य आवश्यकता के अनुसार होने चाहिए और इन्हें प्राथमिकता के अनुसार बांटना चाहिए। उदाहरण के लिए, मकान बनाने जैसे बड़े खर्च के लक्ष्य अलग हों, और कार खरीदना जैसे कम अवधि में प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य अलग हों।  

लक्ष्यों के अलग-अलग चार्ट बनाकर कम अवधि के लिए योजनाएँ जैसी डेट(debt) फंड आदि और बड़े लक्ष्यों के लिए इक्विटी या लंबी अवधि के निवेश की योजनाएँ बनाई जा सकती हैं। 

2. निवेश करने का समय निश्चित करें। 

वैसे तो निवेश का कोई तय फॉर्मूला नहीं होता, मगर जितना जल्दी शुरू कर सकें, उतना ही अच्छा होगा। 

जितना जल्दी निवेश किया जाएगा, निवेश की राशि पर उतना अधिक फायदा होगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति ने 5 साल के लिए ₹20,000 प्रतिमाह के हिसाब से निवेश किया हो और उसे 15% ब्याज मिले तो वह ₹12 लाख का निवेश करता है। तब उसे ₹18 लाख मिल पाते हैं। 

वहीं यदि यह व्यक्ति 15% की दर से 20 साल के लिए यदि ₹5000 प्रति महीना दे तो उसका निवेश ₹12 लाख होता है लेकिन उस पर रिटर्न आदि मिलाकर ₹76 लाख मिलते हैं। 

इस प्रकार ₹12 लाख के निवेश पर समय का अलग-अलग प्रभाव पड़ा। 

यह भी पढ़ें७ वित्तीय नियम

3. अनुशासित निवेश करें।  

निवेश करते समय जितना नियमित, निरंतर, और अनुशासित निवेश होगा; उतना ही आपकी आर्थिक स्थिरता अच्छी होगी और फाइनेंशियल वेल बीइंग सही होगा। म्यूचूअल फ़ंड की बात करें तो अनुशासन बनाए रखने के लिए एकमुश्त निवेश की जगह एसआईपी का चुनाव किया जा सकता है। इसमें औसत लागत के अनुकूल का फायदा लिया जा सकता है। 

4. बचत को पहली प्राथमिकता बनाएँ।  

निवेश के लिए सबसे पहले बचत करना शुरू करें। आय बढ़ने के साथ बचत भी उसी अनुपात में बढ़ाने का प्रयास करें। इसलिए बचत को एक आदत के रूप में अपनाएँ और उसे प्राथमिकता जरूर दें। 

कारगर बचत के लिए कुछ उपाय है जैसे कि ऊँची लागत वाले ऋण आदि से बचें। 

किसी भी स्थिति में होम लोन या अन्य सभी लोन की किस्त को आय के 40% से अधिक न होने दें। 

ख़र्च होने के बाद बची हुई राशि से बचत न करें बल्कि बचत करने के बाद जो बचे उसमें खर्च चलाएँ।

5. अपने निवेश को शॉक प्रूफ बनाएँ।  

यदि आपने निवेश के सभी लक्ष्य प्राप्त कर लिए हैं और एक कॉर्पस बना लिया हो तो अब अपने निवेश और बचत को बाहरी आघात से जरूर बचाएँ। यानी अपने निवेश शॉक प्रूफ करें। ऐसी स्थिति में यदि ड्रॉडाउन से बचना चाहते हैं तो चार से छह महीने की कमाई जितना आपदा फंड बनाने पर ध्यान देना फ़ायदेमंद होगा।

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