- Date : 10/07/2019
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ऐसे में, जब कोई आपकी वित्तीय जानकारी चुरा ले, उस वक्त आप क्या करें? समस्या से निपटने के लिए तत्काल इन कदमों का पालन करें।

इंटरनेट आज जहां आपके जीवन के सभी पहलुओं में शामिल हो रहा है, वहीं ऑनलाइन डेटा चोरी की संभावना भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यह तब और भी चिंताजनक हो जाता है जब आपकी बैंकिंग और वित्तीय जानकारियां जोखिम में हों। डेटा चोरी सिर्फ किसी व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि ये संस्थाओं पर भी हमला कर सकता है। वास्तव में, भारत में पिछले साल अब तक की सबसे बड़ी डेटा चोरी तब देखी गई, जब करीब 6000 भारतीय उद्यमों का डेटा लीक हो गया था| यह बताता है कि इसका कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी सावधानी से अपना डेटा सहेज कर रखते हैं या फिर प्रयोग करते हैं, इसके लीक होने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
1. पुलिस में शिकायत दर्ज करें
यदि आपकी वित्तीय जानकारियां चोरी हो गई हैं, तो आपको सबसे पहले जो काम करना है वह यह कि आप निकट के पुलिस थाने या साइबरसिक्योरिटी सेल में एफआईआर दर्ज कराएं। एफआईआर एक दस्तावेजी प्रमाण के रूप में कार्य करेगा, जो बताएगा कि आपकी वित्तीय जानकारी चोरी हुई है। इससे चोरी की वजह से होने वाली किसी भी कानूनी परेशानी से बचने में आपको मदद मिल सकती है।
2. क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों से संपर्क करें
आपको किसी भी प्रमुख क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों जैसे कि एक्सपीरियन, ट्रांसयूनियन इत्यादि से संपर्क करना चाहिए और उनसे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में फ्रॉड अलर्ट शुरू करने के लिए कहना चाहिए। यह डेटा चोरों को आपके नाम पर खाता खोलने से रोकेगा। एजेंसी इस जानकारी को अन्य एजेंसियों को भी प्रेषित करेगी।
3. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को फ्रीज़ करें
अगला कदम जिसे आपको उठाना होगा वह यह है कि आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को फ्रीज कर दें, क्योंकि यह डेटा चोरों को आपकी क्रेडिट जानकारी तक अनधिकृत रूप से पहुंच प्राप्त करने से रोक सकता है। एक बार जब आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर फ्रॉड अलर्ट शुरू कर देते हैं, तो आप सभी क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों से अपनी रिपोर्ट की निःशुल्क प्रतिलिपि प्राप्त करने के भी अधिकारी होंगे। इन रिपोर्टों में से प्रत्येक की समीक्षा करें और किसी भी धोखाधड़ी या संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर एजेंसियों को सूचित करें। आपको उन सभी वित्तीय संस्थानों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों के संपर्क में रहना चाहिए जहां आपके खाते हैं।

4. अपना बैंक खाता और नेट बैंकिंग बंद करें
अपने बैंक को फोन करें और अपना खाता बंद कर दें। जब तक आप अपना पासवर्ड न बदल लें तब तक आप वैकल्पिक रूप से उनको नेट बैंकिंग लेनदेन बंद करने के लिए कह सकते हैं। बाद में, आप नया खाता खोल सकते हैं।
5. अपने सभी पासवर्ड बदल लें
जितना जल्दी हो सके, अपने सभी वित्तीय खातों और नंबरों के पासवर्ड बदल लें। साथ ही, किसी ने पैसे निकाले तो नहीं या फिर पैसे ट्रांसफर तो नहीं किए, यह पता करने के लिए समय समय पर अपने खातों की जांच करते रहें। कहीं आपके नाम पर किसी हैकर या डेटा चोर ने नया लोन तो नहीं लिया है, यह जानने के लिए अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और वित्तीय खातों की नियमित रूप से जांच करते रहें। आप यह नियमित जांच इस प्रकार कर सकते हैं-
- मासिक विवरण
- बैंकिंग और फाइनेंशियल मोबाइल एप्स जो तुरंत जानकारी प्राप्त करने की सुविधा देती हैं
- अपने क्रेडिट कार्ड में पुश नोटिफिकेशंस फीचर को जोड़े, जिससे यदि आपके खाते से पैसे निकलते हैं तो आपको तुरंत सूचना मिल जाए।

6. फ्री क्रेडिट कार्ड मॉनीटरिंग के लिए साइन-अप करें
कुछ कंपनियां अपने ग्राहकों को कॉम्प्लीमेंटरी क्रेडिट मॉनीटरिंग सिस्टम की पेशकश भी करती हैं। यह एक ऐसा फीचर है जिसे आपको उस स्थिति में अवश्य एक्टिवेट करना चाहिए यदि आपकी जानकारियां चोरी हो गई हैं। कुछ वेबसाइट जैसे क्रेडिट कर्मा या क्रेडिट सीसेम आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई बदलाव सामने आने पर आपको अलर्ट कर सकती हैं। यह आपके लिए जांच करना और इस मामले में तुरंत कार्यवाही करना आसान बनाता है।
डेटा लीक की सूचना मिलने के बाद जितनी जल्दी हो सके इन कदमों को उठाने से आप बाद में आने वाली मुश्किलों से बच सकते हैं। साथ ही यह आपको वित्तीय नुकसान से भी बचाता है। इसके साथ ही, यह जरूरी है कि आप अपनी सभी वित्तीय जानकारियों को सुरक्षित रखें और इसे अनाधिकृत व्यक्तियों और संस्थाओं से साझा करने से बचें।
इंटरनेट आज जहां आपके जीवन के सभी पहलुओं में शामिल हो रहा है, वहीं ऑनलाइन डेटा चोरी की संभावना भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यह तब और भी चिंताजनक हो जाता है जब आपकी बैंकिंग और वित्तीय जानकारियां जोखिम में हों। डेटा चोरी सिर्फ किसी व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि ये संस्थाओं पर भी हमला कर सकता है। वास्तव में, भारत में पिछले साल अब तक की सबसे बड़ी डेटा चोरी तब देखी गई, जब करीब 6000 भारतीय उद्यमों का डेटा लीक हो गया था| यह बताता है कि इसका कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी सावधानी से अपना डेटा सहेज कर रखते हैं या फिर प्रयोग करते हैं, इसके लीक होने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
1. पुलिस में शिकायत दर्ज करें
यदि आपकी वित्तीय जानकारियां चोरी हो गई हैं, तो आपको सबसे पहले जो काम करना है वह यह कि आप निकट के पुलिस थाने या साइबरसिक्योरिटी सेल में एफआईआर दर्ज कराएं। एफआईआर एक दस्तावेजी प्रमाण के रूप में कार्य करेगा, जो बताएगा कि आपकी वित्तीय जानकारी चोरी हुई है। इससे चोरी की वजह से होने वाली किसी भी कानूनी परेशानी से बचने में आपको मदद मिल सकती है।
2. क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों से संपर्क करें
आपको किसी भी प्रमुख क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों जैसे कि एक्सपीरियन, ट्रांसयूनियन इत्यादि से संपर्क करना चाहिए और उनसे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में फ्रॉड अलर्ट शुरू करने के लिए कहना चाहिए। यह डेटा चोरों को आपके नाम पर खाता खोलने से रोकेगा। एजेंसी इस जानकारी को अन्य एजेंसियों को भी प्रेषित करेगी।
3. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को फ्रीज़ करें
अगला कदम जिसे आपको उठाना होगा वह यह है कि आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को फ्रीज कर दें, क्योंकि यह डेटा चोरों को आपकी क्रेडिट जानकारी तक अनधिकृत रूप से पहुंच प्राप्त करने से रोक सकता है। एक बार जब आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर फ्रॉड अलर्ट शुरू कर देते हैं, तो आप सभी क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों से अपनी रिपोर्ट की निःशुल्क प्रतिलिपि प्राप्त करने के भी अधिकारी होंगे। इन रिपोर्टों में से प्रत्येक की समीक्षा करें और किसी भी धोखाधड़ी या संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर एजेंसियों को सूचित करें। आपको उन सभी वित्तीय संस्थानों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों के संपर्क में रहना चाहिए जहां आपके खाते हैं।

4. अपना बैंक खाता और नेट बैंकिंग बंद करें
अपने बैंक को फोन करें और अपना खाता बंद कर दें। जब तक आप अपना पासवर्ड न बदल लें तब तक आप वैकल्पिक रूप से उनको नेट बैंकिंग लेनदेन बंद करने के लिए कह सकते हैं। बाद में, आप नया खाता खोल सकते हैं।
5. अपने सभी पासवर्ड बदल लें
जितना जल्दी हो सके, अपने सभी वित्तीय खातों और नंबरों के पासवर्ड बदल लें। साथ ही, किसी ने पैसे निकाले तो नहीं या फिर पैसे ट्रांसफर तो नहीं किए, यह पता करने के लिए समय समय पर अपने खातों की जांच करते रहें। कहीं आपके नाम पर किसी हैकर या डेटा चोर ने नया लोन तो नहीं लिया है, यह जानने के लिए अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और वित्तीय खातों की नियमित रूप से जांच करते रहें। आप यह नियमित जांच इस प्रकार कर सकते हैं-
- मासिक विवरण
- बैंकिंग और फाइनेंशियल मोबाइल एप्स जो तुरंत जानकारी प्राप्त करने की सुविधा देती हैं
- अपने क्रेडिट कार्ड में पुश नोटिफिकेशंस फीचर को जोड़े, जिससे यदि आपके खाते से पैसे निकलते हैं तो आपको तुरंत सूचना मिल जाए।

6. फ्री क्रेडिट कार्ड मॉनीटरिंग के लिए साइन-अप करें
कुछ कंपनियां अपने ग्राहकों को कॉम्प्लीमेंटरी क्रेडिट मॉनीटरिंग सिस्टम की पेशकश भी करती हैं। यह एक ऐसा फीचर है जिसे आपको उस स्थिति में अवश्य एक्टिवेट करना चाहिए यदि आपकी जानकारियां चोरी हो गई हैं। कुछ वेबसाइट जैसे क्रेडिट कर्मा या क्रेडिट सीसेम आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई बदलाव सामने आने पर आपको अलर्ट कर सकती हैं। यह आपके लिए जांच करना और इस मामले में तुरंत कार्यवाही करना आसान बनाता है।
डेटा लीक की सूचना मिलने के बाद जितनी जल्दी हो सके इन कदमों को उठाने से आप बाद में आने वाली मुश्किलों से बच सकते हैं। साथ ही यह आपको वित्तीय नुकसान से भी बचाता है। इसके साथ ही, यह जरूरी है कि आप अपनी सभी वित्तीय जानकारियों को सुरक्षित रखें और इसे अनाधिकृत व्यक्तियों और संस्थाओं से साझा करने से बचें।