Pehli naukri ke saath bachat aur nivesh kaise shuru karein

पहली नौकरी से ही बचत, निवेश शुरू करने के बारे में सबकुछ जानिए।

पहली सैलरी से ही बचत, निवेश शुरू कर दें, सारे सपने पूरे होंगे

पहली सैलरी, मतलब खुशियों का खजाना, परिवार के साथ पार्टी, दोस्त-रिश्तेदार के साथ जश्न। कुल मिलाकर कहें तो केवल खर्च ही खर्च। ऊपर से लोन पर घर, गाड़ी लेने के सपने। क्यों, सच है ना। वैसे तो ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन, भविष्य में अपनी खुशियों को डबल करने के बारे में भी हम पहली सैलरी से ही सोचना शुरू कर दें, तो बेहतर रहेगा। इसके लिए आपको क्या क्या करना है, यहां विस्तार से पढ़ें। 

सबसे पहले खुद को सैलरी दें यानी बचत करें। सैलरी मिलते ही बचत पहले करें, बचत के बाद जो बचे उसको खर्च करें। हममें से ज्यादातर लोग पहले खर्च करते हैं, बाद में बचाने की सोचते हैं। सैलरी का कम से कम 10-20% तो बचत करनी ही चाहिए। बचत को घर में मत रखें, उसे सुरक्षित और बेहतर रिटर्न देने वाले निवेश साधन में लगाएं। 

बचाए पैसों को एक जगह इंवेस्ट करने के बदले अलग अलग जगह पर निवेश करें। एफडी, शेयर,  म्युचुअल फंड के अलावा रियल स्टेट और दूसरे निवेश साधनों में भी पैसे लगाएं। हर महीने ₹500 निवेश करके भी लंबी अवधि या रिटायरमेंट के समय तक अच्छा खासा पैसा जमा कर सकते हैं। एक उदाहरण से ₹500 प्रति माह निवेश का वैल्यू समझिये-20 साल के लिए ₹500 प्रति माह निवेश करके (सालाना 10% रिटर्न के हिसाब से) आप ₹3.8 लाख तक पा सकते हैं। 

इसके बाद घर का बजट और पैसों से जुड़ी भविष्य की योजना बनाएं। बजट आपके खर्च को प्‍लान करने में मदद करेगा। हर महीने की सैलरी को कैलकुलेट करें। जरूरी चीजों जैसे कि घर का रेंट, कार और बाइक की ईएमआई, खाने का खर्च सबकी सूची पहले से बनाकर रखें। इससे खर्च और आमदनी को समझने में मदद मिलेगी, साथ ही इससे अनावश्‍यक चीजों की लिस्‍ट भी कम होगी। इसके अलावा, अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्य के बारे में भी सोचें। लक्ष्य के हिसाब से पैसा बचाना और उसे अलग अलग निवेश साधनों में निवेश करें। बजट से अलग खर्च करने से बचें। 

तीसरा काम जो आपको करना है वह है पैसों के मैनेजमेंट से जुड़ी अच्छी आदत विकसित करें। पहली सैलरी से ही पैसों के खर्च, बचत, निवेश को लेकर अच्छी आदत विकसित करें। जितनी मर्जी हो खर्च करें, लेकिन फालतू के खर्च आपकी आदत बन जाएं, उससे पहले भविष्‍य के लिए बचत करना शुरू कर दें। दूसरों का चुकता करने से पहले खद का चुकता करें यानी हर हाल में पहले बचत करें। 

इसके अलावा, आपको इमरजेंसी फंड भी अलग से रखना चाहिए। जीवन में कुछ ऐसा घट जाता है, जिसका इंसान अनुमान नहीं लगा पाता है, उसके लिए कुछ पैसे पहले से ही बचा कर रखना चाहिए। हो सकता है अचानक नौकरी चली जाए, दुर्घटना हो जाए या फिर गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाएं, ऐसे में इमरजेंसी फंड मदद करेगा। इमरजेंसी फंड में कम से कम 6 महीने से लेकर एक साल के खर्च के बराबर पैसे होने चाहिए। 

अधिकतर लोग नौकरी लगते हीं क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं। बैंक भी क्रेडिट कार्ड के लिए पीछे पड़ जाते हैं। क्रेडिट कार्ड से फिजूलखर्ची की संभावना रहती है। कई बार बिना सोचे-समझे खर्च कर देते हैं, फिर पैसा नहीं चुका पाते हैं। ऐसे में क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, जिससे बाद में बैंक लोन नहीं देते हैं। ऐसे में अच्छा क्रेडिट स्कोर पर फोकस करना चाहिए। 

नौकरी करने के साथ ही कुछ नए नियम, कानून से सामना होता है। उसमें एक है इनकम टैक्स। हमारी इनकम में से सरकार अपना हिस्सा लेती है, जो इनकम टैक्स के रूप में लिया जाता है। अगर इनकम टैक्स ना भी चुकायें, तो भी आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरना मत भूलें। आइटीआर भरने से कई फायदे मिलते हैं। 

इसके अलावा, लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इश्योरेंस लेना मत भूलें। इंश्योरेंस आज के समय में जरूरी चीज है। ये हमें और हमारी फैमिली को संकट के समय सुरक्षा प्रदान करता है। अगर गाड़ी है तो ऑटो इंश्योरेंस लेना मत भूलें। 

इन सबके अलावा, पहली नौकरी से ही रिटायरमेंट के लिए प्‍लान शुरू कर दें तो अच्छा रहेगा। कंपनी या सरकार ईपीएफ स्‍कीम का फायदा देती है तो ठीक है, नहीं तो पीपीएफ, एफडी, नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस या दूसरे निवेश साधन में खुद ही निवेश शुरू कर दें। अटल पेंशन योजना में पैसे लगाकर रिटायरमेंट के बाद हर महीने ₹5000 तक पेंशन पाने का फायदा उठा सकते हैं। 

संवादपत्र

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