- Date : 22/04/2023
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RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने 2023-24 में अपनी पहली मोनेटरी पॉलिसी रिव्यू मीटिंग में प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही रखने का फैसला लिया।

RBI Repo Rate: मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से वर्तमान रेपो दर को बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि मुद्रास्फीति को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है और लगता है कि इसे मैनेज किया जा सकता है। रिपोर्ट की मानें तो 2024 की शुरुआती महीनों तक प्रमुख ब्याज दर में किसी भी संभावित कमी का अनुमान नहीं है। 2023-24 की प्रारंभिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.5 पर्सेंट पर बनाए रखा है। वर्तमान नीति दर को कड़ा करने के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए यह फैसला लिया गया था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6-8 जून 2023 के दौरान होने वाली है। आरबीआई ने अब तक मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में रेपो रेट (जिस दर पर वह बैंकों को उधार देता है) मई 2022 से संचयी रूप से 250 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया है। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म मॉर्गन स्टेनली ने ‘इंडिया इकोनॉमिक्स- मैक्रो इंडिकेटर्स’ टाइटल वाली रिपोर्ट में कहा कि अगले साल के शुरुआत में रेटो रेट में कटौती की उम्मीद है। हम मुद्रास्फीति में सुधार के आधार पर पहले से शुरू होने वाले जोखिमों को देखते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉर्गन स्टेनली के पूर्वानुमान के अनुसार, रिटेल इन्फ्लेशन के लगातार 6 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद को देखते हुए ब्याज दरों के 2023 तक स्थिर रहने का अनुमान है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-आधारित (CPI) मुद्रास्फीति, जिसे खुदरा मुद्रास्फीति के रूप में भी जाना जाता है, भारत में गिरावट की ओर बढ़ रही है और यह धीरे-धीरे अप्रैल 2022 में अपने उच्चतम बिंदु 7.8 फीसदी से घटकर मार्च 2023 में 5.7 फीसदी हो गई। अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही में यह घटकर 5.2 फीसदी रह जाएगी।
RBI Repo Rate: मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से वर्तमान रेपो दर को बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि मुद्रास्फीति को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है और लगता है कि इसे मैनेज किया जा सकता है। रिपोर्ट की मानें तो 2024 की शुरुआती महीनों तक प्रमुख ब्याज दर में किसी भी संभावित कमी का अनुमान नहीं है। 2023-24 की प्रारंभिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.5 पर्सेंट पर बनाए रखा है। वर्तमान नीति दर को कड़ा करने के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए यह फैसला लिया गया था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6-8 जून 2023 के दौरान होने वाली है। आरबीआई ने अब तक मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में रेपो रेट (जिस दर पर वह बैंकों को उधार देता है) मई 2022 से संचयी रूप से 250 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया है। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म मॉर्गन स्टेनली ने ‘इंडिया इकोनॉमिक्स- मैक्रो इंडिकेटर्स’ टाइटल वाली रिपोर्ट में कहा कि अगले साल के शुरुआत में रेटो रेट में कटौती की उम्मीद है। हम मुद्रास्फीति में सुधार के आधार पर पहले से शुरू होने वाले जोखिमों को देखते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉर्गन स्टेनली के पूर्वानुमान के अनुसार, रिटेल इन्फ्लेशन के लगातार 6 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद को देखते हुए ब्याज दरों के 2023 तक स्थिर रहने का अनुमान है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-आधारित (CPI) मुद्रास्फीति, जिसे खुदरा मुद्रास्फीति के रूप में भी जाना जाता है, भारत में गिरावट की ओर बढ़ रही है और यह धीरे-धीरे अप्रैल 2022 में अपने उच्चतम बिंदु 7.8 फीसदी से घटकर मार्च 2023 में 5.7 फीसदी हो गई। अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही में यह घटकर 5.2 फीसदी रह जाएगी।