SBI NPS Account: एसबीआई में पेंशन अकाउंट खुलवाने के फायदे, जानिए टैक्स बचाने में कैसे मिलेगी मदद?

नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS) निवेशकों के लिए एक वॉलंटरी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जो कि सरकार के द्वारा बनाया गया है।

SBI NPS Account

SBI NPS Account: भारत में सबसे बड़े बैंकों में से एक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में योगदान करके टैक्स बचाने के लिए प्रोत्साहित करता है। एनपीएस निवेशकों के लिए एक वॉलंटरी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जो उन्हें नियोजित बचत के लिए एक योगदान देने में मदद करती है, जिससे कि पेंशन के रूप में वे अपना भविष्य सुरक्षित बना सकें। एनपीएस को पीएफआरडीए द्वारा प्रशासित और रेगुलेट किया जाता है। इसे दुनिया की सबसे कम लागत वाली पेंशन योजना के रूप में देखा जाता है। सब्सक्राइबर अपने खुद के इनवेस्टमेंट ऑप्शन और पेंशन फंड चुन सकते हैं और अपने पैसे का ग्रोथ देख सकते हैं।

आपको बता दें कि एसबीआई दो एनपीएस योजनाएं ऑफर कर रहा है - टियर I, जो कि एक पेंशन अकाउंट और मैंडेटरी है। वहीं, टियर II, जो एक इनवेस्टमेंट अकाउंट और ऑप्शनल है। टियर 1 खाते के लिए मिनिमम कंट्रीब्यूशन 500 रुपये और टियर II के लिए 1,000 रुपये है। टीयर I अकाउंट के लिए टैक्स बेनिफिट उपलब्ध है, वहीं टीयर II खाते में ऐसा कोई लाभ नहीं है। हालांकि, इसमें कभी भी कोष निकासी की सुविधा है। 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच के आरआई और एनआरआई समेत भारत के सभी नागरिक एनपीएस खाता खोल सकते हैं।

यहां जान लें कि टियर I अकाउंट के लिए कर्मचारी योगदान के संबंध में आईटी अधिनियम की धारा 80CCD (1B) के तहत टैक्स छूट 50,000 रुपये तक के योगदान पर लागू होती है। इसके अलावा, रुपये की ओवरऑल लिमिट के भीतर निवेश (बेसिक और डीए का 10 पर्सेंट) के लिए 80CCE के तहत कर कटौती का भी प्रावधान है। इसके अलावा, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन के मामले में वेतन के 10 पर्सेंट तक कर कटौती (बेसिक और डीए) धारा 80CCD (2) के अधीन 7.5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा के अधीन (पीएफ और सुपरएनुएशन जैसे शामिल हैं) लागू है।

 

SBI NPS Account: भारत में सबसे बड़े बैंकों में से एक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में योगदान करके टैक्स बचाने के लिए प्रोत्साहित करता है। एनपीएस निवेशकों के लिए एक वॉलंटरी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जो उन्हें नियोजित बचत के लिए एक योगदान देने में मदद करती है, जिससे कि पेंशन के रूप में वे अपना भविष्य सुरक्षित बना सकें। एनपीएस को पीएफआरडीए द्वारा प्रशासित और रेगुलेट किया जाता है। इसे दुनिया की सबसे कम लागत वाली पेंशन योजना के रूप में देखा जाता है। सब्सक्राइबर अपने खुद के इनवेस्टमेंट ऑप्शन और पेंशन फंड चुन सकते हैं और अपने पैसे का ग्रोथ देख सकते हैं।

आपको बता दें कि एसबीआई दो एनपीएस योजनाएं ऑफर कर रहा है - टियर I, जो कि एक पेंशन अकाउंट और मैंडेटरी है। वहीं, टियर II, जो एक इनवेस्टमेंट अकाउंट और ऑप्शनल है। टियर 1 खाते के लिए मिनिमम कंट्रीब्यूशन 500 रुपये और टियर II के लिए 1,000 रुपये है। टीयर I अकाउंट के लिए टैक्स बेनिफिट उपलब्ध है, वहीं टीयर II खाते में ऐसा कोई लाभ नहीं है। हालांकि, इसमें कभी भी कोष निकासी की सुविधा है। 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच के आरआई और एनआरआई समेत भारत के सभी नागरिक एनपीएस खाता खोल सकते हैं।

यहां जान लें कि टियर I अकाउंट के लिए कर्मचारी योगदान के संबंध में आईटी अधिनियम की धारा 80CCD (1B) के तहत टैक्स छूट 50,000 रुपये तक के योगदान पर लागू होती है। इसके अलावा, रुपये की ओवरऑल लिमिट के भीतर निवेश (बेसिक और डीए का 10 पर्सेंट) के लिए 80CCE के तहत कर कटौती का भी प्रावधान है। इसके अलावा, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन के मामले में वेतन के 10 पर्सेंट तक कर कटौती (बेसिक और डीए) धारा 80CCD (2) के अधीन 7.5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा के अधीन (पीएफ और सुपरएनुएशन जैसे शामिल हैं) लागू है।

 

संवादपत्र

Union Budget