- Date : 15/02/2023
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धारा 80EEB और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर उपलब्ध कर लाभ

Electric Vehicle tax benefits: इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के स्वच्छ और सस्ते साधन होने के साथ-साथ लागत प्रभावी और भविष्य के लिए उपयोगी भी हैं, जो जीवाश्म इंधन की कमी का जवाब हो सकते हैं। भारत सरकार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है इसलिए आयकर कटौती का एक नया खंड, 80EEB जोड़ा गया है। इस धारा के अनुसार ऋण लेकर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ऋण चुकाने के दौरान ब्याज राशि पर कुल ₹1,50,000 की सीमा तक कटौती का लाभ मिल सकता है। वर्ष 2020-21 से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए लिए गए लिए गए ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज के लिए कटौती की अनुमति देते हुए एक नई धारा 80EEB जोड़ी गई है।
धारा 80EEB क्या है?
धारा 80EEB इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर ऋण राशि पर चुकाए गए ब्याज पर ₹1,50,000 तक की कर कटौती देती है। कटौती व्यक्तिगत और/या व्यावसायिक दोनों उद्देश्यों के लिए उपलब्ध होगी। इस धारा के तहत कटौती ऋण के पुनर्भुगतान तक उपलब्ध होगी।
हालाँकि, धारा 80EEB की कटौती के दावे के लिए कुछ शर्तें भी हैं। जैसे कि,
-इलेक्ट्रिक वाहन ऋण लेकर खरीदा गया हो।
-यह छूट दो पहिया, तिपहिया और चार पहिया वाले सभी वाहनों के लिए ली जा सकती है।
-1 अप्रैल 2019 और 31 मार्च 2023 के बीच मंजूर किए गए इलेक्ट्रिक वाहन के ऋणों पर धारा 80EEB के तहत विचार किया जाएगा।
-ऋण एक व्यक्ति ने लिया हो।
-ऋण किसी वित्तीय संस्थान या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी से लिया गया हो।
- पहले से इलेक्ट्रिक वाहन न होने पर ही इस धारा का लाभ मिल सकता है ।
-धारा 80EEB वित्त वर्ष 2019-2020 से प्रभावी है।
सरकार ने धारा 80EEB के साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST घटाकर 5% कर दिया है।
वित्तीय संस्थान - 1949 के बैंकिंग विनियमन अधिनियम द्वारा आवृत बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान, या अधिनियम की धारा 51 की परिभाषा के अंतर्गत आने वाला कोई भी बैंक या संगठन, या जमा स्वीकार करने वाली कोई भी एनबीएफसी या आरबीआई के साथ पंजीकृत, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां वित्तीय संस्थान हैं, जिनके पास बैलेंस शीट के अनुसार कम से कम 500 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है।
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इलेक्ट्रिक वाहन का क्या अर्थ है?
जो वाहन विशेष रूप से एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित हो और जिसकी कर्षण ऊर्जा की आपूर्ति विशेष रूप से वाहन में स्थापित कर्षण बैटरी द्वारा की जाती है। वाहन में इलेक्ट्रिक रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम होना चाहिए, जो ब्रेकिंग के दौरान वाहन की गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए प्रदान करता है। ऐसे वाहनों को खरीदने पर ही कटौती का लाभ मिलेगा।
इसे दूसरी तरह से समझते हैं। मान लीजिए कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए किसी नजदीकी रिश्तेदार या मित्र से कर्ज लिया गया था और उसे वर्ष में 2,00,000 रुपए ब्याज दिया गया। ऐसे ऋण पर ब्याज में कोई कटौती नहीं मिलेगी। मगर यदि यही ऋण अगर किसी वित्तीय संस्थान से लिया गया होता, तो धारा 80ईईबी द्वारा कुल 1,50,000 रुपये की कटौती मिली होती।
इसके अतिरिक्त आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत अगर ऋण का निर्धारण वर्ष 2019 के पहले का हो तो कटौती स्वीकार्य नहीं है।
अतएव, कहा जा सकता है कि परिवहन के स्वच्छ और सस्ते साधन की तलाश करने वालों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर विचार करना चाहिए क्योंकि वे लागत प्रभावी और भविष्य के लिए उपयोगी हैं। अब ये वाहन पहले से अधिक किफायती हैं, जिससे यह पहली कार खरीदने वालों के लिए और मूल्यवान हो जाता है।
फिर भी, इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले नए छूट की शर्तों को ध्यान से पढ़ना और विचार करना चाहिए। केवल उपलब्ध छूटों पर निर्णय न करें। नीचे लिखे तथ्यों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
- धारा 80EEB के तहत कटौती ऋण के वापस भुगतान तक सुलभ होगी।
- धारा 80ईईबी के लाभ प्राप्त करने के लिए कटौती के दावे का समर्थन करने के लिए बैंक से मिला ब्याज प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है।
- धारा 80ईईबी के तहत कटौती केवल व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, संयुक्त हिंदू परिवार द्वारा कटौती का दावा नहीं किया जा सकता है।
- क्या धारा 80ईईबी केवल ब्याज भुगतान के संबंध में कटौती की अनुमति देता है, मूल ऋण के भुगतान पर नहीं।
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