- Date : 13/11/2018
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क्या आपको 2018 के बजट में परिवर्तन के एलान के बाद कुछ कम या ज़्यादा बदलाव करना होगा ?आइये देखते हैं की कैसे यह बजट आपके वित्तीय आदतों में परिवर्तन लाता है |

यह कहना गलत नहीं होगा की केंद्रीय बजट हमारे देश का एक बड़ी वित्तीय घटना होता है| बड़े उद्योगपति से लेकर आम आदमी तक हर कोई इसका उत्साहपूर्ण इंतज़ार करता है की कैसे नए परिवर्तन उनके वित्तीय हालातों में असर डालेंगे| तो यहाँ दिए गए हैं इस वर्ष के बजट के कुछ प्रावधान जो आपके व्यक्तिगत वित्त में असर डाल सकते हैं |
१) व्यक्तिगत आयकर दर पर यथापूर्व स्थिति :
जहां वेतनमान कर्मचारी आयकर छूट में बढ़त की आशा कर रहे थे ,वही वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आयकर दर में इस वर्ष कोई बदलाव नहीं लाया | परिणाम स्वरुप, आपके द्वारा चुकाए गए आयकर पर कोई प्रत्यक्ष परिवर्तन नहीं दिखेगा |
२) वेतनमान कर्मचारियों के लिए 40,000 रुपये की मानक कटौती :
केंद्रीय बजट 2018 में, वेतनमान कर्मचारियों के लिए 40,000 रुपये की मानक कटौती के प्रावधान दिए गए थे जिसमे 19,200 रुपये के वार्षिक परिवहन भत्ते और 15,000 रुपये के चिकित्सा भत्ते को प्रतिस्थापित किया गया | प्रभाव में, यह अतिरिक्त कटौती 5200 रुपये की राशि होती है| इसके साथ ही, आपके पास घर ले जाने के लिए कुछ व्यय योग्य आय होगी |
३) 10% एल.टी.सी.जी इक्विटी इंवेस्टमेंट्स पर :
अभी तक, दीर्घकालिक पूंजी लाभ पर टैक्स की छूट होती थी | हालांकि, बजट 2018 के पश्चात, एल.टी.सी.जी पर 10 % टैक्स शामिल किया गए जो सूचीबद्ध इक्विटी शेयर्स के स्थानांतरण के कारण उत्पन्न हुआ , बिना किसी अनुक्रमण लाभ के 1 लाख से अधिक गया| 31 जनवरी 2018 तक के लाभ पर ही सिर्फ छूट मिल सकती है |
उदहारण के लिए, मान लेते हैं की आपने 31 अक्टूबर 2017 को 200 रुपये के इक्विटी शेयर खरीदा और 31 दिसंबर 2018 को 250 रुपये में बेच देते हैं | इस स्थिति में, आपके पास कैपिटल लाभ 50 रूपया हो जाएगा (250 रुपये- 200 रुपये) परन्तु यदि 31 जनवरी 2018 तक स्टॉक की वैल्यू 220 रुपये हो जाती है, तो आपके कुल कैपिटल लाभ (जो 50 रुपये है ) से 20 रुपये की टैक्स की छूट मिलती है (250 - 200)| शेष 30 रुपये पर बिना सूचीकरण के 1 % के दर से टैक्स लगाया जाएगा |
४) शिक्षा, सेहत उपकर को ऊँचे दर पर मिलाया गया
नए टैक्स ढाँचे के अनुसार, अभी तक व्यक्तिगत आयकर में 3% का शिक्षा उपकर लगता था, यह 4% सेहत और शिक्षा उपकर में बदल गया है | इसका मतलब यह है की आपके वेतन से जाने वाली टैक्स की राशि में बढ़ौतरी |
५) सीमा शुल्क बढ़ाया
एक तथ्य जो आपके जेब से जा रहे पैसे पर अच्छा असर डाल रहा है वह है कई दैनिक उपयोग के उत्पादों में बढ़ी सीमा शुल्क| पिछले बार की तरह सीमा शुल्क को कम करने की बजाय बजट 2018 में सरकार ने सीमा शुल्क को बढ़ा दिया है|
मोबाइल फ़ोन्स: वित्त मंत्री ने मोबाइल फ़ोन के सीमा शुल्क में 15 % से 20 % तक की बढ़ौतरी प्रस्तावित की है | इसका मतलब यह की आपको मोबाइल खरीदने के लिए अब और ज्यादा खर्च करना पड़ेगा |
जूस : पिछले 30 % से 50 % तक सीमा शुल्क में बढ़ौतरी हुई है |
सौंदर्य उत्पादन : बजट ने मेकअप पसंद लोगो के लिए भी बुरा सन्देश जारी किया जिससे मेकअप ,सौंदर्य उत्पाद ,परफ्यूम्स इत्यादि में सीमा शुल्क 10% से बढ़कर 20% हो गया |
पर्सनल केयर उत्पाद : बहुत से सँवरने की चीज़ें,जिनमे शेविंग और शेविंग के बाद की चीज़ें ,डीओड्रेंट्स आदि अब और अधिक महंगा हो जाएगा क्यूंकि सीमा शुल्क 10% से दोगुना हो 20 % हो गया है |
रेशम के कपडे और जुट: बढ़ी हुई शुल्क अब आयात हुए रेशम के कपडे और जूते-चप्पलो को भी पहले से महंगा बना देगी |
अन्य : घड़ियाँ , खिलौने, और खेल के उपकरण भी सब महंगे हो रहे हैं |
संक्षेप में,
हर बजट की तरह, यह बजट भी आपके व्यक्तिगत वित्तो के लिए मिश्रित खज़ाना स्वरुप है | वरिष्ठ नागरिको के लिए स्टैण्डर्ड कटौतियों से लेकर टैक्स लाभ के परिवर्तन तक ,यह बजट आपको खुश करने के बहुत कम कारण लाया है |
बजट 2018 में वरिष्ठ नागरिको के लिए टैक्स लाभ
- सेहत बीमा के प्रीमियम की कटौती पर 30 ,000 रुपये से 50 ,000 रुपये तक की बढ़ौतरी |
- बैंकों के एफ.डी और पोस्ट ऑफिस योजना के ब्याज से अर्जित आयकी टैक्स छूट सीमा को 50 ,000 रुपये से बढ़ाकर 10 ,000 रुपये तक ला दिया गया |
- वरिष्ठ नागरिको की कुछ संगीन बीमारियां और उम्र सम्बंधित बिमारियों से कटौती दर 1 लाख तक बढ़ा दी गई |
- प्रधानमंत्री व्यय वंदना पेंशन योजना के अंतर्गत निवेश सीमा 15 लाख से बढ़कर 7 .5 लाख हो गई |
- यह परिवर्तन वरिष्ठ नागरिको के लिए ज्यादा बचत और बेहतर वित्तीय सुविधा प्रदान करती है |