Money can be withdrawn from National Pension Scheme within two days of application: आवेदन के दो दिनों के भीतर निकाले जा सकेंगे नेशनल पेंशन स्कीम से पैसे

पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा नियमों में बदलाव से राष्ट्रीय पेंशन योजना के सदस्यों को सुविधा।

एनपीएस के फंड से एन्युइटी खरीदने की प्रक्रिया में सुधार

NPS Funds: पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन योजना से पैसे निकालने में लगने वाले समय को आधा कर दिया है। इस बदलाव से पेंशन पाने वालों को काफी सुविधा होगी। इससे पहले राष्ट्रीय पेंशन योजना से पैसा निकालने का अनुरोध करते हुए आवेदन पत्र देने के बाद पैसे मिलने में चार दिन का समय लगता था जो अब केवल दो दिन हो गया है। 

बीमा क्षेत्र की नियामक संस्था भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) अवकाश प्राप्ति के बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के कोष से एन्युइटी खरीदने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए पहले ही कई बदलाव कर चुकी है।

पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने एनपीएस के तहत होने वाले लेनदेन के समय को कम करने के लिए सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियों (सीआरएएस), पेंशन फंड (पीएफएस) और कस्टोडियन की मदद से सिस्टम इंटरफ़ेस में सुधार करके अपनी आईटी क्षमता बढ़ाई है।

यह भी पढ़ें: ७ सुनहरे वित्तीय नियम

राष्ट्रीय पेंशन योजना से संबंधित नियम में बदलाव

राष्ट्रीय पेंशन योजना से संबंधित नियम में किया गया यह बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है, अब अवकाश प्राप्ति के बाद एन्युइटी खरीदने में आसानी होगी। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने रिटायरमेंट के बाद एनपीएस के फंड से एन्युइटी खरीदने की प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय पेंशन योजना के नियम में एक अहम बदलाव किया गया है, जिसकी वजह से अवकाश प्राप्ति के बाद नियमित आय की व्यवस्था करना और आसान हो गया है। इरडा ने जानकारी दी कि अब इस स्कीम के किसी भी सदस्य को अवकाश प्राप्ति के बाद अपने राष्ट्रीय पेंशन योजना फंड से एन्युइटी खरीदने के लिए अलग से कोई प्रपोजल फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा। जबकि इससे पहले तक राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश करने वालों को अवकाश प्राप्ति के समय एन्युइटी खरीदने के लिए पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण के समक्ष एग्जिट फ़ॉर्म जमा करने के साथ-साथ बीमा कंपनियों के पास एक प्रस्ताव पत्र भी जमा करना पड़ता था।

राष्ट्रीय पेंशन योजना के सदस्यों को एन्युइटी उपलब्ध कराने का काम उन बीमा कंपनियों के द्वारा किया जाता है, जिन्हें पीएफआरडीए ने ऐसा करने की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही इरडा एन्युइटी सर्विस प्रोवाइडर (एएसपी) का काम करने वाली बीमा कंपनियों के नियामक के तौर पर इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करता है। पीएफआरडीए के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना में जमा रकम का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा एन्युइटी खरीदने में लगाना जरूरी है, जिसके बदले में हर महीने पेंशन दी जाती है, बाकी का 60 प्रतिशत अवकाश प्राप्ति के बाद बाद एक मुश्त निकाला जा सकता है।

यह भी पढ़ें: मार्केट में उतार-चढ़ाव के दौरान निफ़्टी ५० से बेहतर रिटर्न कैसे पाए?

Can NPS give Higher Pension?

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बीमा क्षेत्र की नियामक संस्था भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) अवकाश प्राप्ति के बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के कोष से एन्युइटी खरीदने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए पहले ही कई बदलाव कर चुकी है।

पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने एनपीएस के तहत होने वाले लेनदेन के समय को कम करने के लिए सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियों (सीआरएएस), पेंशन फंड (पीएफएस) और कस्टोडियन की मदद से सिस्टम इंटरफ़ेस में सुधार करके अपनी आईटी क्षमता बढ़ाई है।

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राष्ट्रीय पेंशन योजना से संबंधित नियम में बदलाव

राष्ट्रीय पेंशन योजना से संबंधित नियम में किया गया यह बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है, अब अवकाश प्राप्ति के बाद एन्युइटी खरीदने में आसानी होगी। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने रिटायरमेंट के बाद एनपीएस के फंड से एन्युइटी खरीदने की प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय पेंशन योजना के नियम में एक अहम बदलाव किया गया है, जिसकी वजह से अवकाश प्राप्ति के बाद नियमित आय की व्यवस्था करना और आसान हो गया है। इरडा ने जानकारी दी कि अब इस स्कीम के किसी भी सदस्य को अवकाश प्राप्ति के बाद अपने राष्ट्रीय पेंशन योजना फंड से एन्युइटी खरीदने के लिए अलग से कोई प्रपोजल फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा। जबकि इससे पहले तक राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश करने वालों को अवकाश प्राप्ति के समय एन्युइटी खरीदने के लिए पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण के समक्ष एग्जिट फ़ॉर्म जमा करने के साथ-साथ बीमा कंपनियों के पास एक प्रस्ताव पत्र भी जमा करना पड़ता था।

राष्ट्रीय पेंशन योजना के सदस्यों को एन्युइटी उपलब्ध कराने का काम उन बीमा कंपनियों के द्वारा किया जाता है, जिन्हें पीएफआरडीए ने ऐसा करने की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही इरडा एन्युइटी सर्विस प्रोवाइडर (एएसपी) का काम करने वाली बीमा कंपनियों के नियामक के तौर पर इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करता है। पीएफआरडीए के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना में जमा रकम का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा एन्युइटी खरीदने में लगाना जरूरी है, जिसके बदले में हर महीने पेंशन दी जाती है, बाकी का 60 प्रतिशत अवकाश प्राप्ति के बाद बाद एक मुश्त निकाला जा सकता है।

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