- Date : 21/03/2023
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18 साल से कम उम्र के बच्चों के बैंक खाते से संबंधित पूरी जानकारी।

How to open bank account in childs name: आम तौर पर लोग बच्चों के नाम पर बैंक खाता नहीं खुलवाते हैं, जबकि इस खाते को खुलवाने के कई लाभ हैं। क्या आप अपने बच्चों के नाम पर बैंक खाता खुलवाना चाहते हैं? तो आइए इस बारे में कुछ जरूरी बातें जानते हैं।
अगर आप अपने नाबालिग यानी 18 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए बैंक में माइनर अकाउंट खोलते हैं तो उनके बालिग होने तक आप बच्चों के लिए बड़ा फंड जमा कर सकते हैं। इसके अलावा स्कूलों में जिन छात्रों को छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन की राशि, या बच्चों से जुड़ी किसी योजना की धनराशि मिलती है तो वह सीधे तौर पर उनके माइनर अकाउंट में ही आती है। इस खाते के द्वारा आप अपने बच्चे को बचत करने की आदत डलवा सकते हैं और उसे बचत के महत्व या फायदों के बारे में समझा सकते हैं। बैंकों में बच्चों के नाम से खोले जाने वाले खाते को 'माइनर अकाउंट' कहा जाता है। माइनर अकाउंट 18 साल से कम उम्र के नाबालिग के लिए ही खोला जा सकता है।
बच्चे के माता-पिता, अपने बच्चे के नाम से माइनर अकाउंट या नाबालिग बैंक खाता खोल सकते हैं। माता-पिता के अलावा बच्चे के कानूनी अभिभावक भी यह खाता खुलवा सकते हैं। बच्चे के साथ उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक संयुक्त खाता या ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। जिस बच्चे की उम्र 10 साल या उससे ज्यादा हो, वह अपने नाम पर बैंक खाता खुलवा सकता है और इस खाते को खुद संचालित कर सकता है।
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नाबालिक बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया
नाबालिक बैंक खाता खोलने के लिए भी वही प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसका किसी सामान्य बचत खाते को खोलने में उपयोग किया जाता है। खाता खोलने के लिए एक फार्म भरना होता है। यह फॉर्म वैसा ही होता है जैसा कोई भी बचत खाता खोलते समय भरा जता है। इस फॉर्म में आपको अपने बच्चे के बारे में पूरी जानकारी जैसे कि उसका नाम, पता, उम्र, अभिभावक का विवरण भर कर उस पर हस्ताक्षर करने होते हैं। खाता खोलने के लिए नाबालिग बच्चे की उम्र का प्रमाणपत्र, अभिभावक का केवाईसी, नाबालिग का आधार कार्ड आदि दस्तावेजों की जरूरत होती है।
जब तक बच्चे की उम्र 10 साल नहीं हो जाती है, तब तक उसका खाता उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा ऑपरेट किया जाता है। 10 साल की उम्र के बाद नाबालिग अगर चाहे तो वह खुद अपने खाते को ऑपरेट कर सकता है। जब बच्चा बालिग हो जाता है, यानी उसकी उम्र 18 साल हो जाती है, तब उसके खाते को सामान्य बचत खाते में बदल दिया जाता है। बालिग होने पर खाता धारक को अपने खाते को सामान्य बचत खाते में बदलवाने के लिए केवाईसी विवरण के साथ फिर से आवेदन करना होता है।
तो अब जब आपने नाबालिग खाता के बारे में सब जान लिया है तो और देर न करके बच्चे का खाता खुलवाएं और छोटी उम्र से ही उसमें बचत करने की आदत डालें।
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How to open bank account in childs name: आम तौर पर लोग बच्चों के नाम पर बैंक खाता नहीं खुलवाते हैं, जबकि इस खाते को खुलवाने के कई लाभ हैं। क्या आप अपने बच्चों के नाम पर बैंक खाता खुलवाना चाहते हैं? तो आइए इस बारे में कुछ जरूरी बातें जानते हैं।
अगर आप अपने नाबालिग यानी 18 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए बैंक में माइनर अकाउंट खोलते हैं तो उनके बालिग होने तक आप बच्चों के लिए बड़ा फंड जमा कर सकते हैं। इसके अलावा स्कूलों में जिन छात्रों को छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन की राशि, या बच्चों से जुड़ी किसी योजना की धनराशि मिलती है तो वह सीधे तौर पर उनके माइनर अकाउंट में ही आती है। इस खाते के द्वारा आप अपने बच्चे को बचत करने की आदत डलवा सकते हैं और उसे बचत के महत्व या फायदों के बारे में समझा सकते हैं। बैंकों में बच्चों के नाम से खोले जाने वाले खाते को 'माइनर अकाउंट' कहा जाता है। माइनर अकाउंट 18 साल से कम उम्र के नाबालिग के लिए ही खोला जा सकता है।
बच्चे के माता-पिता, अपने बच्चे के नाम से माइनर अकाउंट या नाबालिग बैंक खाता खोल सकते हैं। माता-पिता के अलावा बच्चे के कानूनी अभिभावक भी यह खाता खुलवा सकते हैं। बच्चे के साथ उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक संयुक्त खाता या ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। जिस बच्चे की उम्र 10 साल या उससे ज्यादा हो, वह अपने नाम पर बैंक खाता खुलवा सकता है और इस खाते को खुद संचालित कर सकता है।
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नाबालिक बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया
नाबालिक बैंक खाता खोलने के लिए भी वही प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसका किसी सामान्य बचत खाते को खोलने में उपयोग किया जाता है। खाता खोलने के लिए एक फार्म भरना होता है। यह फॉर्म वैसा ही होता है जैसा कोई भी बचत खाता खोलते समय भरा जता है। इस फॉर्म में आपको अपने बच्चे के बारे में पूरी जानकारी जैसे कि उसका नाम, पता, उम्र, अभिभावक का विवरण भर कर उस पर हस्ताक्षर करने होते हैं। खाता खोलने के लिए नाबालिग बच्चे की उम्र का प्रमाणपत्र, अभिभावक का केवाईसी, नाबालिग का आधार कार्ड आदि दस्तावेजों की जरूरत होती है।
जब तक बच्चे की उम्र 10 साल नहीं हो जाती है, तब तक उसका खाता उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा ऑपरेट किया जाता है। 10 साल की उम्र के बाद नाबालिग अगर चाहे तो वह खुद अपने खाते को ऑपरेट कर सकता है। जब बच्चा बालिग हो जाता है, यानी उसकी उम्र 18 साल हो जाती है, तब उसके खाते को सामान्य बचत खाते में बदल दिया जाता है। बालिग होने पर खाता धारक को अपने खाते को सामान्य बचत खाते में बदलवाने के लिए केवाईसी विवरण के साथ फिर से आवेदन करना होता है।
तो अब जब आपने नाबालिग खाता के बारे में सब जान लिया है तो और देर न करके बच्चे का खाता खुलवाएं और छोटी उम्र से ही उसमें बचत करने की आदत डालें।
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