- Date : 08/08/2022
- Read: 3 mins
आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहता है!

भारत के केंद्रीय बैक, आरबीआई ने भारत सरकार से क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। आरबीआई ने कहा कि एसेट क्लास का असर भारत की मॉनिटरी और फिस्कल पॉलिसी पर पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए, आरबीआई ने एसेट क्लास पर प्रतिबंध लगाने और एसेट क्लॉस को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है। 18 जुलाई 2022 को संसद में वित्त मंत्री के बयान के अनुसार, आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध चाहता है।
लेकिन भारत की वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी विनियमन के लिए क्रॉस बॉर्डर(सीमा पार) सहयोग की आवश्यकता है, क्योंकि एसेट क्लास की प्रकृति सीमाहीन होती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर कोई भी प्रतिबंध तभी सफल हो सकता है जब एसेट क्लास के जोखिमों और लाभों और टैक्सेशन स्ट्रक्चर एनालिसस पर महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सहयोग किया जाता है। यदि वैश्विक सहयोग हासिल किया जाता है तभी एसेट क्लास पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
क्रिप्टो का विनियमन
अटकलें तेज हैं कि सरकार सोमवार, 18 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर को विनियमित कर सकती है। लेकिन अभी तक कोई विधेयक पेश करने के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। सरकार से एक क्रिप्टो कंसल्टेंट पेपर लिखने की भी उम्मीद की जा रही है, जिससे एसेट क्लास पर सरकार का रुख को बताए जाने की उम्मीद की जा रही है। पेपर मई में आने वाला था, लेकिन अभी भी उसका इंतजार है।
भारत सरकार ने एसेट क्लास पर अपना रुख ज़ाहिर नहीं किया है कि क्या यह फाइनेशियल एसेट के दायरे में आता है या कमोडिटी एसेट है। वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी विनियमन पर संयुक्त वैश्विक कार्रवाई के लिए कहा है।
अभी तक, क्रिप्टोकरेंसी पर कोई विनियमन नहीं है। वैश्विक समन्वय में भी इरादे की कमी है। इस बीच, आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है। डिजिटल करेंसी के 2022 के अंत तक लॉन्च होने की उम्मीद है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर द्वारा की गई टिप्पणियों के अनुसार, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का मतलब निजी क्रिप्टोकरेंसी के अस्तित्व की बहस का अंत हो सकता है। टिप्पणियों के अनुसार, उनका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा डिजिटल करेंसी निजी क्रिप्टोकरेंसी का पूरी तरह से स्थान ले सकती हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के नियंत्रण पर वैश्विक सहयोग की कमी है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहता है और उसने भारत सरकार से भी इसकी सिफारिश की है। लेकिन भारत के वित्त मंत्री की टिप्पणियों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। अभी तक, क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई वैश्विक विनियमन नहीं है। CBDC या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी से निजी क्रिप्टोकरेंसी की आवश्यकता का स्थान लेने की उम्मीद है। उम्मीद है कि 2022 के अंत तक आरबीआई अपना सीबीडीसी(CBDC) लॉन्च करे।
क्या भारत को क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या उनका नियमन करना चाहिए? पर गोपाल गिडवानी द्वारा यह विशेषज्ञ लेख पढें