- Date : 30/11/2022
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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जा रही डिजिटल मुद्रा की खास बातें

Digital currency: कल यानी दिसंबर 2022 की पहली तारीख से भारतीय रिजर्व बैंक साधारण ग्राहकों के लिए डिजिटल रुपए के लेनदेन का प्रायोगिक परीक्षण आरंभ करने जा रहा है। इससे बैंकों के ग्राहकों को लेनदेन में काफी आसानी होगी। डिजिटल रुपए बैंकों के जरिए वितरित किए जाएंगे और बैंक इस लेनदेन के लिए डिजिटल वालेट का उपयोग करेंगे।
डिजिटल रुपया को सीबीडीसी याना सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी कहा जाएगा। जिस तरह हम ई-वॉलेट में पैसे रखकर उनसे खरीदारी या बिलों का भुगतात करते हैं, उसी तरह डिजिटल मुद्रा का भी उपयोग किया जा सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी यह योजना डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित रहेगी और इसे कागजी रुपयों से भी बदला जा सकेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि साधारण ग्राहक बैंकों द्वारा जारी किए जानेवाले ई-वालेट के जरिए किसी भी व्यक्ति या व्यापारी से पैसे का लेनेदेन कर सकेंगे। इसके लिए व्यापारिक केंद्रों या दुकानों के क्यूआर कोड का उपयोग करना होगा। इस प्रायोगिक परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक सहित चार बैंक शामिल होनेवाले हैं।
खास बात यह है कि इस डिजिटल रुपए पर बैंक कोई ब्याज नहीं देंगे लेकिन डिजिटल रुपया भी नकदी की तरह ग्राहकों को भरोसा, सुरक्षा और समाधान की सुविधाएं प्रदान करेगा। इलेक्ट्रॉनिक कैश या डिजिटल रुपया कहे जाने वाले इस पैसे का उपयोग दवा, पोषण सामग्री आदि खरीदने में और साथ ही आयुष्मान भारत, टीबी उन्मूलन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, खाद पर सब्सिडी आदि योजनाओं के लिए भी किया जा सकेगा।
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डिजिटल करेंसी से होनेवाले बदलाव और उसके फायदे
डिजिटल रुपया से लेनदेन में आसानी होगी, मोबाल वॉलेट की तरह इंटरनेट उपलब्ध न होने पर भी लेनदेन किया जा सकेगा। डिजिटल मुद्रा का प्रचलन आरंभ हो जाने पर जाली नोटों से छुटकारा पाया जा सकेगा, नोटों की छपाई पर होनेवाले खर्च की भी बचत होगी और नोटों के फटने या नष्ट हेने की समस्या भी नहीं रहेगी। नोट ले जाने की ज़रूरत न होने से उनकी चोरी का भय भी नहीं रहेगा। चेक, बैंक खाते आदि कि जटिलताओं से भी छुटकारा मिल जाएगा।
इस बात को ध्यान में रखना ज़रूरी है कि इलेक्ट्रॉनिक कैश क्रिप्टो करेंसी से बिल्कुल अलग है। क्रिप्टो करेंसी पर किसी संस्था या सरकार की निगरानी न होने के कारण इसकी कीमत अस्थिर होती है, पर भारत की डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी निगरानी भी की जाएगी। इसे छिपाना संभव नहीं हो सकेगा।
बताया गया है कि थोक और खुदरा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रकार की डिजिटल मुद्रा होगी। प्रायोगिक परीक्षण में थोक क्षेत्र में कुछ चयनित संस्थाओं के उपयोग के लिए इसे जारी किया गया है। ये संस्थाएं सरकारी सिक्योरिटीज और बॉंड के लेनदेन में इस मुद्रा का उपयोग कर रही हैं। जबकि खुदरा क्षेत्र में यह सभी के लिए उपलब्ध रहेगा। हालांकि इसके पहले रूस, स्वीडन, जापान वेनेजुएला, दुबई और एस्तोनिया जैसे देशों ने अपनी क्रिप्टो करेंसी जारी की है, पर भारत वह पहला देश होगा जो अपने केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल म्रुद्रा जारी करेगा।
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कल से आम आदमी के लिए Digital Rupee की शुरुआत
Digital currency: कल यानी दिसंबर 2022 की पहली तारीख से भारतीय रिजर्व बैंक साधारण ग्राहकों के लिए डिजिटल रुपए के लेनदेन का प्रायोगिक परीक्षण आरंभ करने जा रहा है। इससे बैंकों के ग्राहकों को लेनदेन में काफी आसानी होगी। डिजिटल रुपए बैंकों के जरिए वितरित किए जाएंगे और बैंक इस लेनदेन के लिए डिजिटल वालेट का उपयोग करेंगे।
डिजिटल रुपया को सीबीडीसी याना सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी कहा जाएगा। जिस तरह हम ई-वॉलेट में पैसे रखकर उनसे खरीदारी या बिलों का भुगतात करते हैं, उसी तरह डिजिटल मुद्रा का भी उपयोग किया जा सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी यह योजना डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित रहेगी और इसे कागजी रुपयों से भी बदला जा सकेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि साधारण ग्राहक बैंकों द्वारा जारी किए जानेवाले ई-वालेट के जरिए किसी भी व्यक्ति या व्यापारी से पैसे का लेनेदेन कर सकेंगे। इसके लिए व्यापारिक केंद्रों या दुकानों के क्यूआर कोड का उपयोग करना होगा। इस प्रायोगिक परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक सहित चार बैंक शामिल होनेवाले हैं।
खास बात यह है कि इस डिजिटल रुपए पर बैंक कोई ब्याज नहीं देंगे लेकिन डिजिटल रुपया भी नकदी की तरह ग्राहकों को भरोसा, सुरक्षा और समाधान की सुविधाएं प्रदान करेगा। इलेक्ट्रॉनिक कैश या डिजिटल रुपया कहे जाने वाले इस पैसे का उपयोग दवा, पोषण सामग्री आदि खरीदने में और साथ ही आयुष्मान भारत, टीबी उन्मूलन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, खाद पर सब्सिडी आदि योजनाओं के लिए भी किया जा सकेगा।
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डिजिटल करेंसी से होनेवाले बदलाव और उसके फायदे
डिजिटल रुपया से लेनदेन में आसानी होगी, मोबाल वॉलेट की तरह इंटरनेट उपलब्ध न होने पर भी लेनदेन किया जा सकेगा। डिजिटल मुद्रा का प्रचलन आरंभ हो जाने पर जाली नोटों से छुटकारा पाया जा सकेगा, नोटों की छपाई पर होनेवाले खर्च की भी बचत होगी और नोटों के फटने या नष्ट हेने की समस्या भी नहीं रहेगी। नोट ले जाने की ज़रूरत न होने से उनकी चोरी का भय भी नहीं रहेगा। चेक, बैंक खाते आदि कि जटिलताओं से भी छुटकारा मिल जाएगा।
इस बात को ध्यान में रखना ज़रूरी है कि इलेक्ट्रॉनिक कैश क्रिप्टो करेंसी से बिल्कुल अलग है। क्रिप्टो करेंसी पर किसी संस्था या सरकार की निगरानी न होने के कारण इसकी कीमत अस्थिर होती है, पर भारत की डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी निगरानी भी की जाएगी। इसे छिपाना संभव नहीं हो सकेगा।
बताया गया है कि थोक और खुदरा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रकार की डिजिटल मुद्रा होगी। प्रायोगिक परीक्षण में थोक क्षेत्र में कुछ चयनित संस्थाओं के उपयोग के लिए इसे जारी किया गया है। ये संस्थाएं सरकारी सिक्योरिटीज और बॉंड के लेनदेन में इस मुद्रा का उपयोग कर रही हैं। जबकि खुदरा क्षेत्र में यह सभी के लिए उपलब्ध रहेगा। हालांकि इसके पहले रूस, स्वीडन, जापान वेनेजुएला, दुबई और एस्तोनिया जैसे देशों ने अपनी क्रिप्टो करेंसी जारी की है, पर भारत वह पहला देश होगा जो अपने केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल म्रुद्रा जारी करेगा।
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