- Date : 11/02/2023
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आरबीआई की तरफ से रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद होम लोन के ईएमआई पर भी असर पड़ना तय है। लेकिन अगर आप समझदारी से होम लोन लें और उसकी किश्त चुकाएं तो इस बदलाव का असर आप पर ज्यादा नहीं पड़ेगा

Home Loan EMI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) की दरों को बढ़ा दिया है। अब यह 6.50 प्रतिशत हो गया है। ऐसे में होम लोन की EMI देने वाले लोग इस समय अधिक चिंतित है। जाहिर सी बात है कि उन्हें अब बढ़ी हुई ब्याज दर से ईएमआई का भुगतान करना है। लेकिन हम आज आपको कुछ ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं जिससे रेपो रेट बढ़ने के बावजूद आपकी जेब ज्यादा ढीली नहीं होगी।
रेपो रेट के बढ़े दर से खुद को बचाना है तो सबसे पहला काम कीजिए कि आप अपनी ईएमआई को बढ़ा दीजिए। जी हां, एक्सपर्ट भी मानते हैं कि लोन के ईएमआई रेट को बढ़ाने से ब्याज लागत कम हो जाएगी।
दूसरा कदम ये है कि लोन लेते समय आप फ्लोटिंग ब्याज दर का चुनाव करें। ऐसा करने से आपको भविष्य में कभी भी रेपो रेट के बढ़ने का असर आप पर मामूली होगा।
आप एक और कदम अपना सकते हैं और वह है कि हर साल अपने लोन बैलेंस का 5 फीसदी अधिक जमा करना शुरू कर दें। ऐसा करने से आपके लोन का जो प्रिंसिपल अमाउंट है उसकी रकम तेजी से कम होने लगती है और हर महीने की ईएमआई भरने के दौरान आप पर बोझ कम रहता है।
सबसे आसान तरीका तो ये है कि जितनी जल्दी हो सके, अपने लोन को चुका दें। डाउन पेमेंट जितना अधिक करेंगे उतना ही आपको फायदा होगा। वहीं अगर आप चाहें तो ओवरड्राफ्ट विकल्प भी चुन सकते हैं। इसमें आपकी जो भी ईएमआई बची होती है उसके लिए एक बचत या चालू खाता खोल दिया जाता है और उसे होम लोन खाते से जोड़ दिया जाता है। इससे आप रेपो रेट के बोझ से बच जाते हैं।
Home Loan EMI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) की दरों को बढ़ा दिया है। अब यह 6.50 प्रतिशत हो गया है। ऐसे में होम लोन की EMI देने वाले लोग इस समय अधिक चिंतित है। जाहिर सी बात है कि उन्हें अब बढ़ी हुई ब्याज दर से ईएमआई का भुगतान करना है। लेकिन हम आज आपको कुछ ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं जिससे रेपो रेट बढ़ने के बावजूद आपकी जेब ज्यादा ढीली नहीं होगी।
रेपो रेट के बढ़े दर से खुद को बचाना है तो सबसे पहला काम कीजिए कि आप अपनी ईएमआई को बढ़ा दीजिए। जी हां, एक्सपर्ट भी मानते हैं कि लोन के ईएमआई रेट को बढ़ाने से ब्याज लागत कम हो जाएगी।
दूसरा कदम ये है कि लोन लेते समय आप फ्लोटिंग ब्याज दर का चुनाव करें। ऐसा करने से आपको भविष्य में कभी भी रेपो रेट के बढ़ने का असर आप पर मामूली होगा।
आप एक और कदम अपना सकते हैं और वह है कि हर साल अपने लोन बैलेंस का 5 फीसदी अधिक जमा करना शुरू कर दें। ऐसा करने से आपके लोन का जो प्रिंसिपल अमाउंट है उसकी रकम तेजी से कम होने लगती है और हर महीने की ईएमआई भरने के दौरान आप पर बोझ कम रहता है।
सबसे आसान तरीका तो ये है कि जितनी जल्दी हो सके, अपने लोन को चुका दें। डाउन पेमेंट जितना अधिक करेंगे उतना ही आपको फायदा होगा। वहीं अगर आप चाहें तो ओवरड्राफ्ट विकल्प भी चुन सकते हैं। इसमें आपकी जो भी ईएमआई बची होती है उसके लिए एक बचत या चालू खाता खोल दिया जाता है और उसे होम लोन खाते से जोड़ दिया जाता है। इससे आप रेपो रेट के बोझ से बच जाते हैं।