- Date : 21/09/2022
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रेपो रेट में वृद्धि के कारण उससे लिंक्ड होम लोन के ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हुई है।

How to reduce Home Loan EMI: कई दशकों से होम लोन पर ब्याज की दरें बहुत कम रहीं। मगर, अब भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया है, और इस कारण होम लोन की ब्याज दरें एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं। बैंकबाज़ार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार आप ब्याज दर में वृद्धि को रोक नहीं सकते हैं, पर उसके भार को संभाल सकते हैं।
अक्टूबर 2019 के बाद से जारी किए गए नए होम लोन, रेपो रेट से लिंक्ड हैं। इसका मतलब यह है कि रेपो रेट में जब भी संशोधन किया जाएगा, होम लोन को भी संशोधित किया जाएगा, और ऐसा खास तौर पर एक तिमाही में एक बार किया जाएगा। आमतौर पर, दर में परिवर्तन से अवधि को समायोजित कर दिया जाता है। ऐसे में नया ऋण लेनेवालों के लिए, दर बढ़ने से लोन की समय सीमा बढ़ जाती है। अब तक रेपो रेट में कुल 140 आधार अंकों की बढ़ोतरी की जा चुकी है और अक्टूबर में इसके और भी बढ़ने की संभावना है। इससे नए ऋण लेनेवालों को दर्जनों और ईएमआई का भुगतान करना होगा।
चुकौती को आसान बनाने और दर में परिवर्तन को प्रबंधित करने के लिए, बैंक आमतौर पर रेट में बदलाव के समय ईएमआई में बदलाव नहीं करते हैं। केवल समय सीमा में बदलाव कर दिया जाता है। इस तरह आपको वित्तीय बोझ का एहसास नहीं होता है और अतिरिक्त ब्याज का भुगतान लंबी अवधि में किया जाता है ताकि आपकी ईएमआई स्थिर रहे। हालांकि, ऐसी बढ़ोतरी के बाद आप भी आप अपने ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।
यह भी पढ़ें: लोन अगेस्न्ट प्रॉपर्टी
होम लोन से जल्दी मुक्त होने के उपाय
ईएमआई के बोझ को घटाने के लिए प्री-पेमेंट यानी पूर्व भुगतान करें। पूर्व भुगतान, लोन चुकाने की अवधि, बकाया मूल रकम और पूरे समय के ब्याज के भुगतान को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आप अपने लोन का भुगतान करने के लिए वेतनवृद्धि, बोनस या अचानक मिलने वाली किसी अन्य रकम का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, आपका नियमित ईएमआई भुगतान भी जारी रहता है। होम-लोन के पूर्व भुगतान से आप अपने लोन का आंशिक भुगतान कर सकते हैं या लोन सर्विस अवधि में पूरी तरह से लोन चुका सकते हैं।
अगर आपकी लोन अवधि हाल में शुरू हुई है, तो हर वर्ष अपने कुल बकाया लोन के 5% के बराबर की राशि का भुगतान करके, लोन को कम करने के व्यवस्थित तरीके को अपना सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपका लोन 20 वर्ष के लिए है, तो समान ब्याज दर पर अपनी बकाया राशि के कम से कम 5% का पूर्व भुगतान करने से आपकी लोन अवधि कम हो कर 12 वर्ष की रह जाएगी। नियमित ईएमआई के भुगतान से आप अपने लोन के दो तिहाई का भुगतान कर सकेंगे।
इसके अलावा अगर आपकी वित्तीय स्थिति के हिसाब संभव है तो आप अपनी ईएमआई की रकम को बढ़ा सकते हैं। इससे आपके ब्याज भुगतान में कमी हो जाएगी। मान लीजिए कि आप 30,000 रुपए की ईएमआई भरते हैं, लेकिन आप हर महीने 40,000 रुपए का भुगतान करने का फैसला करते हैं, तो अतिरिक्त 10,000 रुपए को मूल राशि में समायोजित किया जाएगा। इससे हर महीने की ईएमआई भुगतान में तेजी आएगी और आपको जल्दी ही ऋण से मुक्ति मिल जाएगी।
आप अपनी ईएमआई को कम करने के लिए कम रेट पर दुबारा फाइनेंस भी करा सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले, उपलब्ध दरों और ऐसा करने में आनेवाली लागत की तुलना कर लें। अगर आप अपने वर्तमान ऋणदाता से ही दुबारा फाइनेंस कराते हैं, तो आपको नाममात्र की प्रोसेंसिंग फीस देनी होगी। यदि आप नए उधारदाता से रिफाइनेंस करवाते हैं, तो आपको स्टाम्प ड्यूटी चार्ज और प्रोसेंसिंग फीस का भुगतान करना होगा। इसलिए देख लें कि रिफाइनेंसिंग से वास्तव में कितनी बचत संभव है। अपने ऋण को कम करने का एक अन्य शानदार तरीका यह है कि कम रेट पर रिफाइनेंस करवाने के बाद भी आप उसी ईएमआई का भुगतान जारी रखें ताकि आप जल्दी से ऋण मुक्त हो सकें। याद रखें कि लोन अवधि के आधी बाकी रहने पर ही रिफाइनेंस से फायदा होता है।
यह भी पढ़ें: ७ सुनहरे वित्तीय नियम
Home Loan में Interest पे भारी बचत कैसे करें?
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अक्टूबर 2019 के बाद से जारी किए गए नए होम लोन, रेपो रेट से लिंक्ड हैं। इसका मतलब यह है कि रेपो रेट में जब भी संशोधन किया जाएगा, होम लोन को भी संशोधित किया जाएगा, और ऐसा खास तौर पर एक तिमाही में एक बार किया जाएगा। आमतौर पर, दर में परिवर्तन से अवधि को समायोजित कर दिया जाता है। ऐसे में नया ऋण लेनेवालों के लिए, दर बढ़ने से लोन की समय सीमा बढ़ जाती है। अब तक रेपो रेट में कुल 140 आधार अंकों की बढ़ोतरी की जा चुकी है और अक्टूबर में इसके और भी बढ़ने की संभावना है। इससे नए ऋण लेनेवालों को दर्जनों और ईएमआई का भुगतान करना होगा।
चुकौती को आसान बनाने और दर में परिवर्तन को प्रबंधित करने के लिए, बैंक आमतौर पर रेट में बदलाव के समय ईएमआई में बदलाव नहीं करते हैं। केवल समय सीमा में बदलाव कर दिया जाता है। इस तरह आपको वित्तीय बोझ का एहसास नहीं होता है और अतिरिक्त ब्याज का भुगतान लंबी अवधि में किया जाता है ताकि आपकी ईएमआई स्थिर रहे। हालांकि, ऐसी बढ़ोतरी के बाद आप भी आप अपने ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।
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होम लोन से जल्दी मुक्त होने के उपाय
ईएमआई के बोझ को घटाने के लिए प्री-पेमेंट यानी पूर्व भुगतान करें। पूर्व भुगतान, लोन चुकाने की अवधि, बकाया मूल रकम और पूरे समय के ब्याज के भुगतान को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आप अपने लोन का भुगतान करने के लिए वेतनवृद्धि, बोनस या अचानक मिलने वाली किसी अन्य रकम का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, आपका नियमित ईएमआई भुगतान भी जारी रहता है। होम-लोन के पूर्व भुगतान से आप अपने लोन का आंशिक भुगतान कर सकते हैं या लोन सर्विस अवधि में पूरी तरह से लोन चुका सकते हैं।
अगर आपकी लोन अवधि हाल में शुरू हुई है, तो हर वर्ष अपने कुल बकाया लोन के 5% के बराबर की राशि का भुगतान करके, लोन को कम करने के व्यवस्थित तरीके को अपना सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपका लोन 20 वर्ष के लिए है, तो समान ब्याज दर पर अपनी बकाया राशि के कम से कम 5% का पूर्व भुगतान करने से आपकी लोन अवधि कम हो कर 12 वर्ष की रह जाएगी। नियमित ईएमआई के भुगतान से आप अपने लोन के दो तिहाई का भुगतान कर सकेंगे।
इसके अलावा अगर आपकी वित्तीय स्थिति के हिसाब संभव है तो आप अपनी ईएमआई की रकम को बढ़ा सकते हैं। इससे आपके ब्याज भुगतान में कमी हो जाएगी। मान लीजिए कि आप 30,000 रुपए की ईएमआई भरते हैं, लेकिन आप हर महीने 40,000 रुपए का भुगतान करने का फैसला करते हैं, तो अतिरिक्त 10,000 रुपए को मूल राशि में समायोजित किया जाएगा। इससे हर महीने की ईएमआई भुगतान में तेजी आएगी और आपको जल्दी ही ऋण से मुक्ति मिल जाएगी।
आप अपनी ईएमआई को कम करने के लिए कम रेट पर दुबारा फाइनेंस भी करा सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले, उपलब्ध दरों और ऐसा करने में आनेवाली लागत की तुलना कर लें। अगर आप अपने वर्तमान ऋणदाता से ही दुबारा फाइनेंस कराते हैं, तो आपको नाममात्र की प्रोसेंसिंग फीस देनी होगी। यदि आप नए उधारदाता से रिफाइनेंस करवाते हैं, तो आपको स्टाम्प ड्यूटी चार्ज और प्रोसेंसिंग फीस का भुगतान करना होगा। इसलिए देख लें कि रिफाइनेंसिंग से वास्तव में कितनी बचत संभव है। अपने ऋण को कम करने का एक अन्य शानदार तरीका यह है कि कम रेट पर रिफाइनेंस करवाने के बाद भी आप उसी ईएमआई का भुगतान जारी रखें ताकि आप जल्दी से ऋण मुक्त हो सकें। याद रखें कि लोन अवधि के आधी बाकी रहने पर ही रिफाइनेंस से फायदा होता है।
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