Launch of Mahila Samman Savings Certificate to make women self-reliant!

बजट 2023 में केंद्र सरकार ने लान्च की महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र।

महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र

Mahila Samman Savings Certificate: केंद्र सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्रीय बजट 2023 पेश करते समय  महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र (एमएसएससी) नामक एक नई बचत योजना का शुभारंभ किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि यह स्कीम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की एक कोशिश है। तो आइए देखते हैं कि इस बचत योजना में क्या खास है और यह महिलाओं को क्या लाभ देगी।

महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र का शुभारंभ करके सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। इस स्कीम को लांच करने बाद से ही इसके बारे में हर स्तर पर लगातार चर्चा हो रही है। इस स्कीम में निवेश करने पर महिलाएं दो साल की अन्य छोटी बचत योजनाओं की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त कर सकती हैं। इस स्कीम में साल 2025 तक निवेश किया जा सकता है।

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इस स्कीम में कौन और कितना निवेश कर सकता है?

केंद्र सरकार ने इस योजना को विशेष रूप से महिलाओं के लिए ही तैयार किया है। इस योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि वर्ष 2023 का बजट अमृत काल को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया जा रहा है। इस योजना में उम्र की कोई सीमा नहीं है, हर उम्र की महिला बिना किसी शर्त के इस स्कीम में निवेश कर सकती है।

इस स्कीम में निवेश की समय अवधि 2 वर्ष की है। जिसका अर्थ है कि अगर आप मार्च 2023 में महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र में निवेश करती हैं तो दो वर्ष बाद यानी मार्च 2025 में इस स्कीम से पैसे निकाल सकती हैं। इसके अलावा अगर ज़रूरत हो तो इल दो सालों के भीतर भी आंशिक रूप से पैसे निकाले जा सकते हैं।

महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र में अधिकतम 2 लाख रुपये तक जमा कराये जा सकते हैं। इस स्कीम में सरकार महिलाओं को अन्य सामान्य बचत योजनाओं से अधिक ब्याज दर दे रही है। इस योजना में आपको हर वर्ष 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा।

यह स्कीम किन महिलाओं के लिए अधिक लाभकारी है?

इस स्कीम के बारे में राय देते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए की गई एक अच्छी पहल है। सरकार इस लघु बचत योजना के माध्यम से देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। चूंकि इस योजना में निवेश की अधिकतम सीमा केवल 2 लाख रुपये रखी गई है, इसलिए यह निम्न आय वर्ग की महिलाओं को कम समय में अच्छा लाभ दे सकती है पर उच्च आय वर्ग की महिलाओं की जरूरतों को शायद पूरी नहीं कर पाएगी। आशा की जा सकती है कि सरकार आगे निवेश की इस सीमा को बढ़ाने पर विचार करेगी।

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संवादपत्र

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