- Date : 22/04/2023
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Unsecured Bank Loans: असुरक्षित लोन ज्यादातर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड होते है, जिनके लिए कोई कॉलेटरल नहीं कैरी किया जाता है और इसमें ज्यादा जोखिम की संभावनाएं होती हैं।

Unsecured Bank Loans: केंद्रीय बैंक, यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बीते 3 महीनों में हुई बैठकों में उधारदाताओं को बढ़ती ब्याज दरों और उच्च मुद्रास्फीति के बीच असुरक्षित लोन को लेकर बैंकों को जोखिम के बारे में चेतावनी दी है। इसके बारे में 4 प्रमुख बैंकों के सूत्रों ने बताया है। जनवरी में क्रेडिट कार्ड से जुड़े बैंकों के बकाया 1.87 लाख करोड़ रुपये (22.77 अरब डॉलर) थे। भारतीय रिजर्व बैंक के लेटेस्ट डेटा की मानें तो एक साल पहले यह बकाया 1.53 ट्रिलियन रुपये था।
एक प्राइवेट बैंक के सीनियर अधिकारी का कहना है कि असुरक्षित ऋण (Unsecured Loan) से होने वाले रिस्क पर आरबीआई के रडार पर है और आरबीआई निजी तौर पर बैंकों को इस तरह के जोखिमों के प्रति आगाह करता रहा है। साथ ही बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे इससे जुड़े नियम कड़ा करें। क्रेडिट से जुड़ी जानकारी देने वाले सिबिल (CIBIL) से मिली और आरबीआई द्वारा पब्लिश हालिया आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2022 के अंत तक सभी प्रोडक्ट कैटिगरी में कुल कस्टमर लोन में अपराध का स्तर सरकारी बैंकों के लिए 4.3 पर्सेंट और प्राइवेट बैंकों के लिए 1.5% पर्सेंट था। एक साल पहले यह क्रमशः 4.8 पर्सेंट और 2.4% पर्सेंट था।
बैंकरों की मानें तो आरबीआई को चिंता है कि ब्याज दरों में तेजी से इसे और नुकसान पहुंच सकता है। आपको बता दें कि भारत की दर-निर्धारण मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए पिछले साल मई से रेपो दर में कुल 250 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी हुई है। इसने इसी अवधि में बैंकों की वेटेज एवरेज लैंडिंग रेट को 95 बीपीएस तक बढ़ा दिया है। भले ही एमपीसी ने इस महीने की शुरुआत में रेपो दर को 6.50% पर स्थिर रखा हो, लेकिन हालिया बैठकों में आरबीआई के सदस्यों ने मुद्रास्फीति के जोखिमों के बारे में चिंता दिखाई है।
Unsecured Bank Loans: केंद्रीय बैंक, यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बीते 3 महीनों में हुई बैठकों में उधारदाताओं को बढ़ती ब्याज दरों और उच्च मुद्रास्फीति के बीच असुरक्षित लोन को लेकर बैंकों को जोखिम के बारे में चेतावनी दी है। इसके बारे में 4 प्रमुख बैंकों के सूत्रों ने बताया है। जनवरी में क्रेडिट कार्ड से जुड़े बैंकों के बकाया 1.87 लाख करोड़ रुपये (22.77 अरब डॉलर) थे। भारतीय रिजर्व बैंक के लेटेस्ट डेटा की मानें तो एक साल पहले यह बकाया 1.53 ट्रिलियन रुपये था।
एक प्राइवेट बैंक के सीनियर अधिकारी का कहना है कि असुरक्षित ऋण (Unsecured Loan) से होने वाले रिस्क पर आरबीआई के रडार पर है और आरबीआई निजी तौर पर बैंकों को इस तरह के जोखिमों के प्रति आगाह करता रहा है। साथ ही बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे इससे जुड़े नियम कड़ा करें। क्रेडिट से जुड़ी जानकारी देने वाले सिबिल (CIBIL) से मिली और आरबीआई द्वारा पब्लिश हालिया आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2022 के अंत तक सभी प्रोडक्ट कैटिगरी में कुल कस्टमर लोन में अपराध का स्तर सरकारी बैंकों के लिए 4.3 पर्सेंट और प्राइवेट बैंकों के लिए 1.5% पर्सेंट था। एक साल पहले यह क्रमशः 4.8 पर्सेंट और 2.4% पर्सेंट था।
बैंकरों की मानें तो आरबीआई को चिंता है कि ब्याज दरों में तेजी से इसे और नुकसान पहुंच सकता है। आपको बता दें कि भारत की दर-निर्धारण मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए पिछले साल मई से रेपो दर में कुल 250 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी हुई है। इसने इसी अवधि में बैंकों की वेटेज एवरेज लैंडिंग रेट को 95 बीपीएस तक बढ़ा दिया है। भले ही एमपीसी ने इस महीने की शुरुआत में रेपो दर को 6.50% पर स्थिर रखा हो, लेकिन हालिया बैठकों में आरबीआई के सदस्यों ने मुद्रास्फीति के जोखिमों के बारे में चिंता दिखाई है।