विवाहित महिलाएं वित्तीय स्वतंत्रता कैसे प्राप्त कर सकती हैं

क्‍या आप अपने वित्‍तीय मामलों का ख्‍याल रखने के लिए अपने जीवन साथी पर अत्‍यधिक निर्भर हैं? वित्‍तीय रूप से स्‍वतंत्र बनने के लिए यहां कुछ तरीके दिए गए हैं।

विवाहित महिलाएं वित्तीय स्वतंत्रता कैसे प्राप्त कर सकती हैं

जब बात वित्‍तीय मामलों की हो तो हममें से कई अपने पतियों पर अत्‍यधिक निर्भर होती हैं। लेकिन इस 21वीं सदी में, जहां महिलाएं अपने पुरुष साथी के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं, ऐसे में यही समय है जब हमें अपने पर्सनल फाइनेंस से जुड़े मसलों से बचने की आदत को खत्‍म करना होगा। आइए वित्‍तीय स्‍वतंत्रता प्राप्‍त करने की प्रतिज्ञा लें। 

यहां कुछ शुरुआती कदम दिए गए हैं जिनकी मदद आप इस लक्ष्य को प्राप्त करने में ले सकती हैं:

1. अपना अलग बचत खाता रखें

जब हम ‘अलग’ की बात करते हैं, हमारा मतलब आपके पति के साथ संयुक्त खाते से अलग एक बचत खाते से है। अधिकतर भारतीय महिलाओं का अपने पति के साथ संयुक्‍त खाता होता है, जिसमें पति प‍त्‍नी दोनों अपनी सैलरी जमा करते हैं और इस पैसे का उपयोग अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए करते हैं। 

संयुक्‍त खाते के अलावा, बेहतर होगा कि आपका अपना एक बचत खाता हो, जिसमें आप हर महीने कुछ पैसा बचा कर रखें। इस प्रकार, यदि संयुक्‍त खाते के साथ कुछ भी अप्रत्‍याशित होता है तो भी आपको नकदी की तंगी का सामना नहीं करना होगा। आपके पास हमेशा जरूरत के लिए पैसे होंगे, खासतौर पर इमर्जेंसी के वक्‍त।

2. निवेश करना शुरू करें

महिलाएं अक्‍सर विभिन्‍न कारणों के चलते निवेश करने से बचती हैं। लेकिन यदि आप इस बारे में सोच कर देखें, कि अपना पैसा बचत खाते में यूं ही निष्क्रिय पड़ा रहने से बेहतर है कि यदि आप निवेश करती हैं तो आपको चक्रवृद्धि ब्‍याज या निश्चित अवधि वाले दूसरे लाभ प्राप्‍त होते हैं। आप जितनी जल्‍दी निवेश करना शुरू करेंगी उतना अधिक लाभदायक होगा। सबसे बेहतर होगा कि कमाई शुरू करने के साथ ही निवेश करना भी शुरू करें। 

3. परिवार के वित्‍तीय मामलों में दखल दें 

किसी भी आम परिवार की बात करें तो वहां महत्‍वपूर्ण वित्‍तीय निर्णय सिर्फ पति ही लेता है। कई महिलाएं शुरुआत में खुद को इस सब में शामिल करती हैं लेकिन अक्सर बाद में पूरी तरह से इससे अलग हो जाती हैं। यह एक समस्‍या हो सकती है। एक बार जब आप अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में खुले तौर पर बात करना शुरू कर देती हैं, तभी आप उचित वित्तीय लक्ष्यों को बेहतर तरीके से तैयार कर पाएंगी। निवेश के सबसे बेहतर विकल्‍प हर व्‍यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, ऐसे में जब आप इन निवेश योजनाओं के बारे में आपस में चर्चा करेंगी, तो आप समझ पाएंगी कि आपके लिए कौन सा प्‍लान सबसे बेहतर है। 

4. फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं

अक्‍सर हम उन चीजों पर खर्च कर देते हैं जिनकी हमें जरूरत ही नहीं होती। समस्‍या यहीं से शुरू होती है। 50 चीजों पर छोटे-छोटे खर्च करते समय यह आपको कोई बड़ी राशि नहीं लगेगी, लेकिन जब आप कुल खर्च पर नजर डालेंगे तो आपको अहसास होगा कि आपने कितने ज्‍यादा पैसे खर्च कर दिए हैं। फिजूलखर्च से बचने का आसन उपाय है कि आप बजट बनाए और उस पर कायम रहें। संभव है कि आप कभी अपने बजट से ज्‍यादा खर्च कर दें और सोचें कि आपके पति के पैसे इसकी भरपाई कर देंगे, लेकिन आपको कभी भी पता नहीं होता है कि क्‍या गलत हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बचत करें और हमेशा ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहें जब आपको बड़ी राशि की जरूरत पड़ सकती है। 

5. वित्‍तीय सलाह लेने से न हिचकें 

जब अजनबियों से वित्‍तीय सलाह लेने की बात हो, तो ये अक्‍सर जोखिम भरा लगता है, क्‍योंकि यह आपका पैसा है जिसे आप खतरे में डाल रहे हैं। लेकिन एक विशेषज्ञ से वित्तीय सलाह अक्सर वही होती है जिसकी आपको अपनी संपत्ति को बढ़ाने के लिए जरूरत होती है। तो आपको क्या करना चाहिए? हम एक पेशेवर की मदद लेने का सुझाव देते हैं, लेकिन साथ ही यह भी कहेंगे कि आप आंख मूंद कर भरोसा न करें। वे जो सलाह देते हैं उनके बारे में खुद की जानकारी बढ़ाएं, अपने पति के साथ चर्चा करें और फिर पूरी सूझबूझ के साथ निर्णय लें। 

6. टैक्‍स देनदारी के प्रति रहें सजग 

दूसरे वित्‍तीय निर्णयों की तरह ही, टैक्स फाइल करने और टैक्‍स कटौती का ख्‍याल रखने की जिम्‍मेदारी कई महिलाएं अपने पतियों पर छोड़ देती हैं। एक बार फिर, यदि लंबे समय में आप अपने टैक्‍स रिटर्न की स्थिति के बारे में अनिभिज्ञ रहती हैं, तो आप संकट की स्थिति में फंस सकती हैं। इस बात का ध्‍यान रखें कि कौन सी निवेश स्‍कीम आपको टैक्‍स बचाने में मदद कर सकती है। साथ ही खुद अपने आप टैक्‍स रिटर्न फाइल करना भी सीखें। 

यह सब एक बार में करना संभव है कि आपको बड़ा बोझ लगे, तो ऐसे में आप एक बार में एक कदम उठाएं। एक बार जब आप स्‍वतंत्र रूप से अपने पैसों का ख्‍याल रखने लगेंगी, तब आपको पता लगेगा कि यह कितनी बड़ी आजादी है। आइए वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम उठाने का संकल्प लें। 

जब बात वित्‍तीय मामलों की हो तो हममें से कई अपने पतियों पर अत्‍यधिक निर्भर होती हैं। लेकिन इस 21वीं सदी में, जहां महिलाएं अपने पुरुष साथी के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं, ऐसे में यही समय है जब हमें अपने पर्सनल फाइनेंस से जुड़े मसलों से बचने की आदत को खत्‍म करना होगा। आइए वित्‍तीय स्‍वतंत्रता प्राप्‍त करने की प्रतिज्ञा लें। 

यहां कुछ शुरुआती कदम दिए गए हैं जिनकी मदद आप इस लक्ष्य को प्राप्त करने में ले सकती हैं:

1. अपना अलग बचत खाता रखें

जब हम ‘अलग’ की बात करते हैं, हमारा मतलब आपके पति के साथ संयुक्त खाते से अलग एक बचत खाते से है। अधिकतर भारतीय महिलाओं का अपने पति के साथ संयुक्‍त खाता होता है, जिसमें पति प‍त्‍नी दोनों अपनी सैलरी जमा करते हैं और इस पैसे का उपयोग अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए करते हैं। 

संयुक्‍त खाते के अलावा, बेहतर होगा कि आपका अपना एक बचत खाता हो, जिसमें आप हर महीने कुछ पैसा बचा कर रखें। इस प्रकार, यदि संयुक्‍त खाते के साथ कुछ भी अप्रत्‍याशित होता है तो भी आपको नकदी की तंगी का सामना नहीं करना होगा। आपके पास हमेशा जरूरत के लिए पैसे होंगे, खासतौर पर इमर्जेंसी के वक्‍त।

2. निवेश करना शुरू करें

महिलाएं अक्‍सर विभिन्‍न कारणों के चलते निवेश करने से बचती हैं। लेकिन यदि आप इस बारे में सोच कर देखें, कि अपना पैसा बचत खाते में यूं ही निष्क्रिय पड़ा रहने से बेहतर है कि यदि आप निवेश करती हैं तो आपको चक्रवृद्धि ब्‍याज या निश्चित अवधि वाले दूसरे लाभ प्राप्‍त होते हैं। आप जितनी जल्‍दी निवेश करना शुरू करेंगी उतना अधिक लाभदायक होगा। सबसे बेहतर होगा कि कमाई शुरू करने के साथ ही निवेश करना भी शुरू करें। 

3. परिवार के वित्‍तीय मामलों में दखल दें 

किसी भी आम परिवार की बात करें तो वहां महत्‍वपूर्ण वित्‍तीय निर्णय सिर्फ पति ही लेता है। कई महिलाएं शुरुआत में खुद को इस सब में शामिल करती हैं लेकिन अक्सर बाद में पूरी तरह से इससे अलग हो जाती हैं। यह एक समस्‍या हो सकती है। एक बार जब आप अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में खुले तौर पर बात करना शुरू कर देती हैं, तभी आप उचित वित्तीय लक्ष्यों को बेहतर तरीके से तैयार कर पाएंगी। निवेश के सबसे बेहतर विकल्‍प हर व्‍यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, ऐसे में जब आप इन निवेश योजनाओं के बारे में आपस में चर्चा करेंगी, तो आप समझ पाएंगी कि आपके लिए कौन सा प्‍लान सबसे बेहतर है। 

4. फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं

अक्‍सर हम उन चीजों पर खर्च कर देते हैं जिनकी हमें जरूरत ही नहीं होती। समस्‍या यहीं से शुरू होती है। 50 चीजों पर छोटे-छोटे खर्च करते समय यह आपको कोई बड़ी राशि नहीं लगेगी, लेकिन जब आप कुल खर्च पर नजर डालेंगे तो आपको अहसास होगा कि आपने कितने ज्‍यादा पैसे खर्च कर दिए हैं। फिजूलखर्च से बचने का आसन उपाय है कि आप बजट बनाए और उस पर कायम रहें। संभव है कि आप कभी अपने बजट से ज्‍यादा खर्च कर दें और सोचें कि आपके पति के पैसे इसकी भरपाई कर देंगे, लेकिन आपको कभी भी पता नहीं होता है कि क्‍या गलत हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बचत करें और हमेशा ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहें जब आपको बड़ी राशि की जरूरत पड़ सकती है। 

5. वित्‍तीय सलाह लेने से न हिचकें 

जब अजनबियों से वित्‍तीय सलाह लेने की बात हो, तो ये अक्‍सर जोखिम भरा लगता है, क्‍योंकि यह आपका पैसा है जिसे आप खतरे में डाल रहे हैं। लेकिन एक विशेषज्ञ से वित्तीय सलाह अक्सर वही होती है जिसकी आपको अपनी संपत्ति को बढ़ाने के लिए जरूरत होती है। तो आपको क्या करना चाहिए? हम एक पेशेवर की मदद लेने का सुझाव देते हैं, लेकिन साथ ही यह भी कहेंगे कि आप आंख मूंद कर भरोसा न करें। वे जो सलाह देते हैं उनके बारे में खुद की जानकारी बढ़ाएं, अपने पति के साथ चर्चा करें और फिर पूरी सूझबूझ के साथ निर्णय लें। 

6. टैक्‍स देनदारी के प्रति रहें सजग 

दूसरे वित्‍तीय निर्णयों की तरह ही, टैक्स फाइल करने और टैक्‍स कटौती का ख्‍याल रखने की जिम्‍मेदारी कई महिलाएं अपने पतियों पर छोड़ देती हैं। एक बार फिर, यदि लंबे समय में आप अपने टैक्‍स रिटर्न की स्थिति के बारे में अनिभिज्ञ रहती हैं, तो आप संकट की स्थिति में फंस सकती हैं। इस बात का ध्‍यान रखें कि कौन सी निवेश स्‍कीम आपको टैक्‍स बचाने में मदद कर सकती है। साथ ही खुद अपने आप टैक्‍स रिटर्न फाइल करना भी सीखें। 

यह सब एक बार में करना संभव है कि आपको बड़ा बोझ लगे, तो ऐसे में आप एक बार में एक कदम उठाएं। एक बार जब आप स्‍वतंत्र रूप से अपने पैसों का ख्‍याल रखने लगेंगी, तब आपको पता लगेगा कि यह कितनी बड़ी आजादी है। आइए वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम उठाने का संकल्प लें। 

संवादपत्र

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