- Date : 07/06/2020
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बातचीत एक कला है।एक महिला के रूप में आपको बातचीत के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनानी होंगी जिससे कि आप बेहतर वेतन पा सकें

पिछले साल कंगना रनौत ने बॉलीवुड में कलाकारों को मिल रहे पैसे में लैंगिक भेदभाव का मुद्दा उठाया था। इस बात से विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने ठीक ही कहा था कि पैसे का निर्धारण करने वाले के काम पर निर्भर होना चाहिए न कि उसके लिंग पर। भारतीय कॉर्पोरेट जगत भी इससे अलग नहीं है और असमानता इतनी गहरी है कि महिलाओं ने इसे आदर्श मानकर स्वीकार कर लिया है। लिंग के आधार पर वेतन में होने वाले भेदभाव से जुड़ी कोई भी रिपोर्ट देख लें तो आप को पता चलेगा कि महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में कम भुगतान किया जाता है।
मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स 2018 के अनुसार, भारत में महिलाएं पुरुषों की तुलना में 20% कम पैसे कमाती हैं। अनुभव के साथ वेतन का यह अंतर बढ़ता चला जाता है। आपको यह जानकर बुरा लगेगा कि आपको पुरुष सहकर्मियों के बराबर भुगतान नहीं किया जाता, हालाँकि आप उनके बराबर ही काम करती हैं और अगर उनसे ज़्यादा नहीं तो उनके जितनी ही प्रतिभाशाली ज़रूर हैं । बदलाव लाने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने लिए सही वेतन की मांग करें। यह न केवल कॉर्पोरेट वातावरण के लिए बेहतर होगा बल्कि यह आपके स्वयं के विकास के लिए भी ज़रूरी है।
यहाँ कुछ रणनीतियों के बारे में बताया जा रहा है जिनका इस्तेमाल वेतन से जुड़ी बातचीत करते समय किया जा सकता है:
- सही समय की प्रतीक्षा करें – इंटरव्यू के दौरान भावी नियोक्ता के ऑफर का इंतजार करना बेहतर रहता है।अपनी तरफ से वेतन के बारे में कोई भी बात उसके बाद ही शुरू करनी चाहिए।इससे आप की छवि एक समझदार व्यक्ति की बनेगी और आपको एक बढ़त मिलेगी।यदि नौकरी देने वाला व्यक्ति इंटरव्यू से पहले आपकी अपेक्षाएँ पूछता है, तो कहें कि इस बारे में आपकी सोच बहुत उदार है और आप कुछ भी तय करने से पहले अपने काम के बारे में जानना चाहेंगी।
- भूमिका का मूल्यांकन करें – इंटरव्यू के लिए जाने से पहले नौकरी के बारे में पूरी जानकारी लें। इससे आपको पता चलेगा कि आपको क्या काम करना होगा। आप आंकलन कर पाएंगी कि आपकी योग्यता नौकरी की ज़रूरतों से मेल खाती है या नहीं। एक बार आपको नौकरी के बारे में पूरी समझ हो जाए तो आप भविष्य में विकास की संभावनाओं के बारे में जानकारी ले सकती हैं। आप वार्षिक वृद्धि, स्टॉक आप्शन, पदोन्नति, और दूसरे फायदों के बारे में भी पूछ सकती हैं।
- खुले दिमाग से बातचीत करें – ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को ज़्यादा मिलनसार होना चाहिए। हो सकता है कि आपको पैसे की मांग करना अच्छा न लगता हो लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं है। आपको जो उचित लगता है उतने पैसे मांगना पूरी तरह सही है। कम पैसे पर काम करने के लिए तैयार होकर बाद में परेशान होने से बेहतर है कि इसी समय सही पैसे की बातचीत कर लें। अपने दिमाग में इस को लेकर एक योजना तैयार करने जाने से आपको ज़्यादा आत्मविश्वास मिलेगा।
- जानकारी जुटा कर जाएं – अपनी तरफ से नौकरी की तनख्वाह बताने से पहले बाजार के बारे में जानकारी कर लें। पता करें कि आपकी ही जैसी योग्यता वाले दूसरे लोगों को इसी तरह की नौकरी में कितने पैसे मिल रहे हैं। एक बार जब आपके पास ये आंकड़े होंगे तो आप बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आप वेतन के रूप में एक ख़ास राशि क्यों मांग रही हैं। अगर आप खुद की कीमत पहचानेंगी तो उसका नौकरी देने वाले पर भी सकारात्मक प्रभाव पडेगा।
- एचआर के साथ बात करें – यदि आपको कोई ऑफर मिला है तो जाहिर है कि कंपनी आपको काम पर रखना चाहती है। आपको एचआर को अपने पक्ष में लाना होगा। उन्हें बताएं कि आप ऑफर की गई नौकरी से खुश हैं और टीम में शामिल होना चाहती हैं। संभावना है कि काम पर रखने वाले प्रबंधक ने कई उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेने के बाद ही आपको चुना होगा। यदि ऑफर आपकी अपेक्षा से मेल नहीं खाता तो विनम्रता से अपनी बात रखें कि क्या इस मामले में कुछ किया जा सकता है।
- समझौते के लिए तैयार रहें – खुले दिमाग से सोचें और खुद को किसी निश्चित राशि तक सीमित न रखें। देखें किक्या इसका कोई विकल्प हो सकता है और यदि विकल्प सही लगे तो ऑफर मान लें। यदि कोई विकल्प काम नहीं करे तो विनम्रता से मना कर दें। बातचीत को एक सकारात्मक मोड़ पर खत्म करें और कहें कि अगर भविष्य में कोई बेहतर संभावना बनती है तो आप उनके साथ काम करना चाहेंगीं।
ज़्यादा वेतन मांगने को लेकर कभी भी शर्मिंदा होने की ज़रूरत नहीं है। दोहराएं कि आप संगठन के साथ काम करने की इच्छुक हैं और नौकरी को लेकर उत्साहित हैं। ध्यान रखें कि आपकी मांगें आपकी जिम्मेदारियों और योग्यता के हिसाब से होनी चाहिए। हालांकि, स्थिति का आंकलन करें और समझने की कोशिश करें कि संगठन आपको नौकरी पर रखने के लिए क्या करने को तैयार है। जब आप उनकी प्राथमिकताओं पर ध्यान लगाती हैं, तो एक सकारात्मक परिणाम आने की ज़्यादा उम्मीद होती है। शुभकामनाएं!
पिछले साल कंगना रनौत ने बॉलीवुड में कलाकारों को मिल रहे पैसे में लैंगिक भेदभाव का मुद्दा उठाया था। इस बात से विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने ठीक ही कहा था कि पैसे का निर्धारण करने वाले के काम पर निर्भर होना चाहिए न कि उसके लिंग पर। भारतीय कॉर्पोरेट जगत भी इससे अलग नहीं है और असमानता इतनी गहरी है कि महिलाओं ने इसे आदर्श मानकर स्वीकार कर लिया है। लिंग के आधार पर वेतन में होने वाले भेदभाव से जुड़ी कोई भी रिपोर्ट देख लें तो आप को पता चलेगा कि महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में कम भुगतान किया जाता है।
मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स 2018 के अनुसार, भारत में महिलाएं पुरुषों की तुलना में 20% कम पैसे कमाती हैं। अनुभव के साथ वेतन का यह अंतर बढ़ता चला जाता है। आपको यह जानकर बुरा लगेगा कि आपको पुरुष सहकर्मियों के बराबर भुगतान नहीं किया जाता, हालाँकि आप उनके बराबर ही काम करती हैं और अगर उनसे ज़्यादा नहीं तो उनके जितनी ही प्रतिभाशाली ज़रूर हैं । बदलाव लाने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने लिए सही वेतन की मांग करें। यह न केवल कॉर्पोरेट वातावरण के लिए बेहतर होगा बल्कि यह आपके स्वयं के विकास के लिए भी ज़रूरी है।
यहाँ कुछ रणनीतियों के बारे में बताया जा रहा है जिनका इस्तेमाल वेतन से जुड़ी बातचीत करते समय किया जा सकता है:
- सही समय की प्रतीक्षा करें – इंटरव्यू के दौरान भावी नियोक्ता के ऑफर का इंतजार करना बेहतर रहता है।अपनी तरफ से वेतन के बारे में कोई भी बात उसके बाद ही शुरू करनी चाहिए।इससे आप की छवि एक समझदार व्यक्ति की बनेगी और आपको एक बढ़त मिलेगी।यदि नौकरी देने वाला व्यक्ति इंटरव्यू से पहले आपकी अपेक्षाएँ पूछता है, तो कहें कि इस बारे में आपकी सोच बहुत उदार है और आप कुछ भी तय करने से पहले अपने काम के बारे में जानना चाहेंगी।
- भूमिका का मूल्यांकन करें – इंटरव्यू के लिए जाने से पहले नौकरी के बारे में पूरी जानकारी लें। इससे आपको पता चलेगा कि आपको क्या काम करना होगा। आप आंकलन कर पाएंगी कि आपकी योग्यता नौकरी की ज़रूरतों से मेल खाती है या नहीं। एक बार आपको नौकरी के बारे में पूरी समझ हो जाए तो आप भविष्य में विकास की संभावनाओं के बारे में जानकारी ले सकती हैं। आप वार्षिक वृद्धि, स्टॉक आप्शन, पदोन्नति, और दूसरे फायदों के बारे में भी पूछ सकती हैं।
- खुले दिमाग से बातचीत करें – ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को ज़्यादा मिलनसार होना चाहिए। हो सकता है कि आपको पैसे की मांग करना अच्छा न लगता हो लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं है। आपको जो उचित लगता है उतने पैसे मांगना पूरी तरह सही है। कम पैसे पर काम करने के लिए तैयार होकर बाद में परेशान होने से बेहतर है कि इसी समय सही पैसे की बातचीत कर लें। अपने दिमाग में इस को लेकर एक योजना तैयार करने जाने से आपको ज़्यादा आत्मविश्वास मिलेगा।
- जानकारी जुटा कर जाएं – अपनी तरफ से नौकरी की तनख्वाह बताने से पहले बाजार के बारे में जानकारी कर लें। पता करें कि आपकी ही जैसी योग्यता वाले दूसरे लोगों को इसी तरह की नौकरी में कितने पैसे मिल रहे हैं। एक बार जब आपके पास ये आंकड़े होंगे तो आप बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आप वेतन के रूप में एक ख़ास राशि क्यों मांग रही हैं। अगर आप खुद की कीमत पहचानेंगी तो उसका नौकरी देने वाले पर भी सकारात्मक प्रभाव पडेगा।
- एचआर के साथ बात करें – यदि आपको कोई ऑफर मिला है तो जाहिर है कि कंपनी आपको काम पर रखना चाहती है। आपको एचआर को अपने पक्ष में लाना होगा। उन्हें बताएं कि आप ऑफर की गई नौकरी से खुश हैं और टीम में शामिल होना चाहती हैं। संभावना है कि काम पर रखने वाले प्रबंधक ने कई उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेने के बाद ही आपको चुना होगा। यदि ऑफर आपकी अपेक्षा से मेल नहीं खाता तो विनम्रता से अपनी बात रखें कि क्या इस मामले में कुछ किया जा सकता है।
- समझौते के लिए तैयार रहें – खुले दिमाग से सोचें और खुद को किसी निश्चित राशि तक सीमित न रखें। देखें किक्या इसका कोई विकल्प हो सकता है और यदि विकल्प सही लगे तो ऑफर मान लें। यदि कोई विकल्प काम नहीं करे तो विनम्रता से मना कर दें। बातचीत को एक सकारात्मक मोड़ पर खत्म करें और कहें कि अगर भविष्य में कोई बेहतर संभावना बनती है तो आप उनके साथ काम करना चाहेंगीं।
ज़्यादा वेतन मांगने को लेकर कभी भी शर्मिंदा होने की ज़रूरत नहीं है। दोहराएं कि आप संगठन के साथ काम करने की इच्छुक हैं और नौकरी को लेकर उत्साहित हैं। ध्यान रखें कि आपकी मांगें आपकी जिम्मेदारियों और योग्यता के हिसाब से होनी चाहिए। हालांकि, स्थिति का आंकलन करें और समझने की कोशिश करें कि संगठन आपको नौकरी पर रखने के लिए क्या करने को तैयार है। जब आप उनकी प्राथमिकताओं पर ध्यान लगाती हैं, तो एक सकारात्मक परिणाम आने की ज़्यादा उम्मीद होती है। शुभकामनाएं!