- Date : 08/03/2023
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नीति आयोग ने 2030 तक भारत के गिग वर्कर्स की संख्या में 200% की बढ़ोतरी का अनुमान घोषित किया है।

Gig Workforce in India: नीति आयोग के अनुमान के अनुसार 2030 तक गिग वर्कफोर्स (Gig Workforce) बेहद तेजी से बढ़ेगा। अगले सात सालों में इसमें 200% की वृद्धि देखी जा सकती है। फ्रीलांस के तौर पर काम करने वाले एवं सब कॉन्ट्रेक्टर या अन्य अस्थायी काम करने वाले तमाम लोग इस कार्यबल का हिस्सा हैं।
यदि टास्कमो रिपोर्ट 2022 पर नजर डालें तो हम पाएँगे कि 2021 की तुलना में 2022 में ही गिग वर्कर्स की संख्या में तीन गुना वृद्धि हो चुकी है।
इंडियाज़ बूमिंग गिग एंड प्लैटफॉर्म इकॉनमी नीति आयोग की रिपोर्ट
नीती आयोग की जारी रिपोर्ट ‘इंडियास बूमिंग गिग एंड प्लैटफॉर्म इकॉनमी’ के अनुसार 2029-30 के वित्त वर्ष तक भारत का गिग कार्यबल बढ़कर 23.5 मिलियन कर्मचारियों तक पहुँच जाएगा। यदि वर्तमान स्थितियों को देखें तो इस क्षेत्र से अभी 7.7 मिलियन कर्मचारी जुड़े हुए हैं। यानी भविष्य में उसमें 200% की छलाँग आएगी।
टास्कमो ने भी अपनी रिपोर्ट में गिग कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए बेहद आशाजनक आँकड़े जारी किए थे। उनकी रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारियों के कुल मार्ग में 10% की बढ़ोतरी हुई है और पिछले एक वर्ष में यह बढ़ोतरी तीन गुना रही।
इसी के साथ रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि गिग इकोनॉमी में युवाओं की भागीदारी आठ गुना तक बढ़ी है।
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गिग वर्कफोर्स में 36% महिलाएँ ( 36% Women in Gig Workforce)
टास्कमो रिपोर्ट के अनुसार गिग वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी दुगनी हो गई है। जहाँ एक ओर 2019 से 2022 के बीच गिग वर्कफोर्स में युवाओं की भागीदारी आठ गुना बढ़ी है वहीं महिलाओं की उपस्थिति 36% हो गई है। गिग कर्मचारियों में पहले महिलाओं की भागीदारी मात्र 18% थी जिसमें दोगुना इजाफा हो गया है।
ब्लू, व्हाइट और ग्रे कॉलर नौकरियाँ बढ़ सकती हैं
एयॉन (Aon) द्वारा जारी किए गए एक सर्वेक्षण ‘डीकोडिंग द गिग इकॉनमी’ के अनुसार सर्वेक्षण की लगभग आधी कंपनियों ने गिग कर्मचारियों की नियुक्ति कर ली है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 145 कंपनियों में से लगभग 49% कंपनियों ने गिग कर्मचारियों की नियुक्ति कर ली है एवं इनमें से 65% कंपनियों ने दो से पाँच वर्षों के बीच गिग कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए योजना भी तैयार कर ली है।
कुल मिलाकर ब्लू, व्हाइट और ग्रे कॉलर नौकरियों के प्रत्याशियों के लिए नौकरी के अवसरों की संख्या में बढ़ोतरी की अच्छी संभावना है।
गिग इकॉनमी अर्थव्यवस्था की मजबूत इकाई
भारत का लक्ष्य 2025 तक अपनी अर्थव्यवस्था को पाँच ट्रिलियन (5 Trillion) तक पहुँचाने का है। यह पूरी अर्थव्यवस्था के समेकित विकास से ही संभव हो सकेगा। इसके लिए जरूरी होगा कि आय और बेरोजगारी के बीच की खाई को पाटा जा सके। इस दिशा में गिग इकॉनमी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के लिए गिग इकॉनमी एक मजबूत इकाई के रूप में उभर सकती है।
सकल घरेलू उत्पाद का 1.25% तक भागीदारी
बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप (बीसीजी BCG) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत की गिग इकॉनमी गैर कृषि क्षेत्र में 90 मिलियन यानी 9 करोड़ तक रोजगार की क्षमता रखती है जो कि पूरे रोजगार का 30% तक हो सकता है।
इतना ही नहीं भारतीय गिग इकॉनमी में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 1.25% की भागीदारी की क्षमता और उत्पादकता है।
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