मेरे पिताजी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद ,मैंने ये जिम्मेदार कदम उठाए|

अपने पिता के निधन का सामना करना ,भावनात्मक रूप से आपको तोड़ देता है | हालांकि, ये कदम आपको आर्थिक मामलो और संकट का सामना करने में सहायता कर सकता है |

X steps to take when father passes away

 सबसे बड़ी बेटी और पापा की छोटी गुड़िया होने के कारण, अपने पिता की मृत्यु का सामना मेरे लिए आसान नहीं था | परन्तु इतने मुश्किल वक़्त में भी, मुझे अपनी भावनाओ को अलग करके ,कुछ मुद्दों की एक श्रृंखला को सम्बोधित करना बहुत ज़रूरी था | मैं अपनी माँ के कंधो से कुछ बोझ हटाना चाहती थी और इसलिए इस कार्य की पूर्ण ज़िम्मेदारी मैंने ली |

यह सिर्फ तभी मुझे एहसास हुआ की यह कितना भारी है | हर समय, बहुत कठिन था और  मुझे लग रहा था की मैं कभी न ख़त्म होने वाली किसी भूल भुलैय्या  में रास्ता ढूंढ रही हु | मेरे सामने सवालो का घेरा आ गया| मैं कहाँ से शुरुआत करू? मेरे पिता ने अपने ज़रूरी कागज़ कहाँ रखे होंगे? क्या उन्होंने वसीयत बनाई थी? उनका उत्तरदायी कौन होगा ? यह और ऐसे कई सवालो की छानबीन की ज़रूरत थी |

कोई भी,कभी भी खुदको बिना किसी चेतावनी के इस परिस्थिति में पा सकता है , और मैं यहाँ मदद के लिए हूँ | यहाँ वे काम हैं जिन्हे मैंने अपने जिम्मे लिया :

1. मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी निकालिये : मृत्यु प्रमाण-पत्र पाना और उनकी अनेक फोटोकोपियाँ निकलना काफी कठिन है | ये कागज़ात सारे वित्तीय संस्थानों के लिए ज़रूरी होते हैं ताकि मृतक के पूंजी या निवेश को ट्रांसफर किया जा सके , खाता बंद किया जा सके या मृतक की पूंजी का विक्रय करने की अनुमति हो | उसे अनुप्रमाणित करे,यदि ज़रूरत हो | 

२) वसीयत पाएं: हाल ही में,मुझे एहसास हुआ की वसीयत की क्या अहमियत है और उसके खासियत के बारे में अपनी पिताजी से बात की थी | मेरे ज़ोर देने पर, उन्होंने एक वसीयत बनाई| एक वसीयत हर प्रकार के मामलो को सुलझाने में मदद करता है ,खासकर वित्तीय मामलो में |एक साधारण वसीयत,ऐसे तथ्य दर्शाती है की कैसे पूंजी को बांटे, किसको बांटे, और किसे यह आबंटन प्रक्रिया करनी चाहिए| यह घरेलु झगड़ो को न्यूनतम करता है | नामांकन विवरण का ज़िक्र वसीयत में होना चाहिए,जो फिर खाते ,पूंजियों के स्थानांतर करने की प्रक्रिया आसान करता है | 

३) सारे वित्तीय कागजातों को ढूंढे : अगर कागज़ात व्यवस्थित ढंग से फाइल नहीं किये गए हैं ,तो आपको इसके लिए खोज करनी होगी | कागज़ो को ढूंढ़ने में काफी समय लग सकता है | कागज़ो को व्यवस्थित करने के अलावा , कागज़ो को इकठ्ठा करके क्रमवार करना ज्यादा कठिन है | कुछ कागज़ जिन पर ध्यान देना चाहिए वह है : बैंक पासबुक, बिमा कागज़ात , निवेश प्रमाण पत्र, उपयोगिता बिल,क्लब सदस्यता ,ऋण और इ.एम.आई कागज़, संपत्ति कागज़ात, टैक्स कागज़ात आदि |

४) देनदारियों और बकाया भुगतान तुरंत करे : टैक्स, क्रेडिट कार्ड भुगतान, ऋण, इ.एम.आई आदि कुछ खर्चे हैं,जिनहे तुरंत सलटाना चाहिए | 

५) सारे महत्वपूर्ण जानकारियों को सूचित करे : निवेश कंपनियां, बैंक, बिमा कंपनियां, टैक्स विभाग आदि को ग्राहक की मृत्यु की जानकारी होनी चाहिए | यह एक महत्वपूर्ण कदम है ,इसके बाद ही सम्बंधित खाते को बंद करना, खाते में नामांकित नाम पर स्थानांतरित करना और कागज़ो में नाम बदलवाने की प्रक्रिया संभव है | याद रखिये, इनमे से कुछ भी काम करने से पहले,आपको कागज़ो को ढूंढ कर इन औपचारिकताओं को ख़त्म करने के लिए रखना पड़ेगा |

६) खाते को बंद या स्थानांतरित करे: आपको बैंक खाते बंद करने या स्थानांतरित करने ,ऋण खाते, जीवन सेहत बिमा पालिसी, उपयोगिता बिल, निवेश को स्थानांतरित करने की ज़रूरत होगी | हर संस्था के अपने नियम होते हैं, ज़रूरी कागज़ होते हैं ,इसलिए आगे बढ़ने से पहले इन प्रक्रियाओं के लिए खुदको तैयार करे |

७) अपने मृतक पालक की ओर से टैक्स रिटर्न फाइल करें : हालांकि यह बहुत छोटी बात लगती है, परन्तु यह महत्वपूर्ण है और इसे किया जाना चाहिए | टैक्स रिटर्न एक परिवार के सदस्य के द्वारा फाइल किया जाना चाहिए उस तारीख तक ,जब तक वह मृतक व्यक्ति जीवित था | इन परिस्थितियों में कुछ कागज़ातों की ज़रूरत  टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए हो सकती है ,जैसे की मृतक प्रमाण पत्र, पैन कार्ड आदि| एक बार फाइलिंग हो जाए, तो आपको भौतिक रूप से पैन कार्ड को रद्द करने की आवश्यक्ति होगी | 

८) बिमा को संभालना: ज्यादातर की खरीदी जैसे की ऑटोमोबाइल संपत्ति और जीवन के साथ बिमा लागू होते हैं | आमतौर पर ऑटो बिमा के लिए ,आप उसी पालिसी के साथ जुड़े रह सकते हैं या पालिसी रद्द भी कर सकते हैं | चयन आपका है |

जीवन बिमा के साथ, अगर आप राशि का दावा करना चाहते हैं ,तो यहाँ दिए गए उपायों का पालन करे :

बिमा पालिसी के कॉपियों को ढूंढे |

सुनिश्चित कीजिये की पालिसी का प्राप्तकर्ता कौन है |

बिमा कंपनी के सही विभाग में संपर्क कीजिये 

आपके पिता की मृत्यु की पुष्टि एवं आपका अपने पिता से रिश्ते की पुष्टि के लिए विशिष्ट प्रक्रिया का पालन करे |

ज़रूरी कागज़ात इकठ्ठा करे |

जरुरी फॉर्म भरे और उसे कंपनी को सौंपे |

अपने पैसे का इंतज़ार करिये, ज्यादातर आपके पैसे आने में ३० दिन का समय लग जाता है |

ये आपके माता या पिता के गुजरने के बाद उठाये जाने वाले ज़रूरी कदम हैं | जितने ज्यादा आप तैयार होंगे,इस मुश्किल वक़्त से निकलना आपके लिए उतना ही आसान होगा | 

हमें यह जानना ज़रूरी है की बिमा को कैसे संभाले- वाहन, सेहत, संपत्ति आदि |

 सबसे बड़ी बेटी और पापा की छोटी गुड़िया होने के कारण, अपने पिता की मृत्यु का सामना मेरे लिए आसान नहीं था | परन्तु इतने मुश्किल वक़्त में भी, मुझे अपनी भावनाओ को अलग करके ,कुछ मुद्दों की एक श्रृंखला को सम्बोधित करना बहुत ज़रूरी था | मैं अपनी माँ के कंधो से कुछ बोझ हटाना चाहती थी और इसलिए इस कार्य की पूर्ण ज़िम्मेदारी मैंने ली |

यह सिर्फ तभी मुझे एहसास हुआ की यह कितना भारी है | हर समय, बहुत कठिन था और  मुझे लग रहा था की मैं कभी न ख़त्म होने वाली किसी भूल भुलैय्या  में रास्ता ढूंढ रही हु | मेरे सामने सवालो का घेरा आ गया| मैं कहाँ से शुरुआत करू? मेरे पिता ने अपने ज़रूरी कागज़ कहाँ रखे होंगे? क्या उन्होंने वसीयत बनाई थी? उनका उत्तरदायी कौन होगा ? यह और ऐसे कई सवालो की छानबीन की ज़रूरत थी |

कोई भी,कभी भी खुदको बिना किसी चेतावनी के इस परिस्थिति में पा सकता है , और मैं यहाँ मदद के लिए हूँ | यहाँ वे काम हैं जिन्हे मैंने अपने जिम्मे लिया :

1. मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी निकालिये : मृत्यु प्रमाण-पत्र पाना और उनकी अनेक फोटोकोपियाँ निकलना काफी कठिन है | ये कागज़ात सारे वित्तीय संस्थानों के लिए ज़रूरी होते हैं ताकि मृतक के पूंजी या निवेश को ट्रांसफर किया जा सके , खाता बंद किया जा सके या मृतक की पूंजी का विक्रय करने की अनुमति हो | उसे अनुप्रमाणित करे,यदि ज़रूरत हो | 

२) वसीयत पाएं: हाल ही में,मुझे एहसास हुआ की वसीयत की क्या अहमियत है और उसके खासियत के बारे में अपनी पिताजी से बात की थी | मेरे ज़ोर देने पर, उन्होंने एक वसीयत बनाई| एक वसीयत हर प्रकार के मामलो को सुलझाने में मदद करता है ,खासकर वित्तीय मामलो में |एक साधारण वसीयत,ऐसे तथ्य दर्शाती है की कैसे पूंजी को बांटे, किसको बांटे, और किसे यह आबंटन प्रक्रिया करनी चाहिए| यह घरेलु झगड़ो को न्यूनतम करता है | नामांकन विवरण का ज़िक्र वसीयत में होना चाहिए,जो फिर खाते ,पूंजियों के स्थानांतर करने की प्रक्रिया आसान करता है | 

३) सारे वित्तीय कागजातों को ढूंढे : अगर कागज़ात व्यवस्थित ढंग से फाइल नहीं किये गए हैं ,तो आपको इसके लिए खोज करनी होगी | कागज़ो को ढूंढ़ने में काफी समय लग सकता है | कागज़ो को व्यवस्थित करने के अलावा , कागज़ो को इकठ्ठा करके क्रमवार करना ज्यादा कठिन है | कुछ कागज़ जिन पर ध्यान देना चाहिए वह है : बैंक पासबुक, बिमा कागज़ात , निवेश प्रमाण पत्र, उपयोगिता बिल,क्लब सदस्यता ,ऋण और इ.एम.आई कागज़, संपत्ति कागज़ात, टैक्स कागज़ात आदि |

४) देनदारियों और बकाया भुगतान तुरंत करे : टैक्स, क्रेडिट कार्ड भुगतान, ऋण, इ.एम.आई आदि कुछ खर्चे हैं,जिनहे तुरंत सलटाना चाहिए | 

५) सारे महत्वपूर्ण जानकारियों को सूचित करे : निवेश कंपनियां, बैंक, बिमा कंपनियां, टैक्स विभाग आदि को ग्राहक की मृत्यु की जानकारी होनी चाहिए | यह एक महत्वपूर्ण कदम है ,इसके बाद ही सम्बंधित खाते को बंद करना, खाते में नामांकित नाम पर स्थानांतरित करना और कागज़ो में नाम बदलवाने की प्रक्रिया संभव है | याद रखिये, इनमे से कुछ भी काम करने से पहले,आपको कागज़ो को ढूंढ कर इन औपचारिकताओं को ख़त्म करने के लिए रखना पड़ेगा |

६) खाते को बंद या स्थानांतरित करे: आपको बैंक खाते बंद करने या स्थानांतरित करने ,ऋण खाते, जीवन सेहत बिमा पालिसी, उपयोगिता बिल, निवेश को स्थानांतरित करने की ज़रूरत होगी | हर संस्था के अपने नियम होते हैं, ज़रूरी कागज़ होते हैं ,इसलिए आगे बढ़ने से पहले इन प्रक्रियाओं के लिए खुदको तैयार करे |

७) अपने मृतक पालक की ओर से टैक्स रिटर्न फाइल करें : हालांकि यह बहुत छोटी बात लगती है, परन्तु यह महत्वपूर्ण है और इसे किया जाना चाहिए | टैक्स रिटर्न एक परिवार के सदस्य के द्वारा फाइल किया जाना चाहिए उस तारीख तक ,जब तक वह मृतक व्यक्ति जीवित था | इन परिस्थितियों में कुछ कागज़ातों की ज़रूरत  टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए हो सकती है ,जैसे की मृतक प्रमाण पत्र, पैन कार्ड आदि| एक बार फाइलिंग हो जाए, तो आपको भौतिक रूप से पैन कार्ड को रद्द करने की आवश्यक्ति होगी | 

८) बिमा को संभालना: ज्यादातर की खरीदी जैसे की ऑटोमोबाइल संपत्ति और जीवन के साथ बिमा लागू होते हैं | आमतौर पर ऑटो बिमा के लिए ,आप उसी पालिसी के साथ जुड़े रह सकते हैं या पालिसी रद्द भी कर सकते हैं | चयन आपका है |

जीवन बिमा के साथ, अगर आप राशि का दावा करना चाहते हैं ,तो यहाँ दिए गए उपायों का पालन करे :

बिमा पालिसी के कॉपियों को ढूंढे |

सुनिश्चित कीजिये की पालिसी का प्राप्तकर्ता कौन है |

बिमा कंपनी के सही विभाग में संपर्क कीजिये 

आपके पिता की मृत्यु की पुष्टि एवं आपका अपने पिता से रिश्ते की पुष्टि के लिए विशिष्ट प्रक्रिया का पालन करे |

ज़रूरी कागज़ात इकठ्ठा करे |

जरुरी फॉर्म भरे और उसे कंपनी को सौंपे |

अपने पैसे का इंतज़ार करिये, ज्यादातर आपके पैसे आने में ३० दिन का समय लग जाता है |

ये आपके माता या पिता के गुजरने के बाद उठाये जाने वाले ज़रूरी कदम हैं | जितने ज्यादा आप तैयार होंगे,इस मुश्किल वक़्त से निकलना आपके लिए उतना ही आसान होगा | 

हमें यह जानना ज़रूरी है की बिमा को कैसे संभाले- वाहन, सेहत, संपत्ति आदि |

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