Tax benefit on purchase of Electric vehicle end on 31 March

भारत निरंतर ही हरित गतिशीलता के पक्ष में रहा है और सरकार 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन को हासिल करने और 2030 तक देश की कार्बन तीव्रता को 45% तक कम करने के लिए अग्रसर है। हरित परिवहन के मामले में, सरकार सभी मोर्चों पर अग्रणी है। इसलिए लगातार हाइब्रिड, हाइड्रोजन ईंधन सेल, जैव ईंधन, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) को बढ़ावा दिया जा रहा है। बजट 2023 में भी ऐसी कई घोषणाएं की गई हैं जिससे निश्चित तौर पर ईवी उद्योग को फायदा होगा और ग्राहकों को भी लाभ पहुँचने की संभावना है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल

बजट घोषणा: EV टैक्स बेनेफिट नियम 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 में भारत के मोटर वाहन उद्योग के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र को आगे बढ़ने में काफी मदद मिल सकती है। 

बजट में हरित गतिशीलता, बायोगैस और हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जबकि आयातित ईवी और लक्जरी कारों पर सीमा शुल्क 10% बढ़ाकर 70% कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी से जुड़े पूंजीगत सामान के आयात पर कर की छूट दी गई है।  

वित्त मंत्री ने लीथियम-आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी को 21% से घटाकर 13% कर दिया है और ईवी बैटरी पर सब्सिडी एक और साल के लिए बढ़ा दी गई है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) इंडस्ट्री को तो बढ़ावा मिलेगा, साथ ही कर मे छूट के कारण इलेक्ट्रिक वाहन की कीमतों मे कमी आ सकती है। इससे अब यह उम्मीद कि जा सकती है कि ईवी अपेक्षाकृत सस्ते दामों में आम लोगों को उपलब्ध हो सकेगी । 

EV टैक्स बेनेफिट नियम 

सरकार ने अपने बजट 2023 की घोषणाओं में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयकर छूट में दो और वर्षों के लिए विस्तार की अनुमति दी है। 2019 में, केंद्र ने ईवी छूट देने के लिए आयकर की धारा 80EEB पेश की थी। उस के लिए निर्धारित समय सीमा 31 मार्च, 2023 है। 

आयकर की धारा 80EEB ईवी खरीद के लिए लिए गए ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती की अनुमति देती है। इस धारा के अनुसार, यदि आप एक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते हैं, तो आप एक इलेक्ट्रिक वाहन प्राप्त करने पर ऋण राशि पर चुकाए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती प्राप्त कर सकते हैं।

कटौती व्यक्तिगत और/या व्यावसायिक दोनों उद्देश्यों के लिए उपलब्ध है। इस सेक्शन के तहत डिडक्शन लोन चुकाने तक उपलब्ध रहेगा। 

यहाँ यह भी समझना जरूरी है कि कटौती केवल भुगतान किए गए ब्याज पर लागू होती है, न कि मूल ऋण राशि के भुगतान पर।

आगे की राह 

ईवी यानि ईलेक्ट्रिक व्हीकल, आने वाले भविष्य में और अधिक प्रासंगिक होंगे। सरकार द्वारा भी इस संदर्भ में दिए जाने वाले छूट से स्पष्ट है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के मुख्य साधन होंगे। ऐसे में जो लोग गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए ईवी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह पर्यावरण के लिए तो बेहतर है ही, साथ ही कर में मिलने वाली छूट इसे और भी अधिक आकर्षक विकल्प बना रही है।

संवादपत्र

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