- Date : 27/07/2021
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- Read in English: All you need to know about digital lending
डिजिटल लेंडिंग पर एक व्यापक गाइड जो कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने का प्रयास करती है.

डिजिटल लेंडिंग का मतलब है वित्तीय संस्थानों द्वारा मोबाइल ऐप या वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल लोन देना. टेक्नोलॉजी की सहायता से लेंडर लोन एप्लाई वालों की क्रेडिटवर्थीनेस और ऑथेंटिसिटी को वेरीफाई करते हैं.
हाल के वर्षों में भारत में डिजिटल लेंडिंग इंडस्ट्री में बड़ा विस्तार हुआ है. वित्त वर्ष 2022-23 तक इसका मूल्य 350 अरब डॉलर होने का अनुमान है. बाज़ार के इस अवसर का लाभ उठाने के लिए, पारंपरिक बैंक भी डिजिटल लेंडिंग की दौड़ में शामिल हो गए हैं.
इससे वित्तीय संस्थानों की पुराने तरीकों से लोन देने की प्रक्रियाओं में भी बदलाव आया है.
डिजिटल लेंडिंग क्यों लोकप्रिय है
ज़्यादातर कम आय वाले उधारकर्ता, पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के सामने अपनी क्रेडिटवर्थीनेस साबित करने में विफल रहते हैं. यही माइक्रोएंटरप्राइज़ स्टार्ट-अप के मामले में भी होता है. ऐसे वर्टिकल्स डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म से क्रेडिट ले सकते हैं.
लोन लेने के अनौपचारिक चैनल (जैसे साहूकार) बहुत ज़्यादा ब्याज दर मांग सकते हैं. उनकी तुलना में, डिजिटल प्लेटफॉर्म से डिजिटल लोन लेना अधिक सुविधाजनक और फ्लेक्सिबल है. इससे उन युवाओं को भी फाइनेंशियल फ्रीडम मिलती है जो परिवार के सदस्यों से पैसे नहीं मांगना चाहते. यहां तक कि एक पार्ट-टाइम नौकरी के साथ, वे समय से लोन चुका सकते हैं और कम उम्र में ही आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकते हैं.
ज़्यादातर डिजिटल लेंडिंग प्लेटफार्मों पर डिजिटल लोन एप्लाई करने के लिए वित्तीय संस्थान में जाकर कागजी कार्रवाई करने की तुलना में कम कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है. इससे प्रोसेसिंग टाइम कम हो जाता है और ये ग्राहक की संतुष्टि को बढ़ाता है.
डिस्बर्सल आसान होने से सर्विस प्रोवाइडर का भी कम खर्च होता है. खर्च घटने से हुए लाभों को ग्राहकों (कम ब्याज दरों या प्रोसेसिंग फीस के माध्यम से) और निवेशकों को दिया जा सकता है.
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भारत के कुछ बड़े डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म
अर्लीसैलरी
अर्लीसैलरी बहुत ही यूज़र-फ्रेंडली प्रोसेस की सुविधा देता है जहां आप ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल करने के बाद अपने मोबाइल नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. लोन एप्लाई करने के लिए, ऐप पर जानकारी भरें. आप जो राशि उधार लेना चाहते हैं अगर वह आपकी स्वीकृत सीमा के भीतर है, तो पैसा आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
लेंडिंग ऐप 5,000 रुपये से लेकर 5,00,000 रुपये तक का लोन देता है. लोन एप्लाई करने वालों को ज़्यादा कागजी कार्रवाई या डॉक्यूमेंटेशन की परेशानी के बिना बस अपनी जानकारी भरनी होती है. आप दिन में कभी भी लोन के लिए एप्लाई कर सकते हैं. ग्राहकों को सुरक्षित और तेज़ी से लोन उपलब्ध कराने के लिए कंपनी पीसीआई डीएसएस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है.
किश्त
अपनी वेबसाइट पर, किश्त 5 मिनट में लोन एप्रूवल का दावा करता है. यह ऐप पर तुरंत आवेदन करने वालों की क्रेडिटवर्थीनेस का आकलन करता है और इसके लिए दस्तावेज़ के तौर पर सिर्फ आधार की ज़रूरत पड़ती है. लोन-ऐप कंपनी की सारी सर्विस - लोन एप्लीकेशन से लेकर लोन के डिस्बर्सल तक - पूरी तरह से डिजिटल है जिसमें कोई कागज़ी कार्यवाही शामिल नहीं है.
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए, किश्त प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों, फ्लेक्सिबल रीपेमेंट टेन्योर, और लोन लेने वालों को अलग अलग तरीके से लोन चुकाने की सुविधा देती है. इसने कई अन्य ब्रांड के साथ भी टाई-अप किया है जो ईएमआई पर किश्त के ग्राहकों के लिए शानदार प्रोडक्ट और सर्विस ऑफर करती हैं.
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पेसेंस (PaySense)
पेसेंस अपने ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक का लोन देता है. इसने भारत में कुछ बड़े एनबीएफसी जैसे आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, पेयू फाइनेंस, नॉर्दर्न आर्क, आईआईएफएल, फुलर्टन और क्रेडिट सेसन इंडिया के साथ पार्टनरशिप की है.
पेसेंस से लोन लेने के लिए, आपको अपने दस्तावेज़ों की हार्ड कॉपी कोरियर के माध्यम से जमा करनी होगी. यह एक बार की जाने वाली प्रक्रिया पूरी होने पर, आप आकर्षक ईएमआई विकल्पों वाले पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. अगर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तब भी पेसेंस आपके पहली बार दिए लोन एप्लीकेशन को प्रोसेस करेगा क्योंकि यह उन यूज़र्स को प्रोत्साहित करता है जो लेंडिंग और क्रेडिट सिस्टम पर नए हैं.
डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म से लोन लेने से पहले किन बातों का रखें ध्यान
आरबीआई दिशानिर्देश
कभी-कभी, डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म एनबीएफसी या उनकी मदद करने वाले बैंक के नाम का खुलासा किए बिना गलत तरीके से खुद को लेंडर के रूप में पेश करते हैं. इसे देखते हुए, जून 2020 में, आरबीआई ने लोन देने वाले ऐप्स के लिए दिशानिर्देशों का एक सेट जारी किया.
डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म से लोन लेने से पहले ग्राहकों को सही से जांच करनी चाहिए. लोन के लिए किसी भी लेंडिंग ऐप से संपर्क करने से पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या वह प्लेटफॉर्म एक रजिस्टर्ड एनबीएफसी है, बैंक है या कोई ऐसी संस्था है जो एक रजिस्टर्ड लेंडर के साथ पार्टनरशिप में है.
इसके अलावा, डिजिटल लेंडर से लोन लेते समय, सुनिश्चित करें कि लोन सैंक्शन लेटर एनबीएफसी या लोन इशु करने वाले बैंक के लेटरहेड पर है.
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क्रेडिट हिस्ट्री
सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिटवर्थीनेस को दर्शाता है. यह आपकी क्रेडिट रीपेमेंट हिस्ट्री पर आधारित होता है. यह 300 से 900 के बीच होता है. 750 से ऊपर का कोई भी स्कोर अच्छा माना जाता है.
अगर आपका स्कोर 750 से कम है, तो आपकी लोन एप्लीकेशन अस्वीकार हो सकती है. वैकल्पिक रूप से, आपका डिजिटल लेंडर बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोन एप्लाई करने वालों की तुलना में आपको अधिक ब्याज दर पर लोन देना चुन सकता है.
एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखने का एक अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आप समय पर रीपेमेंट करें. इसके लिए आप अपने पेमेंट शेड्यूल को ऑटोमेट कर सकते हैं.
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ब्याज दरें
आपके लोन पर ब्याज दरें कई बातों पर निर्भर करती है. इसमें टर्म पीरियड, लोन अमाउंट और आपका क्रेडिट स्कोर शामिल है. लेंडर की लोन पर ब्याज दरें बड़े पैमाने पर अलग-अलग हो सकती हैं.
लोन के लिए आवेदन करते समय कम ब्याज दरें पाने के कई तरीके हैं. एक तो यह कि अपना क्रेडिट स्कोर अच्छा रखें ताकि आपको अपने लेंडर के साथ मोलभाव करने में आसानी हो. दूसरा तरीका है छोटी अवधि का विकल्प चुनना. अगर आप अपना लोन जल्दी चुका सकते हैं, तो आपको कम ब्याज देना होगा. इससे आपका सिबिल स्कोर भी बढ़ेगा, जिससे भविष्य में आपको लोन लेना आसान होगा.
रीपेमेंट के विकल्प और टेन्योर
आप लिया गया लोन चुकाने के लिए जो समय लेंगे, उसे रीपेमेंट पीरियड कहा जाता है. आपकी ईएमआई और रीपेमेंट टेन्योर साथ-साथ चलेंगे. लंबी अवधि का मतलब है छोटे ईएमआई अमाउंट. हालांकि, लंबी अवधि होने पर ब्याज दरें भी ज़्यादा होती हैं.
इसका मतलब यह है कि, एक लंबे अंतराल में अपने लोन को चुकाने के अलावा, आप लोन लिए गए अमाउंट की तुलना में काफी ज़्यादा पैसे वापस करेंगे. अगर आपके पास एक अच्छी नौकरी और तरक्की की अच्छी संभावनाएं हैं, तो आप छोटे रीपेमेंट पीरियड और ज़्यादा ईएमआई का विकल्प चुन सकते हैं. चूंकि ब्याज दर काफी कम होगी इसलिए आप पैसे जल्दी चुकता कर सकेंगे.
साथ ही, लोन लेने वालों को लेंडर द्वारा आकर्षक ब्याज दरों की पेशकश करके छोटे रीपेमेंट पीरियड के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है. इन डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर आम तौर पर 5 साल तक का लोन रीपेमेंट टेन्योर रहता है. वे कई तरह के लोन रीपेमेंट प्लान की पेशकश भी कर सकते हैं जैसे स्टेप अप रीपेमेंट प्लान, टर्म रीपेमेंट प्लान और ईएमआई फ्री रीपेमेंट प्लान.
अलग-अलग तरह के रीपेमेंट प्लान | व्याख्या |
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स्टेप अप रीपेमेंट प्लान | पहले कुछ महीनों के लिए केवल ब्याज की राशि भरें. उसके बाद, टेन्योर पूरा होने तक फिक्स्ड ईएमआई भरें |
टर्म रीपेमेंट प्लान | आपकी ईएमआई कैलकुलेट करने के लिए रिड्यूसिंग रेट मेथड का इस्तेमाल किया जाता है. शुरुआत में मूलधन पर ब्याज लगता है. जैसे जैसे आप ईएमआई भरते जाते हैं, मूलधन कम होता रहता है और ब्याज की गणना लंबित मूलधन पर की जाती है जो धीरे-धीरे कम होती रहती है. |
ईएमआई फ्री रीपेमेंट प्लान | इस प्लान में आप हर महीने ब्याज (लोन पर) भर सकते हैं और कुछ महीनों के अंतराल में मूल राशि के लिए 'बुलेट' पेमेंट कर सकते हैं (आमतौर पर 3 से 6 महीने). |
शाओमी, एमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट, उबर, और ज़ोमैटो जैसे कई कॉर्पोरेट दिग्गजों के साथ बाज़ार के मौकों को समझने और इंडस्ट्री में उतरने के इरादे के साथ डिजिटल लेंडिंग सिर्फ वर्तमान तक सीमित नहीं है. डिजिटल लेंडिंग लोन इंडस्ट्री का भविष्य है! इन 5 बाई-नाउ-पे लेटर- ऐप्स को देखें जो खरीदारी को आसान बनाते हैं और क्रेडिट स्कोर बनाने में आपकी सहायता करते हैं..