- Date : 28/04/2023
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RBI On Bank Crisis: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि भारतीय बैंक गंभीर संकट में भी पूंजी पर्याप्तता (Capital Adequacy) बनाए रखने में सक्षम होंगे और ऐसे में किसी प्रकार की परेशानी से बच सकेंगे।

RBI On Bank Crisis: अमेरिका और यूरोप में बैंक संकट के बीच भारतीय बैंकों पर इसके प्रभाव को लेकर समय-समय पर खबरें चलती रहती हैं और ऐसी स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ी अच्छी बात कही है। दास ने कहा कि भारतीय बैंक फ्लेक्सिबल हैं और गंभीर संकट के समय भी पर्याप्त मात्रा में अपने पास पैसे रखेंगे। हाल ही में शक्तिकांत दास इकॉममी और फाइनैंस से जुड़े एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इंडियन बैंकिंग सिस्टम फ्लेक्सिबल है और इसपर कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई वित्तीय अस्थिरता की हालिया चिंगारी का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक भविष्य में भारतीय वित्तीय प्रणाली को प्रमाणित करने और इसके सतत विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, फाइनैंस सेक्टर में कभी भी कुछ भी हो सकता है, ऐसे में हितधारकों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने बैंकों के बिजनेस मॉडल पर और बारीकी से गौर करना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि आरबीआई गवर्नर की टिप्पणी सिलिकन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के सामने पैदा हुए स्थिति और फिर उनके पतन के कुछ हफ्ते बाद आई है, जिसके कारण अमेरिका और यूरोप में वित्तीय संकट पैदा हो गया है। दास ने यह भी कहा कि बैंकों को आक्रामक विकास रणनीति के बजाय संगठनात्मक रूप से लचीला होने की जरूरत है। गवर्नर ने बैंकों और वित्तीय निकायों को बाहरी लेखा परीक्षकों के साथ जुड़े रहने का भी सुझाव दिया। बैंकों और उनके प्रबंधन को लगातार वित्तीय जोखिमों का आकलन करना चाहिए और न्यूनतम नियामक जरूरतों से अलग बफर्स बनाना चाहिए का निर्माण करना चाहिए।
RBI On Bank Crisis: अमेरिका और यूरोप में बैंक संकट के बीच भारतीय बैंकों पर इसके प्रभाव को लेकर समय-समय पर खबरें चलती रहती हैं और ऐसी स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ी अच्छी बात कही है। दास ने कहा कि भारतीय बैंक फ्लेक्सिबल हैं और गंभीर संकट के समय भी पर्याप्त मात्रा में अपने पास पैसे रखेंगे। हाल ही में शक्तिकांत दास इकॉममी और फाइनैंस से जुड़े एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इंडियन बैंकिंग सिस्टम फ्लेक्सिबल है और इसपर कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई वित्तीय अस्थिरता की हालिया चिंगारी का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक भविष्य में भारतीय वित्तीय प्रणाली को प्रमाणित करने और इसके सतत विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, फाइनैंस सेक्टर में कभी भी कुछ भी हो सकता है, ऐसे में हितधारकों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने बैंकों के बिजनेस मॉडल पर और बारीकी से गौर करना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि आरबीआई गवर्नर की टिप्पणी सिलिकन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के सामने पैदा हुए स्थिति और फिर उनके पतन के कुछ हफ्ते बाद आई है, जिसके कारण अमेरिका और यूरोप में वित्तीय संकट पैदा हो गया है। दास ने यह भी कहा कि बैंकों को आक्रामक विकास रणनीति के बजाय संगठनात्मक रूप से लचीला होने की जरूरत है। गवर्नर ने बैंकों और वित्तीय निकायों को बाहरी लेखा परीक्षकों के साथ जुड़े रहने का भी सुझाव दिया। बैंकों और उनके प्रबंधन को लगातार वित्तीय जोखिमों का आकलन करना चाहिए और न्यूनतम नियामक जरूरतों से अलग बफर्स बनाना चाहिए का निर्माण करना चाहिए।