- Date : 19/12/2022
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अब कार के बदले भी लोन लेना संभव हो गया है। इसके लिए टेन्योर 1 साल से 7 साल का होगा।

Loan against Car: इमरजेंसी फंड के लिए अधिकतर लोग अपनी जमीन या जायदाद बेचने या गिरवी रखने के बारे में सोचते हैं। लेकिन आपके पास यदि कार है तो उसका इस्तेमाल भी फंड जमा करने या रकम जुटाने के लिए हो सकता है। कई गैर-बैंकिंग संस्थाएँ अब कार को भी एसेट मानते हुए उसके बदले सिक्योर्ड लोन देने लगी हैं। कार को कोलैटरल यानी ऋण न चुकाने पर ऋण की भरपाई के लिए जमा कराना होता है।
लोन अगेंस्ट कार तुलनात्मक रूप से जल्दी मिलता है। इसलिए मुश्किल की घड़ी में यह एक उचित विकल्प बन जाता है।
कार पर लोन के पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि कार खोई हुई तो नहीं या फिर सरकार द्वारा अस्वीकृत मॉडल तो नहीं? इस तरह के समाधान मिलने के बाद उसका मूल्यांकन किया जाता है। यदि कार का मॉडल निरस्त हो चुका हो तो उस कार पर लोन का आवेदन भी निरस्त हो जाता है।
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कार लोन का टेन्योर कितना?
आम तौर पर देखा गया है कि कार पर उसके मूल्य के 50% से 150% के बीच लोन मिलता है। इस ऋण के लिए टेन्योर 12 महीने से 84 महीने यानी 1 से 7 साल के बीच हो सकता है। कहीं-कहीं टेन्योर इससे अधिक भी हो सकता है। लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया पर पूरे लोन की 1% से 3% राशि शुल्क के रूप में देनी पड़ती है। यह लोन पर्सनल लोन की तरह किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
कार पर लोन के लिए कहा करें अप्लाई?
कई वित्तीय संस्थाएँ कार पर लोन दे रही हैं जिसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है। कई बैंकों द्वारा भी इस ऋण के प्रस्ताव दिए जाते हैं। ऋण लेने के पहले बैंको की शर्तों की पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।
‘बाज़ार.कॉम’ के सीईओ आदिल शेट्टी ने सुझाव दिया है कि तमाम जानकारी बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है जहाँ से जरूरत के कागजात के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है। यदि किसी वित्तीय संस्था से पहले ही लोन ले रखा है तो उस संस्था के कार लोन के बारे में विचार करना अच्छा होगा या फिर ऐसा बैंक या शाखा चुनें जहाँ आपका पहले से वेतन का खाता हो। बैंक में पहले से ही रिकॉर्ड मौजूद होने के कारण ऋण लेने में आसानी हो सकती है। ऐसी संस्थाएँ या बैंक जो कार लोन के बारे में अच्छे प्रस्ताव देती हैं, चुनी जा सकती है।
कैसे पता लगाई जाती है कार की वैल्यू?
वित्तीय संस्थाएँ या बैंक कार के मूल्यांकन को लेकर बहुत सजग होती हैं। वित्तीय संस्थाएँ मूल्यांकन और वेरिफिकेशन कर लेने के बाद प्री-अप्रूव्ड ऑफर पर कर्ज मुहैया कराती हैं। कार पर लिए गए कर्ज को मासिक किश्त के रूप में चुकाया जा सकता है। यदि ग्राहक किसी कारणवश ऋण के भुगतान में असमर्थ हो तो बैंक या वित्तीय संस्थाओं को कार पर कानूनी अधिकार प्राप्त होता है और वह इसका इस्तेमाल ऋण के भुगतान करने के लिए कर सकती हैं।
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