Pradhan Mantri Swanidhi Yojana helps in the livelihood of the people affected by the pandemic!

केंद्र सरकार की जनधन, मुद्रा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम स्वनिधि जैसी योजनाएं लोगों की कितनी मदद करती हैं!

आम लोगों के लिए सामाजिक सुरआम लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएंक्षा योजनाएं

Social Security Schemes: भारत सरकार द्वारा हमेशा से अनेक योजनाएं चलाई जाती रही हैं, जिनका उद्देश्य लोगों की मदद करना और देश की प्रगति रहा है। वर्तमान समय में भी केंद्र सरकार जन साधारण के लाभ के लिए कई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चला रही हैं। अब सरकार इन योजनाओं की समीक्षा करना चाहती है, जिससे पता चल सके कि लोगों को इन योजनाओं से कितना लाभ हो रहा है। वित्त मंत्रालय ने जनधन मुद्रा लोन, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम स्वनिधि सहित अलग-अलग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई है।

खबरों के अनुसार वित्त मंत्रालय, 19 जनवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों) के साथ बैठक करेगा। बैठक में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए लागू योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठ में प्रधानमंत्री जन धन योजना की समीक्षा करने के अलावा, रेहड़ी पटरी वालों के लिये प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की भी समीक्षा की जाएगी। सरकार ने इस योजना को दिसंबर 2024 तक विस्तारित कर दिया है।

कोरोना महामारी से प्रभावित हुए रेहड़ी लगाने वालों को आजीविका के साधन जुटाने में मदद करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने एक जून 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना आरंभ की थी। इस योजना के अंतर्गत बहुत कम ब्याज पर 10,000 रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की बैठक

सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के लक्ष्यों और अब तक प्राप्त उपलब्धियों की भी समीक्षा की जाएगी। सरकार ने पिछले साल पीएमजेजेबीआई और पीएमएसबीआई जैसी अपनी प्रमुख बीमा योजनाओं को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए उनका प्रीमियम बढ़ाया था। इसके अलावा मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना की भी समीक्षा की जाने की संभावना है। 2015 में गैर-औद्योगिक, गैर-कृषि लघु या सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लागू की गई थी। समीक्षा के बाद ही पता चलेगा कि ये योजनाएं अपने उद्देश्य में कितनी सफल रही हैं।

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संवादपत्र

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