- Date : 18/06/2021
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स्कोप, सिक्यूरिटी, स्पीड. कौन सा पेमेंट सिस्टम इस्तेमाल करना है, यह तय करते समय कई बातों पर विचार किया जाना चाहिए.

पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने डिजिटल पेमेंट के अलग-अलग विकल्पों की शुरुआत के साथ कैशलैस इकॉनमी की दिशा में शानदार प्रगति की है. एनएफसी और यूपीआई दो सबसे लोकप्रिय विकल्प बनकर उभरे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के इस समय में रिटेल कंसम्पशन इकोसिस्टम को बनाए रखने में इन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आइए देखें कि दोनों कॉन्टेक्टलैस पेमेंट सिस्टम कैसे काम करते हैं और एक के बजाय दूसरे का इस्तेमाल कब कर सकते हैं.
एनएफसी क्या है?
जो डिवाइस एक-दूसरे के आसपास हैं (आमतौर पर लगभग 4 सेमी) उनके बीच फील्ड कम्युनिकेशन या एनएफसी इनेबल्ड वायरलैस डेटा ट्रांसमिशन. एनएफसी पेमेंट सिस्टम दो डिवाइसों - रीडर और भुगतान डिवाइस - के बीच कॉन्टेक्टलैस कनेक्शन बनाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल करते हैं लगभग तुरंत ट्रांसेक्शन पूरा करने के लिए.
एनएफसी टेक्नोलॉजी को पहले से इंस्टॉल किए गए एनएफसी-इनेबल्ड स्मार्टफोन ऐप जैसे कि एंड्रॉइड पे, ऐप्पल पे या सैमसंग पे के साथ-साथ एनएफसी पेमेंट सर्विस ऐप वाले ई-वॉलेट जैसे गूगल पे, पेटीएम, वीज़ा पेवेव, पेपाल आदि के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. ऐप अनलॉक होने के बाद, ग्राहक पॉइंट-ऑफ-सेल्स टर्मिनल पर 'टैप-एंड-पे' से खरीदारी कर सकते हैं.
इसके साथ ही, सभी बड़े बैंकों ने एनएफसी-इनेबल्ड मैग्नेटिक स्ट्रिप या चिप कार्ड की सुविधा देने के लिए अपने कार्ड पेमेंट सिस्टम में फिर से बदलाव किया है जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता पुराने तरीकों जैसे डिप या स्वाइप करने के बजाय, पॉइंट-ऑफ़-सेल्स पर अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को टैप करके कॉन्टेक्टलैस पेमेंट कर सकते हैं. इससे कार्ड किसी और के हाथों में देने की आवश्यकता नहीं रहती.
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यूपीआई क्या है?
युनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई एक मोबाइल पेमेंट तकनीक है जिससे आप सिर्फ एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (यूपीआई आईडी) या आपके बैंक-रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके सभी बुनियादी बैंकिंग ट्रांसेक्शन कर सकते हैं.
यूपीआई सिस्टम,जिसे नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया(एनपीसीआई) द्वारा आरबीआई और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ विकसित किया गया है, आपका खाता नंबर या ब्रांच आईएफएससी जैसी बैंक जानकारी को याद (या उजागर) किए बिना सीधे बैंक-टू-बैंक ट्रांसफर करने के लिए आईएमपीएस नेटवर्क का इस्तेमाल करता है.
बैंक-आधारित यूपीआई का इस्तेमाल करने के अलावा, उपयोगकर्ता गूगल पे, पेटीएम, अमेज़ॅन पे, फोनपे, फ्रीचार्ज, मोबिक्विक, जैसे यूपीआई भुगतान ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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आपको कौन सा पेमेंट सिस्टम इस्तेमाल करना चाहिए?
यहां कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन सिस्टम की अलग-अलग विशेषताओं और किस स्थिति में किस पेमेंट मोड को चुनना है, इस बारे में बताया गया है.
- वर्सेटिलिटी: यूपीआई का इस्तेमाल लोगों और व्यापारों के साथ पेमेंट और रिसीप्ट के लिए किया जा सकता है, जबकि एनएफसी को एक पैसिव सिस्टम माना जाता है और इसका इस्तेमाल सिर्फ़ मर्चेंट पेमेंट करने के लिए किया जा सकता है.
- स्कोप: एनएफसी बहुत सीमित दायरे में काम करता है, इसलिए इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यक्तिगत लेनदेन के लिए ही किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर, यूपीआई का इस्तेमाल दूर के ट्रांसेक्शन के लिए भी किया जा सकता है.
- सिक्यूरिटी: यूपीआई को ऐप लेवल (ऐप कोड) और पेमेंट लेवल (यूपीआई कोड) पर मल्टीपल फैक्टर ऑथराइजेशन की ज़रूरत होती है. इसे एनएफसी की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसके लिए सिर्फ़ फोन और ऐप को अनलॉक करने या फिज़िकल पेमेंट कार्ड दिखाने की ज़रूरत होती है.
- स्पीड: अगर आप किसी मर्चेंट स्टोर में हैं और आपको बहुत जल्दी हैं, तो एनएफसी पेमेंट करना सबसे बेहतर होगा क्योंकि इसमें सिर्फ़ कुछ सेकंड लगते हैं. यूपीआई ट्रांसेक्शन के लिए आपको पेई/रेसिपिएंट की यूपीआई आईडी को फीड करना होगा और उसे कन्फर्म करना होगा, अमाउंट भरना होगा और ट्रांसेक्शन को ऑथराइज़ करना होगा. इसमें बहुत समय लग सकता है.
- पेमेंट लिमिट: एनएफसी का इस्तेमाल सिर्फ़ 5000 रुपये तक के छोटे ट्रांसेक्शन करने के लिए किया जा सकता है, जबकि यूपीआई की पेमेंट लिमिट 1 लाख रुपये से ज़्यादा है.
क्या आप जानते हैं कि कॉन्टैक्टलेस क्रेडिट कार्ड क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं?