- Date : 02/03/2023
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ईपीएफ में हर महीने कट रहा है पैसा तो पता होने चाहिए ईडीएलआई के ये नियम।

EPFO Claim Rules: अगर आप नौकरी कर रहे हैं और ईपीएफ में हर महीने अपनी सैलरी का एक हिस्सा दे रहे हैं तो आपको EDLI (Employees Deposit Linked Insurance) के नियमों के बारे में भी पता होना चाहिए। EDLI एक बीमा योजना है जो हर ईपीएफओ कर्मचारी को ईपीएफओ की तरफ से मिलती है। अगर किसी कारण से नौकरी के दौरान ईपीएफओ मेंबर की मौत हो जाती है तो EDLI स्कीम के तहत ही परिवार के सदस्यों को 7 लाख तक की मदद मिल जाती है।
ईडीएलआई के तहत क्लेम लेने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। ये आर्टिकल इसी विषय के बारे में है कि आप EPFO की EDLI स्कीम के नियम और शर्तें क्या क्या है?
EPFO ने EDLI स्कीम की शुरुआत 1976 में की थी। इस स्कीम का मकसद ये था कि अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को आगे चलकर आर्थिक परेशानी का सामना ना करना पड़े और उनकी आर्थिक मदद की जा सके। अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं तो आपके लिए ये बीमा कवर कंपनी की तरफ से मुफ्त में दिया जाता है।
नियम के अनुसार प्राइवेट कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी अमाउंट उसके पीएफ अकाउंट में जाता है और कंपनी भी इतना ही अमाउंट जमा करती है लेकिन यहां पर आपको ये जानना जरूरी है कि कंपनी की ओर से जो कंट्रीब्यूशन जमा किया जाता है, उसका 8.33% हिस्सा EPS में जाता है और 3.67% ही EPF में जमा होता है।इसके साथ-साथ कंपनी EDLI स्कीम का प्रीमियम भी देती है जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है।
- EDLI से जुड़े नियम
EDLI को लेकर क्लेम तब किया जा सकता है जब कर्मचारी की नौकरी करने के दौरान ही किसी तरह की बीमारी से दुर्घटना से या फिर नेचुरल डेथ होती है।
EPFO सदस्य जब तक नौकरी कर रहा है तब तक ही वो EDLI योजना द्वारा कवर किया जाता है। नौकरी छोड़ने के बाद चाहे नॉमिनी हो या परिवार का कोई सदस्य इसका क्लेम नहीं कर सकता है।
EPFO सदस्य के नॉमिनी को कर्मचारी की मृत्यु के बाद कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ उस स्थिति में मिलेगा अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से काम कर रहा हो।
ऐसे हालात में अगर EDLI योजना के तहत नॉमिनी ही ना हो तो कवरेज का सारा पैसा पत्नी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे को मिलता है।
इंश्योरेंस कवर फॉर्म 5 IF की भी PF खाते से पैसा निकालने के लिए अहम भूमिका होती है। एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ ही 5 IF भी जमा करना होता है।
EPFO Claim Rules: अगर आप नौकरी कर रहे हैं और ईपीएफ में हर महीने अपनी सैलरी का एक हिस्सा दे रहे हैं तो आपको EDLI (Employees Deposit Linked Insurance) के नियमों के बारे में भी पता होना चाहिए। EDLI एक बीमा योजना है जो हर ईपीएफओ कर्मचारी को ईपीएफओ की तरफ से मिलती है। अगर किसी कारण से नौकरी के दौरान ईपीएफओ मेंबर की मौत हो जाती है तो EDLI स्कीम के तहत ही परिवार के सदस्यों को 7 लाख तक की मदद मिल जाती है।
ईडीएलआई के तहत क्लेम लेने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। ये आर्टिकल इसी विषय के बारे में है कि आप EPFO की EDLI स्कीम के नियम और शर्तें क्या क्या है?
EPFO ने EDLI स्कीम की शुरुआत 1976 में की थी। इस स्कीम का मकसद ये था कि अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को आगे चलकर आर्थिक परेशानी का सामना ना करना पड़े और उनकी आर्थिक मदद की जा सके। अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं तो आपके लिए ये बीमा कवर कंपनी की तरफ से मुफ्त में दिया जाता है।
नियम के अनुसार प्राइवेट कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी अमाउंट उसके पीएफ अकाउंट में जाता है और कंपनी भी इतना ही अमाउंट जमा करती है लेकिन यहां पर आपको ये जानना जरूरी है कि कंपनी की ओर से जो कंट्रीब्यूशन जमा किया जाता है, उसका 8.33% हिस्सा EPS में जाता है और 3.67% ही EPF में जमा होता है।इसके साथ-साथ कंपनी EDLI स्कीम का प्रीमियम भी देती है जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है।
- EDLI से जुड़े नियम
EDLI को लेकर क्लेम तब किया जा सकता है जब कर्मचारी की नौकरी करने के दौरान ही किसी तरह की बीमारी से दुर्घटना से या फिर नेचुरल डेथ होती है।
EPFO सदस्य जब तक नौकरी कर रहा है तब तक ही वो EDLI योजना द्वारा कवर किया जाता है। नौकरी छोड़ने के बाद चाहे नॉमिनी हो या परिवार का कोई सदस्य इसका क्लेम नहीं कर सकता है।
EPFO सदस्य के नॉमिनी को कर्मचारी की मृत्यु के बाद कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ उस स्थिति में मिलेगा अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से काम कर रहा हो।
ऐसे हालात में अगर EDLI योजना के तहत नॉमिनी ही ना हो तो कवरेज का सारा पैसा पत्नी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे को मिलता है।
इंश्योरेंस कवर फॉर्म 5 IF की भी PF खाते से पैसा निकालने के लिए अहम भूमिका होती है। एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ ही 5 IF भी जमा करना होता है।