Major layoff in IT Companies

आईटी कंपनियाँ बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छँटनी कर रही हैं, ऐसे में फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए अपनाएँ 5 उपाय

layoff in IT Companies

Major layoff in IT Companies: दुनिया भर की नामी गिरामी आईटी कंपनियाँ बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छँटनी करने में लगी हुई हैं। ऐसे में कर्मचारियों के बीच यह खौफ देखा जा रहा है कि कहीं अगली बारी उनकी न हो। कई बड़ी कंपनियों ने नई नियुक्तियाँ बंद कर दी हैं तो कहीं नौकरी से लेऑफ किया जा रहा है। 

गौरतलब है कि ट्विटर (Twitter) ने लेऑफ शुरू किया था और देखते ही देखते आधे कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया। भारत में तो यह संख्या 90% तक पहुँच चुकी है। वहीं अब मेटा (Meta) कंपनी ने भी अपने कर्मचारियों का लेऑफ शुरू कर दिया है और अब तक 11,000 कर्मचारी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं। अब ऐमज़ॉन (Amazon) से भी इस तरह की खबरें आ रही हैं जहाँ पूरे रोबॉटिक्स विभाग को पिंक स्लिप धरा दी गई है। भारत में edtech क्षेत्र की बड़ी कंपनी बायजूस ने भी छँटनी की घोषणा कर दी है। 

कंपनियाँ जिन्होंने की हायरिंग फ्रीज 

जहाँ एक ओर छंटनी का तांता बंधा हुआ है तो बहुत सी कंपनियाँ ऐसी हैं जिन्होंने नई नियुक्तियाँ करना बंद कर दिया है यानी हायरिंग फ्रीज कर दी है। मौजूदा नौकरी खोने के बाद नई नौकरी के आसार कम होते चले जा रहे हैं ऐसे में कर्मचारियों को आपदा की स्थिति के लिए तैयार होना जरूरी है। यदि आपको भी नौकरी जाने का डर है तो जानिए Financial Planning Tips के बारे में । 

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इमरजेंसी फंड कैसे बनाएँ 

कर्मचारियों को चाहिए कि अपने लिए मुश्किल समय की तैयारी करें। इसलिए इमरजेंसी फंड बनाना बहुत जरूरी है। यह इमरजेंसी फंड बचत खाते जैसे आसानी से पैसे निकाले जाने वाली जगह बनाना चाहिए। इस फंड से अगली नौकरी तक खर्च चलाया जा सकेगा। 

हेल्थ इन्श्योरेंस 

सबसे पहले तो सभी कर्मचारियों को अपने हेल्थ इंश्योरेंस पर ध्यान देना चाहिए, यदि उन्होंने नहीं करवाया है तो तुरंत करवा लेना अच्छा होगा। नौकरी चली जाने पर इंश्योरेंस से फायदा तो नहीं मिल सकेगा लेकिन स्वास्थ्य से संबंधी इमरजेंसी आ गई तो मामला बहुत गंभीर हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि वे अपनी वित्तीय स्थिति को और अधिक न बिगड़ने दें और पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस करवा लें। 

नए ऋण ना ले (Avoid Loans) 

नौकरी खो देने के बाद सबसे पहला काम यह करना चाहिए कि नए कर्ज न लिए जाएँ। पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर उधार लेना एक आम आदत देखी गई है लेकिन इस तरह के शॉर्ट टर्म क़र्ज़ पर ब्याज की दर बहुत अधिक होती है। 

बचत और इन्वेस्टमेंट को रोकें 

नौकरीपेशा लोग अपनी कमाई सेविंग और इन्वेस्टमेंट में काफी खर्च करते हैं। अलग-अलग इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट द्वारा खाते से पैसे अपने आप काट के निवेश किए जाते हैं। लेकिन जब नौकरी हाथ में न हो तब इस तरह के निवेश करना मुश्किल होगा इसलिए इन्वेस्टमेंट को बंद किया जा सकता है। 

बजट का ध्यान रखें 

मुश्किल के समय में बजट बनाकर अपने पैसे का समुचित उपयोग करना समझदारी का काम होगा। इसलिए अपने मासिक खर्च को नियंत्रण में रखें। होटलों में खाना या सिनेमा देखने जैसे खर्चों में कटौती की जा सकती है। बजट बनाकर उनके अनुसार खर्च करने से सुविधा होगी। बजट बनाते समय मासिक किश्तों और अपने रोज़मर्रा के बिल का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

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